तापमान का प्रादेशिक वितरण | तापमान को प्रभावित करने वाले कारक

पृथ्वी पर तापमान का वितरण अक्षांश, सूर्य की किरणों का कोण, पृथ्वी का झुकाव, घूर्णन (Rotation), परिक्रमण जैसे कारकों के अतिरिक्त पृथ्वी की स्थलाकृतिक विशेषता, जल एवं थल के वितरण पर भी निर्भर करता है। धरातल पर तापमान के वितरण को प्रभावित करने वाले प्रमुख कारक निम्न है।

  1.  अक्षांश स्थिति (Latitude position)
  2.  सागर से दूरी
  3.  स्थल एवं जल का वितरण तथा प्रकृति
  4.  ढाल की स्थिति
  5.  प्रचलित पवन
  6.  सागरीय धाराएं

तापीय विशेषता के आधार पर पृथ्वी पर निम्न तापीय पेटियां में पाई जाती हैं।

(1) विषुवत रेखीय प्रदेश (Equatorial region)


विश्वत रेखा के 5 डिग्री उत्तरी तथा 5 डिग्री दक्षिणी अक्षांश के बीच विस्तृत भाग को इस प्रदेश के अंतर्गत सम्मिलित किया जाता है। प्रकाश रेखा विषुवत रेखा को सदैव दो भागों में बराबर बांटती है। जिस कारण दिन और रात बराबर समय के होते हैं। सूर्य की किरणें लंबवत पड़ती हैं, जिस कारण वर्ष भर तापमान ऊंचा बना रहता है। वार्षिक तापांतर स्थलों पर 4 डिग्री फारेनहाइट तथा सागरों पर केवल 1°F ही होता है परंतु औसत दैनिक तापांतर 10 डिग्री से 15 डिग्री का होता है। 92°F का अधिकतम तापमान मई में अंकित किया जाता है। परंतु कभी भी वह 88 डिग्री फारेनहाइट से कम नहीं होने पाता है।
सूर्य का उत्तरायण तथा दक्षिणायन स्थितियों के कारण साल में दो बार उच्चतम तथा दो बार न्यूनतम तापमान प्राप्त होता है। परंतु इनमें विशेष अंतर नहीं हो पाता है। अत्यधिक तापमान के कारण सदैव वायुमंडल में नमी बनी रहती है। जिस कारण यह प्रदेश मानव के लिए स्वास्थ्यप्रद नहीं होता है। सागर तल में 14000 फीट की ऊंचाई पर पर्वतीय भागों में हिमपात होता है।

(II) अंतरा उष्णकटिबंधीय प्रदेश (Inter tropical region)


इस प्रदेश का विस्तार दोनों गोलार्धों में 5 डिग्री तथा 20 डिग्री अक्षांश के बीच पाया जाता है। यद्यपि तापमान वर्ष भर ऊंचा रहता है, लेकिन ग्रीष्म तथा शीत ऋतु के बीच तापमान में अंतर स्पष्ट रहता है। यद्यपि सागरीय भागों पर तापमान का ऋतुवत् परिवर्तन अधिक नहीं हो पाता है, परंतु महाद्वीपों पर ग्रीष्म काल अधिक गर्म तथा शीत ऋतु ठंडी हो जाती है। सबसे उष्म तथा ठंडे महीनों का तापमान 82 डिग्री फारेनहाइट तथा 70 डिग्री फारेनहाइट होता है। इस तरह वार्षिक तापांतर 12 से 15°F तथा दैनिक तापांतर 20°F तक बढ़ जाता है। सूर्य के उत्तरायण एवं दक्षिणायन की स्थिति में यह पेटी क्रमशः उत्तर एवं दक्षिण विस्थापित होती है।

(III) उष्णकटिबंधीय प्रदेश (Tropical region)


दोनों गोलार्धो में 12 डिग्री से 25 डिग्री अक्षांश के मध्य विस्तृत भाग को उष्ण कटिबंध के अंतर्गत सम्मिलित करते हैं। निम्न अक्षांश से उच्च अक्षांश की ओर तापमान घटता जाता है। गर्मियों में दिन की अवधि 14 घंटे तथा जाड़े में रात 14 घंटे की होती है। उत्तरी गोलार्ध में 21 जून तथा दक्षिणी गोलार्ध में 22 दिसंबर को सूर्य की किरणें क्रमशः कर्क एवं मकर रेखा पर लंबवत पड़ती है। इस तरह प्रत्येक भाग में साल में एक बार उच्चतम तथा एक बार न्यूनतम तापमान प्राप्त होता है। इस प्रदेश पर प्रत्येक माह का तापमान कम से कम 65°F (18°C) अवश्य होता है। रेगिस्तानी भागों में ग्रीष्मकाल में 90°F (32°C) तक तापमान अंकित किया जाता है। परंतु यह 120°F से ऊपर उठ जाता है।

1922 के सितंबर महीने में अल्जीरिया में 136°F (58°C) तापमान अंकित किया गया था। रात्रि में मरुस्थल में तापमान 40 डिग्री फारेनहाइट तक गिर जाता है, जिस कारण दैनिक तापांतर उष्ण मरुस्थलों में 40 डिग्री तक हो जाता है। शीतकाल का औसत तापमान 75°F (विषुवत रेखा की ओर जाने वाले भाग में) तथा 65°F (ध्रवों की ओर जाने वाले भाग में) अंकित किया जाता है। इस तरह ग्लोब का तापमान यहीं पर अंकित किया जाता है। लीबिया का अल्जीरिया तथा पाकिस्तान का जैकोबाबाद विश्व का सर्वाधिक गर्म स्थान है, जो इसी प्रदेश में स्थित है।

(IV) उपोष्ण कटिबंधीय प्रदेश (Subtropical region)


इस प्रदेश का विस्तार 25 डिग्री से 45 डिग्री अक्षांशों के मध्य दोनों गोलार्धो में पाया जाता है। सूर्य की किरणों के अपेक्षाकृत अधिक तिरछेपन के कारण सर्दियों में तापमान अधिक गिर जाता है तथा कभी-कभी ध्रुवीय शीत लहरों के आगमन के कारण तापमान हिमांक के नीचे चला जाता है। सबसे गर्म तथा ठंडे महीने का तापमान औसत रूप में क्रमश 75°F तथा 48°F होता है। बगदाद का सबसे गर्म तथा ठंडे महीने का तापमान क्रमश 94 डिग्री फारेनहाइट तक 46°F होता है। 

महाद्वीपों के पश्चिमी तटीय भागों में औसत वार्षिक तापांतर 30°F  तथा आंतरिक भागों में 30 डिग्री से 70°F होता है। दक्षिणी गोलार्ध में जल के अधिक विस्तार के कारण 20° से 30°F होता है। प्रत्येक स्थलीय भाग में कम से कम 4 महीने का तापमान 70 डिग्री से अधिक तथा 4 महीने का 60°F से कम होता है। सूर्य के उत्तरायण तथा दक्षिणायन की स्थिति में इस तापीय प्रदेश में भी विस्थापन होता है।

(V) शीतोष्ण कटिबंधीय प्रदेश (Temperate zone)


दोनों गोलार्धों में 45 से 66.5 डिग्री अक्षांश के बीच वाला भाग शीतोष्ण कटिबंध के अंतर्गत आता है। दिन की अवधि लंबी होने पर सूर्य की किरणों के अत्यधिक तिरछेपन के कारण तापमान बहुत कम हो जाता है। शीत तथा ग्रीष्म ऋतुओं के बीच का अंतर अत्याधिक हो जाता है। जाड़े में तापमान हिमांक से नीचे गिर जाता है। जिस कारण कनाडा, साइबेरिया आदि का अधिकांश भाग बर्फ से ढक जाता है। कहीं-कहीं पर गर्म सागरीय धाराओं के कारण जाड़े का तापमान नीचे नहीं जा पाता है। उदाहरण के लिए उत्तरी-पश्चिमी यूरोप तथा इंग्लैंड का भाग।

दक्षिण पश्चिम आयरलैंड में स्थित वैलिनटिया नगर का तापमान इसी कारण से किसी भी महीने में 40°F से कम नहीं हो

पाता है। इस प्रदेश की सबसे बड़ी विशेषता अधिक वार्षिक तापांतर का पाया जाना है। ब्लाडीवोस्टक का सबसे गर्म तथा ठंडे महीने का तापमान क्रमश: 69 डिग्री तथा 6°F होता है, जिस कारण वार्षिक तापांतर 63°F हो जाता है। यहीं पर कभी-कभी गर्मियों में तापमान 66°F हो जाता है तथा सर्दियों में -22°F तक गिर जाता है, जिस कारण वार्षिक तापांतर 88°F तक हो जाता है। यह तापांतर कभी-कभी विशेष परिस्थितियों में 148°F तक पहुंच जाता है। टैगा जलवायु प्रदेश की स्थिति यही है।

(VI) टुंड्रा प्रदेश (Tundra region)


यह शीतोष्ण कटिबंधीय तथा ध्रुवीय प्रदेशों के बीच पाया जाता है। सूर्य की किरणें यहां बहुत तिरछी हो जाती हैं। जिस कारण कम सूर्यतप (Sun Sun) मिलने के कारण तापमान अत्यधिक कम हो जाता है। नवंबर से अप्रैल तक उत्तरी गोलार्ध में औसत तापमान हिमांक से नीचे हो जाता है तथा न्यूनतम तापमान 40°F तक होना सामान्य बात है। अधिकांश भागों में गर्मियों में भी हिम पिघल नहीं पाता है। रूस में स्थित। वरखोयांस्क ग्लोब का सबसे ठंडा स्थान है। जहां न्यूनतम तापमान -93°F या -68°F तक गिर जाता है।

(VII) ध्रुवीय प्रदेश (Polar region)


यह प्रदेश उत्तरी तथा दक्षिण ध्रुवों के चारों ओर पाया जाता है। अधिकांश भागों में सूर्य की किरणें धरातल पर नहीं आ पाती हैं। उत्तरी गोलार्ध में प्रायः सभी भाग वर्ष भर हिमाच्छादित रहते हैं। स्थान-स्थान पर उत्तरी गर्म जलधारा गर्मियों में कुछ हिम पिघल पाती है। उत्तरी ध्रुव पर जनवरी का तापमान 40 डिग्री फाइनेंस हो जाता है। वार्षिक तापांतर 60 डिग्री से 70 डिग्री फारेनहाइट से अधिक होता है। दक्षिणी गोलार्ध में ध्रुव के पास स्थल के कारण जाड़े में तापमान 80 डिग्री फारेनहाइट तक गिर जाता है। {किस कंपनी के शेयर खरीदें?}

सूर्य कभी भी क्षितिज पर प्रकट नहीं हो पाता है। दैनिक तापांतर वार्षिक तापांतर से कम होता है। सूर्यतप के अभाव में रात दिन के तापमान में अंतर न होने के कारण दैनिक तापांतर नगण्य होता है। यहां अंटार्कटिका में विश्व का न्यूनतम तापमान का स्थान बोस्तोव स्थिति है, जहां -88 डिग्री सेल्सियस तापमान पाया जाता है।

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