नीदरलैंड यूरोप महाद्वीप का एक प्रमुख देश है, जो उत्तरी-पूर्वी यूरोप में स्थित है। इसकी उत्तरी-पश्चिमी सीमा पर समुद्र, दक्षिण में बेल्जियम तथा पूर्व में जर्मनी है। यह यूरोपियन संघ, नाटो, आर्थिक एवं विकास संगठन तथा विश्व व्यापार संगठन का संस्थापक सदस्य है। बेल्जियम तथा लक्जमबर्ग के साथ यह बेनिलक्स आर्थिक संघ का भी रूप लेता है।
बेल्जियम, लक्जमबर्ग तथा नीदरलैंड निम्न देश (Low Countries) कहलाते हैं। नीदरलैंड एक छोटा किंतु औद्योगिक देश है, जो हालैण्ड नाम से प्रसिद्ध रहा है। हालैण्ड के डच लोग परिश्रमी, साहसी तथा नाविक कला में उन्नत रहे हैं, जो समुद्र पार व्यापार तथा उपनिवेशन द्वारा देश को समृद्ध बना सके। उपनिवेशों का अंत हो जाने से नीदरलैंड्स के संसाधनों में बहुत कमी हो गई है। सीमित भूमि पर जनसंख्या के बढ़ते हुए भार की समस्या विकट है।
नीदरलैंड का क्षेत्रफल 41,000 वर्ग किमी है तथा जनसंख्या लगभग 17 मिलियन है। औसत जनसंख्या घनत्व 413 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी है। वर्तमान में नीदरलैंड में 1.5 से 2 लाख हिंदू रहते हैं, जिनमें से अधिकांश दक्षिण अमेरिका में एक पूर्व डच उपनिवेश सूरीनाम से आये थे।
भू-आकृतिक विशेषता
देश का उत्तरी-पश्चिमी भाग समुद्र तल से मात्र 1 मीटर ऊंचा है। देश का एक तिहाई भाग उच्च ज्वार तल से भी नीचा है। अतः एव अनेक बांध बनाकर भूमि को सुरक्षित रखने का प्रयास किया गया है। ऐसी भूमि को यहां फोल्डर कहा जाता है। देश का सबसे नीचा भाग समुद्र तल से 6.7 मीटर नीचे है।
पूर्व की ओर रेतीली तथा मूर की निम्न पहाड़ियां स्थित है।
जलवायु
यहां ठंडी शीतोष्ण सागरीय जलवायु मिलती है। तटीय भागों में शीतकालीन औसत तापमान 3 डिग्री सेल्सियस तथा ग्रीष्म काल में 16 डिग्री सेल्सियस रहता है। आंतरिक भागों में कुछ तापांतर मिलते हैं। वर्षा चक्रवातों से वर्षभर होती है। जनवरी-फरवरी में हिमपात होता है।
प्राकृतिक वनस्पति
नीदरलैंड्स में वनों का अभाव है। रेतीले टीले पर घास तथा चीड़ के वृक्ष लगाए जाते हैं। दलदली भूमि में जलीय पौधे उगते हैं। पूर्वी पहाड़ी भागों में हीथ तथा मूर वनस्पति की प्रधानता है।
नीदरलैंड्स की कृषि
देश की 10 प्रतिशत कार्यशील जनसंख्या कृषि एवं मत्स्य उत्पादन में संलग्न है। इससे देश को मात्र 3 प्रतिशत उत्पाद प्राप्त होता है। पूर्वी भाग में पीट भूमि का पुनरुद्धार करके आलू, राई व जई की खेती होती है। जटलैंड द्वीप पर गेहूं, चुकंदर, चारा फसलें एवं सब्जियां उगाई जाती है। यहां दूध वाले मवेशी पाले जाते हैं तथा दूध पदार्थों का निर्यात किया जाता है। कांचघरो या ग्रीन हाउस में सब्जियां तथा दक्षिण-पश्चिम में फूलों की व्यापारिक खेती की जाती है। मुर्गी पालन भी वाणिज्यिक स्तर पर होता है। मत्स्य उत्पादन केवल स्थानीय उपयोग के लिए होता है।
खनिज एवं ऊर्जा संसाधन
नीदरलैंड में धात्विक खनिजों का नितांत अभाव है। कोयला अल्प मात्रा में मिलता है। कुछ पेट्रोलियम भी मिलता है। प्राकृतिक गैस प्रचुर मात्रा में मिलती है। अनेक नदियां होने के बावजूद जल विद्युत उत्पादन के लिए उपयोगी नहीं है।
नीदरलैंड्स के उद्योग
खनिज तथा ऊर्जा संसाधनों के अभाव के बावजूद नीदरलैंड्स औद्योगिक विकास कर सका, इसका प्रमुख कारण देश की भौगोलिक स्थिति है। व्यापार के विकास से ही उद्योगों की स्थापना हुई। लोहा, इस्पात, इंजीनियरिंग, पोत निर्माण, वस्त्र, सीसा, जस्ता, टिन तथा तेल शोधन आदि प्रमुख उद्योग है। पर्यटन भी महत्वपूर्ण उद्योग है। उद्योग क्षेत्र से देश को 26 प्रतिशत उत्पादन प्राप्त होता है।
जनसंख्या
नीदरलैंड्स यूरोप का सबसे घना आबाद देश है। यहां जनाधिक्य की समस्या है, दक्षिणी हालैण्ड, उट्रेश्त तथा लिम्बर्ग अधिक घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं, जबकि ड्रेन्थे, फलेवोलैण्ड, जटलैंड व फ्राइजलैण्ड विरल आबादी है। डच यहां की राष्ट्रीयता है। इसने 26 जुलाई, 1581 में स्पेन से अपनी स्वतंत्रता प्राप्त की थी।
नीदरलैंड्स में 100 प्रतिशत साक्षरता तथा 65 प्रतिशत लोग नगर में रहते हैं। प्रति व्यक्ति औसत वार्षिक आय $44,650 है। यूरो यहां की मुद्रा है। एवं मानव विकास सूचकांक बहुत उच्च है।
एम्स्टर्डम प्रमुख पत्तन, औद्योगिक एवं व्यापारिक केंद्र एवं प्रशासनिक राजधानी है। रॉटरडम अन्य प्रमुख पत्तन नगर एवं उट्रेश्त प्रमुख नगर है।