पेंच परियोजना मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र राज्य की संयुक्त परियोजना है। यह परियोजना पेंच नदी पर स्थित है। यहां 2 पावर प्लांट बनाए गए हैं, जिसके माध्यम से 1320 मेगावाट बिजली का उत्पादन किया जाता है। इस परियोजना की जिम्मेदारी अदानी ग्रुप कंपनी की है।
इस परियोजना के विरोध में मध्यप्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के कुछ गांवों ने इस परियोजना का विरोध किया, जिसमें नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेता सुश्री मेधा पाटकर भी शामिल थी। आंदोलन के कारण गांव के कुछ लोगो को सरकार ने जेल में बंद कर दिया था।
पेंच नदी के बारे में
इस नदी को नागपुर एवं छिंदवाड़ा की जीवनदायिनी नदी कहा जाता है। छिंदवाड़ा जिले में स्थित गांव के निकट पहाड़ स्थित है। इसी गांव के एक खेत के किनारे लगे एक बेर के वृक्ष के नीचे से इस नदी का उद्गम हुआ है। अत्यधिक घुमावदार होने के कारण इस नदी का नाम पेंच नदी पड़ा। छिंदवाड़ा जिले में ही एक अन्य नदी कुलबहरा नदी बहती है, जिसका संगम पेंच नदी के साथ होता है और अंत में यह नागपुर जिले में कन्हान नदी से मिल जाती है। इस नदी पर बांध बनाये गये है।
- माचागोरा बांध,
- तोतलाडोह बांध,
- कामठी खैरी बांध
इसके साथ-साथ यहां एक नेशनल पार्क भी बनाया गया है, जिसका नाम पेंच नेशनल पार्क छिंदवाड़ा है।