ग्लास चाइल्ड सिंड्रोम (Glass Child Syndrome) क्या है?

ग्लास चाइल्ड सिंड्रोम (Glass Child Syndrome) एक ऐसी स्थिति को संदर्भित करता है, जिसमें माता-पिता या परिवार किसी बच्चे (आमतौर पर जिसे ‘ग्लास चाइल्ड‘ कहा जाता है) की भावनात्मक और मानसिक आवश्यकताओं को अनदेखा कर देते हैं क्योंकि परिवार में किसी अन्य बच्चे को विशेष ज़रूरतें या विकलांगता होती है।

आखिर, ग्लास चाइल्ड क्यों कहा जाता है?
इसे ‘ग्लास’ (कांच) इसलिए कहा जाता है क्योंकि ऐसा माना जाता है कि लोग इन बच्चों को ‘देखते’ हैं लेकिन उनकी भावनाओं को अनदेखा कर देते हैं।

लक्षण और प्रभाव:

  1. आत्मविश्वास की कमी।
  2. अपनी भावनाओं को दबाने की आदत।
  3. यह महसूस करना कि उनकी जरूरतों का महत्व नहीं है।
  4. मानसिक तनाव और चिंता।

कारण:

यह तब होता है, जब परिवार में किसी अन्य बच्चे (जैसे विशेष ज़रूरतों वाले बच्चे) की देखभाल और ध्यान में पूरी ऊर्जा लगाई जाती है, जिससे दूसरे बच्चे की भावनाओं और जरूरतों को अनजाने में नजरअंदाज कर दिया जाता है।

समाधान:

  1. परिवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सभी बच्चों को समान रूप से प्यार और ध्यान मिले।
  2. ‘ग्लास चाइल्ड’ को खुलकर अपनी भावनाएं व्यक्त करने के लिए प्रोत्साहित करें।
  3. परामर्श (काउंसलिंग) की मदद लें।
  4. अगर इस बारे में अधिक जानकारी या परामर्श की ज़रूरत हो, तो मनोवैज्ञानिक या परामर्शदाता से संपर्क करना फायदेमंद हो सकता है।
Scroll to Top
10 TYPES OF ROSES FOR YOUR LOVELY HOME OR GARDEN Benefits of Gulmohar Tree or Plant Best Stock in Auto Ancillaries in India Some important facts about IRIS plant Which is good stock in EV sector?