प्रबुद्ध नगर या स्मार्ट सिटी, नगरीय विकास का एक नया मॉडल है। इस पर चर्चा कीजिए।

स्मार्ट सिटी का अर्थ है एक ऐसा शहर जो आधुनिक तकनीक और डेटा का उपयोग करके नागरिकों को बेहतर सुविधाएं, सेवाएं और जीवन स्तर प्रदान करता है। स्मार्ट सिटी की अवधारणा में ऊर्जा प्रबंधन, परिवहन, स्वास्थ्य, सुरक्षा, शिक्षा, और जल प्रबंधन जैसी सेवाओं का कुशलतापूर्वक संचालन शामिल होता है।

स्मार्ट सिटी के मुख्य तत्व:

  1. स्मार्ट ट्रांसपोर्ट सिस्टम: पब्लिक ट्रांसपोर्ट में सुधार, ट्रैफिक मैनेजमेंट और स्मार्ट पार्किंग की सुविधा।
  2. स्वच्छ ऊर्जा: सोलर पावर और अन्य अक्षय ऊर्जा स्रोतों का इस्तेमाल।
  3. स्मार्ट पानी और अपशिष्ट प्रबंधन: पानी की आपूर्ति और कचरे का सही तरीके से प्रबंधन।
  4. डिजिटल सेवाएं: सरकारी सेवाओं का ऑनलाइन उपलब्ध होना, जिससे नागरिक घर बैठे विभिन्न सेवाओं का लाभ उठा सकें।
  5. सुरक्षा और निगरानी: सीसीटीवी कैमरों का नेटवर्क, स्मार्ट लाइटिंग और आपातकालीन सेवाएं।
  6. स्वास्थ्य और शिक्षा में सुधार: स्मार्ट अस्पताल और ऑनलाइन शिक्षा प्रणाली।

भारत सरकार द्वारा शुरू की गई स्मार्ट सिटी मिशन योजना के तहत देशभर में 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। इसका उद्देश्य शहरीकरण के दबाव को कम करना और लोगों को बेहतर जीवन की सुविधा देना है।

स्मार्ट सिटी की विशेषताएँ:

  1. स्मार्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर:
    • स्मार्ट सिटी में अत्याधुनिक तकनीक के आधार पर इन्फ्रास्ट्रक्चर का निर्माण होता है, जैसे स्मार्ट बिल्डिंग्स, हरित इमारतें (ग्रीन बिल्डिंग्स) और ऊर्जा बचत वाली तकनीकें।
    • यह इमारतें स्वचालित होती हैं, जो ऊर्जा का कम उपयोग करती हैं और संसाधनों का पुनः उपयोग करती हैं।
  2. कुशल ऊर्जा प्रबंधन:
    • स्मार्ट सिटी अक्षय ऊर्जा स्रोतों (जैसे सौर ऊर्जा और पवन ऊर्जा) का इस्तेमाल करती है।
    • बिजली की बचत और कुशल प्रबंधन के लिए स्मार्ट ग्रिड का इस्तेमाल किया जाता है, जिससे ऊर्जा की मांग और आपूर्ति में संतुलन बनाए रखा जाता है।
  3. स्मार्ट जल और अपशिष्ट प्रबंधन:
    • पानी की रिसाइकलिंग और स्मार्ट मीटरिंग जैसी तकनीकों का उपयोग जल की बर्बादी को रोकने के लिए किया जाता है।
    • अपशिष्ट प्रबंधन के लिए स्मार्ट डस्टबिन और ट्रैकिंग सिस्टम का इस्तेमाल होता है, जिससे कचरे को सही समय पर इकट्ठा किया जा सके।
  4. स्मार्ट परिवहन:
    • स्मार्ट सिटी में सार्वजनिक परिवहन प्रणाली को कुशल और उपयोगकर्ता के अनुकूल बनाने के लिए स्मार्ट ट्रांसपोर्टेशन तकनीक का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे:
      • स्मार्ट ट्रैफिक लाइट्स और ट्रैफिक प्रबंधन
      • जीपीएस-आधारित सार्वजनिक परिवहन ट्रैकिंग
      • इलेक्ट्रिक वाहन (EV) और चार्जिंग स्टेशनों का नेटवर्क
    • यातायात जाम को कम करने के लिए स्मार्ट पार्किंग की सुविधा होती है।
  5. स्मार्ट गवर्नेंस:
    • ई-गवर्नेंस सिस्टम के तहत स्मार्ट सिटी के नागरिकों को सरकारी सेवाएं ऑनलाइन मिलती हैं, जैसे बिलों का भुगतान, जन्म प्रमाण पत्र और लाइसेंस के लिए आवेदन।
    • नागरिक समस्याओं के समाधान के लिए ग्रिवांस रिड्रेसल सिस्टम और मोबाइल एप्स का भी इस्तेमाल किया जाता है।
  6. स्मार्ट सुरक्षा:
    • शहर में जगह-जगह सीसीटीवी कैमरे और सेंसर लगाए जाते हैं, जिससे आपराधिक गतिविधियों पर नज़र रखी जा सके।
    • इमरजेंसी सेवाओं के लिए अलर्ट सिस्टम और स्मार्ट लाइटिंग होती है, जो सुरक्षा में मदद करती है।
  7. स्मार्ट शिक्षा और स्वास्थ्य:
    • शिक्षा के लिए ई-लर्निंग, डिजिटल क्लासरूम और ऑनलाइन पाठ्यक्रम जैसे डिजिटल साधनों का इस्तेमाल किया जाता है।
    • स्मार्ट हेल्थ केयर सिस्टम में ऑनलाइन डॉक्टर परामर्श, टेलीमेडिसिन सेवाएं और हेल्थ डेटा के कुशल प्रबंधन जैसी सेवाएं उपलब्ध होती हैं।
  8. स्मार्ट कनेक्टिविटी:
    • पूरे शहर में हाई-स्पीड इंटरनेट और वाई-फाई नेटवर्क की सुविधा होती है, जिससे नागरिक और व्यवसाय आसानी से डिजिटल सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं।
    • इंटरनेट ऑफ थिंग्स (Internet of Things) और सेंसर नेटवर्क का उपयोग करके विभिन्न सेवाओं और उपकरणों को आपस में जोड़ा जाता है।

भारत में स्मार्ट सिटी मिशन:

भारत सरकार ने 2015 में स्मार्ट सिटी मिशन की शुरुआत की थी, जिसका उद्देश्य 100 शहरों को स्मार्ट सिटी के रूप में विकसित करना है। इस मिशन के तहत चुने गए शहरों में निम्नलिखित सुधार किए जा रहे हैं:

  • बुनियादी ढांचे का विकास
  • स्वच्छ जल और स्वच्छता की बेहतर सुविधा
  • हरित ऊर्जा के उपयोग को प्रोत्साहन
  • डिजिटल सेवाओं का विकास
  • हरित क्षेत्रों का विस्तार और पर्यावरणीय सुधार

स्मार्ट सिटी के लाभ:

  1. संसाधनों का कुशल उपयोग: स्मार्ट सिटी प्रौद्योगिकी के उपयोग से ऊर्जा, पानी और अन्य संसाधनों का कुशल उपयोग संभव होता है।
  2. बेहतर जीवनस्तर: नागरिकों को बेहतर सार्वजनिक सेवाएं और सुविधाएं मिलती हैं, जिससे जीवनस्तर में सुधार होता है।
  3. आर्थिक विकास: स्मार्ट सिटी में डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर के कारण व्यवसायों को अधिक अवसर मिलते हैं, जिससे रोजगार और आर्थिक विकास को प्रोत्साहन मिलता है।
  4. पर्यावरण संरक्षण: हरित प्रौद्योगिकियों और ऊर्जा बचत उपायों से पर्यावरणीय सुधार होता है और प्रदूषण कम होता है।

चुनौतियाँ:

  1. वित्तपोषण: स्मार्ट सिटी परियोजनाओं में बड़ी मात्रा में निवेश की आवश्यकता होती है, जो एक चुनौती हो सकती है।
  2. तकनीकी जटिलता: आधुनिक तकनीक और स्मार्ट सिस्टम की स्थापना और संचालन में तकनीकी जटिलताएँ हो सकती हैं।
  3. समान विकास: स्मार्ट सिटी योजना में शामिल नहीं होने वाले शहरों के विकास की अनदेखी हो सकती है।

स्मार्ट सिटी का उद्देश्य एक समृद्ध और पर्यावरणीय रूप से सतत भविष्य का निर्माण करना है, जहां नागरिकों को अधिक सुरक्षित, स्वच्छ और आरामदायक वातावरण मिल सके।

ये 20 शहर जो स्मार्ट सिटी की लिस्ट में हैं, जिनमे – भुवनेश्वर, पुणे, जयपुर, सूरत, कोच्चि, अहमदाबाद, जबलपुर, विशाखापत्तनम, सोलापुर, भुवनागिरी, इंदौर, कोयंबटूर, काकीनाडा, बेलगाम, उदयपुर, गुवाहाटी, चेन्नई, लुधियाना और भोपाल साथ ही एनडीएमसी के अंतर्गत आने वाला क्षेत्र नई दिल्ली है।