पृथ्वी की दो गतियां है।
- घूर्णन (Rotation)
- परिक्रमण (Revolution)
घूर्णन (Rotation)
- पृथ्वी अपने अक्ष (Axis) पर पश्चिम से पूर्व की ओर 23 घंटे, 56 मिनट एवं 4.09 सेकंड में एक चक्कर पूरा करती है।
- इस अवधि (लगभग 24 घंटे) को पृथ्वी का एक दिन कहते हैं। पृथ्वी की इस घूर्णन गति को दैनिक गति कहते हैं। इससे दिन रात होता है।
- अपने अक्ष पर घूमने के कारण ही पृथ्वी पूर्णतया गोलाकार नहीं है, बल्कि ध्रुवों पर चपटी एवं विषुवत रेखीय पेटी में उभरी हुई है। यह आकृति भु-आभ (Geoid) कहलाती है।
- पृथ्वी का विषुवत रेखीय व्यास 12,756 किमी तथा ध्रुवीय व्यास (Polar diameter) 12,713 किमी है।
- अक्ष कल्पित रेखा (Fictitious line) है, जो पृथ्वी के केंद्र, उत्तरी एवं दक्षिणी ध्रुव को मिलाती है।
- पृथ्वी अपने अंडाकार कक्षा तल के साथ 66.5 डिग्री का कोण बनाती है, अर्थात कक्षीय झुकाव 66.5 डिग्री है।
नक्षत्र दिवस (Nakshatra Day) :
- किसी मध्याह्व रेखा के ऊपर किसी नक्षत्र के 2 बार गुजरने की अवधि एक नक्षत्र दिवस कहलाती है।
- एक नक्षत्र दिवस की लंबाई 23 घंटे, 56 मिनट 4 सेकंड है।
सौर दिवस (Solar Day) :
किसी निश्चित मध्याह्व रेखा के ऊपर सूर्य के 2 बार गुजरने की अवधि सौर दिवस कहलाती है।
- एक औसत सौर दिवस नक्षत्र दिवस से 3 मिनट, 56 सेकंड बड़ा होता है।
- पृथ्वी की विषुवत रेखीय परिधि 40,075 किमी है, जिस पर एक बिंदु 1669.8 किमी प्रति घंटा की दर से गतिशील होता है। ध्रुवों की ओर जाते हुए गति क्रमशः मन्द होती जाती है।
- 45 डिग्री अक्षांश पर पृथ्वी की गति 1,120 किमी प्रति घंटा होती है, ध्रुवों पर शून्य प्रायः हो जाती है।
परिक्रमण (Revolution)
पृथ्वी सूर्य के चारों ओर निश्चित कक्षा (Orbit) में चक्कर लगाती है, इस गति को परिक्रमण (Rotation) गति कहते हैं।
- पृथ्वी अपने अक्ष पर घूर्णन करते हुए सूर्य के चारों ओर अंडाकार पथ (Oval path) में परिक्रमा करती है।
- पृथ्वी एक परिक्रमा 365 दिन, 5 घंटा, 48 मिनट में पूरा करती है। इस अवधि को पृथ्वी का 1 वर्ष कहते हैं।
- सूर्य की परिक्रमा में पृथ्वी सूर्य के एक बार निकटतम तथा एक बार दूरतम होती है।
- उपसौर (Perihelion) : सूर्य दक्षिणायण की स्थिति में 3 जनवरी को पृथ्वी के निकटतम स्थित होती है, इस अवस्था को उपसौर कहते हैं। उपसौर के समय सूर्य पृथ्वी से 14.7 करोड किमी दूर स्थित होता है।
- अपसौर (Aphelion) : सूर्य उत्तरायण की स्थिति में 4 जुलाई को पृथ्वी से अधिकतम दूरी पर स्थित होता है, इस स्थिति को अपसौर कहते हैं।
- अपसौर के समय, सूर्य पृथ्वी से 15.2 करोड़ किमी दूर स्थित होता है।
- परिक्रमण से ऋतु परिवर्तन होता है।