सागरमाला परियोजना | समुद्री क्रांति | भारत के प्रमुख बंदरगाह

खाद्यानों में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने तथा कृषि विकास को नए आयाम देने के लिए हरित क्रांति, तिलहनों का उत्पादन बढ़ाने के लिए पीली क्रांति, दूध का उत्पादन बढ़ाने के लिए डेयरी विकास हेतु श्वेत क्रांति और मत्स्य उत्पादन बढ़ाने के लिए नीली क्रांति और झींगा उत्पादन बढ़ाने के लिए गुलाबी क्रांति, इस तरह सभी क्षेत्रों में विकास करने के लिए विभिन्न प्रकार की क्रांतियों का विकास किया गया। सूचना प्रौद्योगिकी एवं संचार सेवाओं के विकास हेतु संचार क्रांति के साथ-साथ विश्वस्तरीय सड़कें बनाने लिए के लिए राजमार्ग क्रांति एवं समग्र रूप से स्थानों, व्यक्तियों, व्यवसायों के बीच संपर्क स्थापित करने के लिए संपर्क क्रांति के एक घटक के रूप में तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेई ने 15 अगस्त 2003 को स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर लालकिले से अपने भाषण में एक लाख करोड़ रुपए के निवेश वाली सागरमाला योजना प्रारंभ किए जाने की घोषणा की थी। इसमें बंदरगाहों, जहाजरानी तथा अंतर्देशीय जल परिवहन क्षेत्रों के त्वरित विकास की यह अति महत्वकांक्षी परियोजना थोक में माल की ढुलाई हेतु विश्वस्तरीय पोत परिवहन सुविधाओं के सृजन के लिए प्रारंभ की जा रही है। इसका एक अन्य प्रमुख उद्देश्य भारत के पास उपलब्ध लंबे समुद्री तट पर मनोहारी पर्यटन केंद्रों को एक सूत्र में पिरोकर पर्यटन उद्योग को बढ़ावा देना है। 

भारत के जल परिवहन संभावनाएं


भारत की समुद्री सीमा की कुल लंबाई 7516.6 किमी है। इसमें से 5600 किमी लंबा समुद्री तट देश के 9 राज्यों गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा कर्नाटक, केरल, तमिलनाडु, आंध्रप्रदेश, उड़ीसा तथा पश्चिम बंगाल एवं 2 केंद्रशासित क्षेत्रों दमन एवं दीव तथा पांडिचेरी तक फैला हुआ है। इसके अलावा शेष भाग बंगाल की खाड़ी में अंडमान निकोबार द्वीपसमूह तथा अरब सागर में लक्ष्यद्वीप व मिनिकाय द्वीपसमूह के रूप में 1916.6 किमी लंबा समुद्री तट है।
भारत के पश्चिम तट एवं पूर्वी तट पर कुल 12 बड़े बंदरगाह एवं 200 छोटे एवं मझोले बंदरगाह है। 200 छोटे व मझोले बंदरगाहों में से 9 बंदरगाह प्रत्यक्ष गोदियों वाले सभी मौसम के लिए उपयुक्त बंदरगाह, 12 सभी मौसमों के लिए उपयुक्त, किंतु बड़े जहाजों को गोदियों तक न ला सकने के कारण माल छोटे-छोटे जलयानों से जहाज तक लाने ले-जाने के लिए उपयुक्त बंदरगाह हैं।
सभी बड़े बंदरगाह केंद्र सरकार के अधीन है जबकि सभी छोटे बंदरगाह संबंधित राज्य सरकारों के अधीन होते हैं। यातायात की दृष्टि से 10 लाख टन वार्षिक से अधिक यातायात संभालने वाले बंदरगाह को बड़ा बंदरगाह, 1 लाख टन से 10 लाख टन तक वार्षिक यातायात संभालने वाले बंदरगाह को मझोला बंदरगाह तथा 1500 से 1 लाख टन तक माल यातायात सामान्य वाले बंदरगाह को छोटा बंदरगाह कहा जाता है। देश का लगभग 90% से अधिक व कारोबार बड़े बंदरगाहों के द्वारा ही होता है।

विगत 20 से 25 वर्षों में दक्षिण के राज्यों में जिस तेजी से विनिर्माणकारी एवं निर्यातोन्मुखी गतिविधियों में विस्तार हुआ है। उससे बड़े बंदरगाह पर भीड़-भाड़ की समस्या बढ़ी है। जहाजों को किनारे पर लाने में लगने वाला औसत समय 14 से 21 दिन तक हो गया है। ऐसे में मझोले एवं छोटे बंदरगाहों का महत्व अपेक्षाकृत अधिक बढ़ गया है।
दक्षिण के राज्यों को टैक्सटाइल, इंजीनियरिंग, समुद्री उत्पादों जवाहरातों एवं आभूषणों, इंजीनियरिंग एवं ऑटोमोबाइल्स कलपुर्जों के विनिर्माण एवं निर्यात में महारथ हासिल है। यहां कर्नाटक को चेन्नई, कोचीन या तूतीकोरिन या मझगांव, न्हावाशेवा बंदरगाहों पर निर्भर रहना पड़ता है और दूसरी ओर इसके स्वयं के बंदरगाहों मंगलौर तथा कारवार तक बंगलुरु से सीधा सड़क संपर्क नहीं है। तमिलनाडु, कर्नाटक तथा आंध्रप्रदेश की निर्यात संभाव्यताओं के दोहन हेतु छोटे बंदरगाहों का विकास करना जरूरी हो गया है।

भारत में विदेशों को यात्री एवं माल यातायात सेवाएं समुद्री मार्ग से उपलब्ध कराने या तटीय जहाजरानी विकसित करने के साथ-साथ देश के भीतर पूरे वर्ष बहने वाली नदियां एवं केरल के ‘बैंक वाटर वे’ को जल परिवहन के लिए प्रयुक्त किए जाने की संभावनाएं भी काफी प्रबल है। संसद द्वारा पारित एक अधिनियम के तहत निम्नलिखित अंतर्देशीय जलमार्गों को राष्ट्रीय जलमार्ग घोषित किया गया है।
सरकार देश में परिवहन के एक वैकल्पिक साधन के रूप में अंतर्देशीय जलमार्गों का विकास करने के लिए प्रयासरत है, जो सड़क एवं रेल परिवहन दोनों ही के मुकाबले कहीं ज्‍यादा स्‍वच्‍छ एवं किफायती है। वर्तमान में देशभर में 111 राष्‍ट्रीय जलमार्ग हैं। वर्ष 2016 में 106 जलमार्गों को राष्‍ट्रीय जलमार्ग घोषित करने के बाद 5 मौजूदा राष्‍ट्रीय जलमार्गों की सूची में इनको शामिल करने से ही राष्‍ट्रीय जलमार्गों की संख्‍या बढ़ गई है।

भारत के प्रमुख राजमार्ग


  • राष्ट्रीय जलमार्ग-1 :  गंगा-भागीरथी व हुगली नदी प्रणाली का 1620 किमी लंबे, इलाहाबाद-हल्दिया खंड को अक्टूबर 1986 से राष्ट्रीय जलमार्ग संख्या-1 घोषित किया गया है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग-2 :  ब्रह्मपुत्र नदी के 891 किमी लंबे सैदिया-धुबरी खंड को सितंबर 1988 में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-2 घोषित किया गया है।
  • राष्ट्रीय जलमार्ग-3 :  चंपाकारा नहर (30 किमी) तथा उदगमण्डल नहर (14 किमी) के साथ-साथ पश्चिम तृतीय नहर के कोट्टापुरम कोल्लम खंड (205 किमी) को फरवरी 1993 में राष्ट्रीय राजमार्ग संख्या-3 घोषित किया गया।
  • राष्‍ट्रीय जलमार्ग-4 :  विजयवाड़ा से मुक्तयाला (आंध्र प्रदेश)
  • राष्ट्रीय राजमार्ग-5 :  महाराष्‍ट्र में राष्‍ट्रीय जलमार्ग
  1. राष्‍ट्रीय जलमार्ग 10 (अम्‍बा नदी)
  2. राष्‍ट्रीय जलमार्ग 85 (रेवादंडा क्रीक-कुन्‍डालिका नदी प्रणाली)
  3. राष्ट्रीय राजमार्ग – गोवा में राष्‍ट्रीय जलमार्ग
  4. राष्‍ट्रीय जलमार्ग – 27 कम्बरजुआ – जुआरी के साथ संगम से लेकर मंडोवी नदी के साथ संगम तक (17 किमी)
  5. राष्‍ट्रीय जलमार्ग 68 – मंडोवी-उसगांव पुल से अरब सागर तक (41 किमी)
  6. राष्‍ट्रीय जलमार्ग 111 – जुआरी – सनवोरडम पुल से मोरमुगाओ बंदरगाह तक (50 किमी)
    • राष्‍ट्रीय जलमार्ग – 9 :  अलप्पुझा – कोट्टायम – अथीरमपुझा कैनाल बोट जेटी, केरल में अलप्पुझा से अथीरमपुझा तक (38 किमी)
    • राष्‍ट्रीय जलमार्ग – 100 :  तापी नदी
    • राष्‍ट्रीय जलमार्ग – 97 :  सुंदरबन जलमार्ग

बंदरगाह (Harbor) किसी बड़े जल निकाय से जुड़ा हुआ ऐसा जलसमूह होता है जहाँ जहाजों और नावों को बड़े जलसमूह के खुले पानी से आश्रय मिलता है। यहाँ से मानव तथा उससे संबंधित सामानों का स्थल से जल की ओर तथा जल से स्थल की ओर आयात-निर्यात किया जाता है। कई बंदरगाहों में जहाज़ों के स्वयं भूमि तक आकर उसके साथ खड़े होने के प्रबन्ध होते हैं, लेकिन अन्य में कम गहराई के कारण जलयान भूमि से कुछ दूरी पर खड़े होते हैं और उनसे सामान व लोग छोटी नावों द्वारा भूमि तक आ-जा सकते हैं।

यह आयात-निर्यात करने का एक सस्ता साधन है। भारतीय तटीय सीमा पर 13 बड़े तथा 200 छोटे आकार के बंदरगाह स्थित है। भारत का 95 प्रतिशत व्यापार इन्हीं बंदरगाहों तथा समुद्री मार्गो से होता है। 

भारत समुद्र से सटे हुए निम्नलिखित बंदरगाह स्थित है, जो इस प्रकार है।

  1. कांडला बंदरगाह – यह गुजरात के कच्छ की खाड़ी में स्थित एक ज्वारीय बंदरगाह है।
  2. ओख बंदरगाह – गुजरात के कच्छ की खाड़ी में स्थित।
  3. पोरबंदर बंदरगाह – गुजरात के पश्चिमी तट पर स्थित बंदरगाह जो सीमेंट और नमक का उत्पादन हेतु प्रसिद्ध है।
  4. सूरत बंदरगाह – गुजरात के दक्षिण-पश्चिम तट पर स्थित।
  5. मुंबई बंदरगाह – मुंबई देश का सबसे बड़ा बंदरगाह है जहां से देश का सबसे अधिक समुद्री आयात निर्यात किया जाता है इस बंदरगाह के यातायात भार को कम करने के लिए न्हावाशेवा बंदरगाह की स्थापना की गई।
  6. मर्मागावों बंदरगाह – यह जुआरी नदी के ज्वारनमुख (एश्चुअरी) पर स्थित गोवा का प्रमुख बंदरगाह है।
  7. मंगलौर बंदरगाह – कर्नाटक तट पर स्थित प्रमुख बंदरगाह।
  8. कालीकट बंदरगाह – केरल तट पर स्थित एक लघु बंदरगाह, केंद्र एवं प्रसिद्ध मत्स्य क्षेत्र है।
  9. कोच्चि बंदरगाह – वेंवानद झील में स्थित केरल का एक महत्वपूर्ण प्राकृतिक बंदरगाह है, जिसे पश्चिम का सर्वश्रेष्ठ बंदरगाह माना जाता है।
  10. क्वीलोन बंदरगाह – केरल के पश्चिमी तट पर स्थित छोटा बंदरगाह।
  11. तिरुअनंतपुरम बंदरगाह – केरल के दक्षिणी तट पर स्थित।
  12. कन्याकुमारी बंदरगाह – तमिलनाडु के दक्षिणी तट पर स्थित।
  13. तूतीकोरिन बंदरगाह – तमिलनाडु तट पर स्थित मुख्य बंदरगाह जो मोती उत्पादक के लिए प्रसिद्ध है।
  14. रामेश्वरम् बंदरगाह – तमिलनाडु के दक्षिणी पूर्वी तट पर एक प्राकृतिक बंदरगाह जो अपनी सुंदरता के लिए प्रसिद्ध है तथा भारत के चार प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है।
  15. नागापटनम बंदरगाह – तमिलनाडु के पूर्व तट पर स्थित।
  16. पांडिचेरी बंदरगाह – तमिलनाडु के पूर्वी तट पर स्थित।
  17. चेन्नई बंदरगाह – चेन्नई का बंदरगाह का जो देश के सर्वाधिक प्राचीन बंदरगाह में से एक है। यह एक कृत्रिम बंदरगाह है।
  18. मछलीपट्टनम बंदरगाह – आंध्र प्रदेश के उत्तर पूर्वी तट पर स्थित जो तंबाकू निर्यात के लिए प्रसिद्ध है।
  19. काकीनाडा/यानम बंदरगाह – आंध्र प्रदेश के उत्तर पूर्वी भाग में स्थित देश का सर्वश्रेष्ठ प्राकृतिक बंदरगाह है।
  20. पारादीप बंदरगाह – यह बंदरगाह उड़ीसा तट पर महानदी डेल्टा क्षेत्र में स्थापित किया गया है। इसे फ्री पोर्ट बनाया जा रहा है। यहां से जापान को लौह अयस्क और मैग्नीज निर्यात किया जाता है।
  21. हल्दिया बंदरगाह – कोलकाता बंदरगाह के भार को कम करने के लिए हल्दिया बंदरगाह का निर्माण किया गया।
  22. डायमंड हर्बल बंदरगाह – कोलकाता बंदरगाह का समुद्र स्थित पोताश्रय डायमंड हर्बल बंदरगाह है।
  23. कोलकाता बंदरगाह – यह हुगली नदी के किनारे स्थित है।
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