लोअर अरुण परियोजना सबसे बड़ी विदेशी निवेश परियोजना है। इस परियोजना को Build, On, Operate & Transfer (BOOT) मॉडल के तहत विकसित किया जा रहा है।। इसे पूर्वी नेपाल में अरुण नदी पर विकसित किया जा रहा है।। यह सबसे बड़ी ट्रांस-हिमालयी नदी है, जो नेपाल से होकर गुजरती है। यह नदी सप्त कोसी नदी प्रणाली में बहती है। तिब्बत में, इसे ऊपरी भाग में मेन क्यू (Men Qu) के रूप में जाना जाता है।
लोअर अरुण जलविद्युत परियोजना
लोअर अरुण परियोजना पूर्वी नेपाल के संखुवासभा जिले में स्थित एक जलविद्युत परियोजना है। यह परियोजना नेपाल विद्युत प्राधिकरण द्वारा विकसित की गई है और इसे नेपाल में सबसे बड़ी जलविद्युत परियोजनाओं में से एक माना जाता है। लोअर अरुण परियोजना की क्षमता 400 मेगावाट है और इसे दो चरणों में विकसित किया जा रहा है।
परियोजना के पहले चरण में अरुण नदी पर एक बांध और एक शीर्ष सुरंग का निर्माण शामिल है जो पानी को नीचे की ओर स्थित एक बिजलीघर में मोड़ देगा। बिजलीघर में चार 100 मेगावाट टर्बाइन होंगे। परियोजना के पहले चरण में सालाना लगभग 2,537 GWh बिजली पैदा होने की उम्मीद है।
परियोजना के दूसरे चरण में पहले बिजलीघर के डाउनस्ट्रीम में एक अतिरिक्त बांध और बिजलीघर का निर्माण शामिल है। दूसरे चरण से परियोजना में और 400 मेगावाट क्षमता जोड़ने की उम्मीद है।
एक बार पूरा हो जाने पर, लोअर अरुण परियोजना नेपाल में बिजली की बढ़ती मांग को पूरा करने और देश के आर्थिक विकास में योगदान करने में मदद करेगी। इस परियोजना से स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर पैदा करने, बुनियादी ढांचे में सुधार और ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली प्रदान करने से महत्वपूर्ण लाभ मिलने की उम्मीद है।