BOOT मॉडल :
BOOT मॉडल परियोजना वितरण पद्धति का एक रूप है। यह आमतौर पर बड़े पैमाने पर बुनियादी ढांचा परियोजनाओं के लिए उपयोग किया जाता है। इस तरह के मॉडल के तहत, एक निजी इकाई को अनुबंध के तहत एक सुविधा के डिजाइन, वित्त, निर्माण, स्वामित्व और संचालन के लिए सार्वजनिक क्षेत्र से रियायत प्राप्त होती है। यह परियोजना प्रस्तावक को परियोजना के अपने निवेश, संचालन और रखरखाव के खर्चों को वसूल करने में मदद करता है। यह मॉडल आमतौर पर सार्वजनिक-निजी भागीदारी में उपयोग किया जाता है।
ढाँचागत क्षेत्र (पुल, सड़क, डैम, रेल जैसे मेट्रो) में बढ़ते व्यय को देखते हुए सरकार ने राजमार्ग परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन हेतु BOT मॉडल (Build-Operate-Transfer Model) को पुनः अपनाने का फैसला किया है। इस मॉडल के अंतर्गत बनने वाली परियोजनाओं में सरकार को अपने खजाने से पूंजी नहीं लगानी होती है। वर्ष 2015 में सरकार ने राजमार्ग परियोजनाओं के क्रियान्वयन हेतु हाइब्रिड-एन्यूटी-मॉडल (Hybrid-Annuity Model- HAM) को अपनाया था, परंतु बैंकों ने इस परियोजना में पूंजी लगाने में उदासीनता दिखाई, जिसके कारण इसकी महत्ता में कमी आई। मगर इस मॉडल के तहत पूरी धन राशि निजी संस्था द्वारा की खर्च की जाएगी, और बाद में तैयार होने के बाद सरकार को सौंप दी जाएगी।