1946 में गठित के. सी. नियोगी समिति की संस्तुति पर भारत में योजना आयोग का गठन 15 मार्च, 1950 को एक गैर-संबंधित तथा परामर्शदात्री निकाय/थिंक टैंक पोलीसी के रूप में किया गया था। भारत के प्रधानमंत्री योजना आयोग के प्रधान अध्यक्ष होते हैं। इस आयोग का एक उपाध्यक्ष, 3 पूर्णकालिक एवं 3 अंशकालिक सदस्य होते हैं। इसमें वित्तमंत्री, रक्षामंत्री तथा गृहमंत्री इसके सदस्य होते हैं। इस आयोग के प्रथम तथा अंतिम उपाध्यक्ष क्रमशः गुलजारीलाल नंदा और मोंटेकसिंह अहलूवालिया थे। वर्तमान में इसके स्थान पर नीति आयोग को लाया गया है।
नीति आयोग
नीति आयोग भारत सरकार द्वारा 1 जनवरी, 2015 को गठित एक नई संस्था है। जिसे योजना आयोग के नाम से जाना। यह एक गैर-संवैधानिक संस्था है। नीति आयोग का पूरा नाम राष्ट्रीय भारत परिवर्तन संस्थान है। यह योजना आयोग की तरह कोई वित्तीय आवंटन नहीं करता है। इसके अध्यक्ष प्रधानमंत्री होते है। इसके उपाध्यक्ष की नियुक्ति प्रधानमंत्री करते है। उपाध्यक्ष को कैबिनेट मंत्री का दर्ज़ा दिया जाता है। इसके उपाध्यक्ष अर्थशास्त्री सुमन बेरी (25 April, 2022) है तथा इसके CEO श्री बी वी आर सुब्रमण्यम को बनाया गया है।
सरकार द्वारा संचालित संगठन, नीति आयोग के उपाध्यक्ष, राजीव कुमार ने एक सरकारी आदेश के कारण इस्तीफा दे दिया है। अर्थशास्त्री सुमन बेरी, योजना एजेंसी के नए प्रमुख के रूप में कार्यभार संभालेंगी। (रिपोर्ट 25 अप्रैल, 2022 के अनुसार)
भारत में आयोजन :
(1) प्रथम पंचवर्षीय योजना (1951-55)
भारत की पहली पंचवर्षीय योजना 1 अप्रैल, 1951 से शुरू हुई थी। यह योजना डोमर समृद्धि मॉडल पर आधारित है। कृषि व सिंचाई इस योजना का मुख्य उद्देश्य था। सामुदायिक विकास कार्यक्रम तथा राष्ट्रीय प्रसार सेवा इसी योजना में शुरू की गई। भाखड़ा नांगल परियोजना, दामोदर घाटी एवं हीराकुंड जैसी बहुउद्देशीय परियोजनाएं भी प्रथम पंचवर्षीय योजना की ही देन है।
(2) द्वितीय पंचवर्षीय योजना (1956-61)
पी.सी. महालनोविस मॉडल के आधार पर द्वितीय पंचवर्षीय योजना की शुरुआत भारी उद्योग से शुरू हुई थी, जिसमें –
- राउरकेला (उड़ीसा) – जर्मनी के सहयोग से
- भिलाई (छत्तीसगढ़) – रूस के सहयोग से
- दुर्गापुर (पश्चिम बंगाल) – ब्रिटेन के सहयोग से
- चितरंजन लोकोमोटिव संयंत्रों की स्थापना की गई।
(3) तृतीय पंचवर्षीय योजना (1961-66)
इस योजना में भारत को काफी कठिनाइयों से झूझना पड़ा। जैसे भारत-चीन युद्ध, भारत-पाकिस्तान युद्ध तथा सूखा पड़ जाने के कारण तीसरी पंचवर्षीय योजना असफल रही। इसके अंतर्गत रुपए का अवमूल्यन किया गया। रूस की सहायता से बोकारो आयरन एंड स्टील इंडस्ट्री की स्थापना भी इसी योजना के तहत हुई। 2 जुलाई, 1964 IDBI BANK की स्थापना तथा 14 जनवरी, 1965 को Food Corporation of India (FCI) की स्थापना।
अवकाश योजना : 1 अप्रैल, 1966 से 31 मार्च, 1969 तक योजना अवकाश के नाम से जाने गई। इस योजना के अंतर्गत 1966-67 में भारत में हरित क्रांति की शुरुआत हुई थी।
(4) चौथी पंचवर्षीय योजना (1969-74)
इस योजना के अंतर्गत जुलाई, 1969 में 14 वाणिज्यिक बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया। 1974 में भारत द्वारा भूमिगत नाभिकीय परीक्षण भी किया गया तथा परिवार नियोजन कार्यक्रम को लागू किया गया। श्वेत क्रांति का प्रारंभ भी 1970 में हुआ था।
(5) पांचवी पंचवर्षीय योजना (1974-79)
इस योजना का मुख्य उद्देश्य गरीबी उन्मूलन के साथ आत्मनिर्भरता प्राप्त करना था। काम के बदले अनाज कार्यक्रम इस योजना के अंतर्गत लागू की गई।
- 20 अक्टूबर, 1975 को क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक की स्थापना।
- 1977-78 दीनदयाल अंत्योदय योजना की शुरुआत।
- गरीबी हटाओ का नारा दिया गया।
अनवरत योजना (1978-80) : जनता सरकार द्वारा पांचवी पंचवर्षीय योजना को 1 साल पहले ही समाप्त करके 1 अप्रैल, 1978 को अनवरत योजना लागू की गई।
छठी पंचवर्षीय योजना की शुरुआत दो बार की गई थी। जनता सरकार द्वारा तथा कांग्रेस सरकार द्वारा।
(6) छठी पंचवर्षीय योजना (1980-85)
इस योजना में 12 जुलाई 1982, नाबार्ड की स्थापना की गई, 6 बैंकों का राष्ट्रीयकरण किया गया तथा गरीबी निवारण तथा रोजगार सृजन पर बल दिया गया।
(7) सातवीं पंचवर्षीय योजना (1985-90)
इस पंचवर्षीय योजना में समृद्धि, आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और सामाजिक न्याय पर बल देना रहा। इसके लिए खाद्यान्न उत्पादन में वृद्धि, उत्पादकता व रोजगार अवसरों में वृद्धि पर विशेष ध्यान दिया गया।
- 1986 में स्पीड पोस्ट की स्थापना।
- 1987 में ट्राईफेड (भारतीय जनजातीय सहकारी विपणन परिसंघ) की स्थापना।
- 12 अप्रैल, 1988 को सेबी (भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड) की स्थापना।
- डा. मनमोहन सिंह को भारतीय अर्थव्यवस्था के उदारीकरण का अग्रदूत कहा जाता है।
(8) आठवीं पंचवर्षीय योजना (1992-97)
यह योजना आधारभूत ढांचे पर बल देने के रूप में परिणत जॉन डब्ल्यू मुलर मॉडल पर आधारित थी। 1 जनवरी 1995 को भारत WTO का सदस्य बना।
- 15 अगस्त, 1995 – मध्याह्न भोजन योजना।
(9) नौवीं पंचवर्षीय योजना (1997-2002)
इस योजना का उद्देश्य सामाजिक न्याय और समानता के साथ आर्थिक समृद्धि था।
- 2 मई, 1998 को दूसरा परमाणु परीक्षण
- मई, 1999 – कारगिल युद्ध (ओपरेशन विजय)
- 1 नवम्बर, 2000 – सर्व शिक्षा अभियान
(10) दसवीं पंचवर्षीय योजना (2002-07)
साक्षरता दर को 2007 तक 75% तक पहुंचाना, इस योजना का एक उद्देश्य था। इसलिए सभी बच्चों को 2003 तक स्कूलों में दाखिल करना और 2007 तक सभी बच्चों की स्कूल पढ़ाई को 5 वर्ष पूरा करना। 2006 में नरेगा योजना आन्ध्रप्रदेश से शुरू तथा 2 अक्टूबर, 2009 से इसका नाम मनरेगा कर दिया गया।
(11) 11वीं पंचवर्षीय योजना (2007-12)
इसमें कृषि क्षेत्र में औसत वृद्धि दर 3.7% रही जोकि लक्ष्य 4% था।
(12) 12वीं पंचवर्षीय योजना
27 दिसंबर 2012 को संपन्न राष्ट्रीय विकास परिषद की बैठक में 12वीं पंचवर्षीय योजना के दस्तावेज को स्वीकृति प्रदान की गई।