- किसी आज्ञा या कानून को न मानना – अवज्ञा
- जिसके समान कोई न हो – अद्वितीय
- जो बदला न जा सके – अपरिवर्त्य
- जो विश्वास करने लायक न हो – अविश्वसनीय
- परम्परा से सुनी हुई बात या उक्ति – अनुश्रुति
- जिसकी उपमा न दी जा सके – अनुपमेय
- जिसका विवाह न हुआ हो – अविवाहित
- जिसकी नाप-तौल न हो सके – अपरिमेय
- जिसकी आशा न की गयी हो – अप्रत्याशित
- जो व्यवहार में न लाया गया हो – अव्यवहृत
- जो प्रमाण से सिद्ध न हो सके – अप्रमेय
- जो पान करने योग्य न हो – अपेय
- जो सर्वसाधारण के सामने न रखा गया हो – अप्रकाशित
- जो प्रतीत न हो सके – अप्रतीयमान
- जिसका आदि न हो – अनादि
- जिसके आने की तिथि निश्चित न हो – अतिथि
- जो कहा न जा सके – अकथनीय
- जिसकी कल्पना न की जा सके – अकल्पनीय
- जिसकी तुलना न की जा सके – अतुलनीय
- जो बीत चुका हो – अतीत
- आवश्यकता से अधिक वर्षा – अतिवृष्टि
- जिसका भाग्य अच्छा न हो – अभागा/भाग्यहीन
- जो कुछ न करता हो – अकर्मण्य
- जिसकी आशा न की गई हो – अप्रत्याशित
- जिसे भुलाया न जा सके – अविस्मरणीय
- जिसका कोई दूसरा उपाय न हो – अन्योपाय
- जो अनुकरण करने योग्य हो – अनुकरणीय
- वह कार्य जो बिना वेतन के थ्क्यज्ञ जाये – अवैतनिक
- वह वस्तु जिसके आर-पार न देखा जा सके – अपारदर्शी
- एक से अधिक माताओं से पैदा हुआ भाई – अन्दयोदर
- पृथ्वी और सूर्यादि लोको के मध्य का स्थान – अंतरिक्ष
- जिस तक पहुंचा न जा सके – अगम्य
- जो दबाया न जा सके – अदम्य
- सीमा का अनुचित उल्लंघन – अतिक्रमण
- जो अपनी जगह से न हिले – अडिग
- कभी न टूटने वाला – अटूट
- जो अपने बात से न टले – अटल
- जिसके कुल का पता न हो – अज्ञातकुल
- जो कुछ नहीं जानता हो – अज्ञ
- जिसे जीता न जा सके – अजेय
- जो कभी बूढ़ा न हो – अजर
- जो छुआ न गया हो – अछूता
- जो छूने योग्य न हो – अछूत
- जिसकी चिन्ता नहीं हो सकती – अचिन्त्य
- जो खाली न जाए – अचूक
- जिसका स्वामी न हो – अनाथ
- जिसका जन्म पीछे हुआ हो – अनुज
- जिसका जन्म पहले हुआ हो – अग्रज
- पर्वत के ऊपर की समतल भूमि – अधित्यका
- रोग जिसका ठीक होना कठिन हो – असाध्य
- जो दूर की बात सोच न सके – अनाग्रसोची
- जिस पर अभियोग चलाया गया हो – अभियुक्त
- किसी कथन को बढ़ा-चढ़ाकर कहना – अतिशयोक्ति
- जो ढका न हो – अनावृत
- साधारण या व्यापक नियम के विरुद्ध चीजें – अपवाद
- व्यर्थ ही अधिक खर्च करने वाला – अपव्ययी
- जो सबके अंतःकरण की बात जानने वाला हो – अन्तर्यामी
- जिसके पास कुछ न हो – अकिंचन
- जो रूप में समान हो – अनुरूप
- जो पीछे चलता हो – अनुगामी
- जिसकी उपमा न हो – अनुपम
- जो पहले कभी घटित न हुआ हो – अघटित
- जिसका वर्णन न हो सके – अवर्णनीय
- जिसके बिना काम न चल सके – अनिवार्य
- बिना पलक गिराये – अनिमेष
- जो कम जानता हो – अल्पज्ञ
- एक-एक अक्षर तक – अक्षरश:
- जो न मरे – अमर, अमर्त्य
- अवश्य होने वाला – अवश्यम्भावी
- किसी कहे हुए पद्य के अंतिम अक्षर से प्रारंभ होने वाला – अंत्याक्षरी
- जिसकी परिभाषा देना संभव न हो – अपरिभाष्य
- जो न जाना गया हो – अनवगत
- जिस पर आक्रमण न किया गया हो – अनाक्रान्त
- जो नियमानुकूल न हो – अनियमित
- जो सबके आगे रहता हो – अग्रणी
- जिसका ज्ञान इंद्रियों द्वारा न हो – अगोचर
- अधिकार में आया हुआ – अधिकृत
- जो कहा न जा सके – अकथनीय
- जो देखने योग्य न हो – अदर्शनीय
- धर्म के विरुद्ध कार्य – अधर्म
- किसी पक्ष का समर्थन करने वाला – अधिवक्ता
- वास्तविक मूल्य से अधिक लिया जाने वाला शुल्क – अधिमूल्य
- जिसका निश्चित घर न हो – अनिकेत
- किसी सिद्धांत का समर्थन करने वाला – अनुयायी
- जिसका अनुभव किया गया हो – अनुभूत
- किसी काम के लिए दी जाने वाली सहायता – अनुदान
- नीचे की ओर आना – अपकर्ष
- जिसकी उम्मीद हो – अपेक्षित
- जानवर किसी की देख-रेख में न हो – अनेर
- जिसका कोई शत्रु न हो – अजातशत्रु
- जो 6 माह में एक बार हो – अर्धवार्षिक
- जो गिना न जा सके – अगणित
- दोपहर के बाद का समय – अपराह्न
- जिसका कभी जन्म न हुआ हो – अजन्मा
- किसी कथा, बात तथा प्रसंग के अंतर्गत आने वाला या कोई दूसरी कथा या प्रसंग – अन्तर्कथा
- जो किसी चीज पर आसक्त न हो – अनासक्त
- जिसको क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
- जो नया न हो – अनूतन
- किसी पुरुष से प्रेम करने वाली अविवाहित स्त्री – अनूढ़ा
- प्रत्येक पदार्थ को क्षणिक और नश्वर मानने वाला – अनित्यवादी
- जिसका अंत न हो – अनन्त
- जो प्राण देने के योग्य न हो – अप्रामाण्य
- जो जाना न जा सके – अज्ञेय
- सम्पूर्ण लक्ष्य पर लक्ष्मण का न घटित होना – अव्याप्ति
- सबसे पहले गिना जाने वाला – अग्रगण्य
- जो भेदा या छेदा न जा सके, जो टूट न सके – अभेद्य
- जो सम न हो – असम
- जो नीचे लिखा गया है – अधोलिखित
- जो भविष्य के प्रति आशान्वित हो – आशावादी
- जो अपने पैरों पर खड़ा हो – आत्मनिर्भर
- जो स्वयं पर बीती हो – आपबीती
- अर्थ से संबंध रखने वाला – आर्थिक
- बालक से वृद्ध तक – आबालवृद्ध
- जो आदर करने योग्य हो – आदरणीय
- प्रारम्भ से लेकर अन्त तक – आद्योपान्त
- देवता अथवा भूतादि द्वारा होने वाला दुख – आधिदैविक
- जीवो पर शरीरधारियों के द्वारा प्राप्त दुख – आधिभौतिक
- जो कार्य किसी दूसरे प्रधान कार्य के करते समय थोड़े प्रयास से ही हो जाये – अनुषांगिक
- जो धर्म और ईश्वर में विश्वास रखता हो – आस्तिक
- आलोचना के योग्य – आलोचनीय
- एक देश द्वारा दूसरे देशों से वस्तुओं का मंगाया जाना – आयात
- जो इधर-उधर से घूमता-फिरता आ जाये – आगन्तुक
- जिस पर आक्रमण हो – आक्रान्त
- जिसका अहंकार चूर्ण हो गया हो – आर्त्तगर्व
- वह नायिका जिसका पति प्रदेश से लौटा हो – आगतपतिका
- जिसकी समस्त कामनायें पूरी हो गयी हों – आप्तकाम
- तुरन्त कविता करने वाला कवि – आशुकवि
- दूसरों के सुख के लिए स्वयं का त्याग – आत्मोत्सर्ग
- आदर्शमूलक भावना को प्रश्रय देने वाला मत – आदर्शवाद
- जो अपने आचरण से पवित्र हो – आचारपूत
- किसी मत का सर्वप्रथम प्रवर्तन करने वाला – आदिप्रवर्तक
- पैर से सिर तक – आपादमस्तक
- किसी के गुण-दोष की विवेचना करने वाला – आलोचक
- भगवान के सहारे अनिश्चित आय की प्राप्ति – आकाशवृति
- जिसकी आकांक्षा हो – इष्ट
- इतिहास को जानने वाला – इतिहासज्ञ
- इन्द्रियों को वश में करने वाला – इंद्रियजित
- जो इन्द्रियों की पहुंच से बाहर हो – इन्द्रियातीत
- इतना कि जो पर्याप्त हो – इत्यलम्
- इन्द्र को जीतने वाला – इन्द्रजीत
- इस लोक से सम्बन्ध रखने वाला – इहलौकिक
- जो दूसरों की उन्नति देखकर जलता हो – ईर्ष्यालु
- जिस (वस्तु) की आकांक्षा हो – ईप्सित
- दूसरों की उन्नति को न देख सकने का भाव – ईर्ष्या
- पूरब और उत्तर के बीच की दिशा – ईशानकोण
- गर्वपूर्ण व्यवहार करना – इठलाना
- ऊपर कहा गया – उपर्युक्त
- सबसे ऊंचा – उच्चतम
- जो पास हो गया हो – उत्तीर्ण
- उपकार करने वाला – उपकारी
- सूरज जिस स्थान से निकलता है – उदयाचल
- जिसका उपचार किया गया हो – उपकृत
- सूर्योदय से पहले का समय – उषाकाल
- पर्वत के पास की भूमि – उपत्यका
- जिसके दांत न जमे हो – उदन्त
- जो भूमि उपजाऊ हो – उर्वरा
- किसी के बाद उसकी सम्पत्ति पाने वाला – उत्तराधिकारी
- जिसने ऋण चुका दिया हो – उऋण
- जल-थल दोनों जगह रहने वाला जीव – उभयचर
- जो धरती फोड़कर जन्मता हो – उद्भिज
- जो उल्लेख करने योग्य हो – उल्लेखनीय
- ऊपर की ओर जाने वाला – उर्ध्वगामी
- ऊंचे स्वर से उच्चारण किया हुआ – ऊर्ध्वोच्चारित
- जिस भूमि में कुछ उत्पन्न न हो – ऊसर
- जो अपने वीर्य को न गिरने दे – ऊर्ध्वरेता
- जिसके एक ही आंख हो – एकाक्ष
- जिसका चित्त स्थिर हो – एकाग्रचित्त
- जो दिन में एक बार भोजन करता हो – एकभुक्त
- जिसका सम्बन्ध किसी एक स्थान से हो – एकदेशीय
- जहां कोई दूसरा न हो – एकान्त
- किसी वस्तु के क्रय-विक्रय का एकछत्र अधिकार – एकाधिकार
- जो अपनी इच्छा पर निर्भर हो – ऐच्छिक
- उपनिवेश सम्बन्धी – औपनिवेशिक
- उपनिषद् सम्बन्धी – औपनिषदिक
- उपन्यास सम्बन्धी – औपन्यासिक
- जो केवल कहने-सुनने के लिये हो – औपचारिक
- विवाहिता स्त्री से उत्पन्न पुत्र – औरस
- जो किये जाने योग्य हो – करणीय
- जो अच्छे कुल में उत्पन्न हुआ हो – कुलीन
- जो फूल अभी नहीं खिला है – कली
- जो कल्पना से परे हो – कल्पनातीत
- जिसने अभी विवाह न किया हो – कुंआरा
- मांस से युक्त – सामिष
- जिसके ग्रीवा सुन्दर हो – सुग्रीव
- जो स्मरण रखने योग्य हो – स्मरणीय
- सर्वसाधारण से संबंध रखने वाला – सार्वजनिक
- जो अपने आप उत्पन्न हुआ हो – स्वयंभू
- अपने ही पति की अनुरागिनी स्त्री –स्वकीया
- सेवा और आराधना करने योग्य – सेव्य
- पसीने से उत्पन्न होने वाला – स्वेदज
- गरीबों को नित्य भोजन देना – सदावर्त
- जिसकी पत्नी साथ में हो – सपत्नीक
- स्वेच्छा से पारिश्रमिक के बिना ही किसी कार्य करने में योग देने वाला – स्वयंसेवक
- किसी के स्थान पर आया हुआ – स्थानापन्न
- जो एक जगह से दूसरी पर न लाया जा सके – स्थावर
- जिसे सब पसंद करें – सर्वप्रिय
- हंसी के योग्य – हास्यास्पद
- हाथ में आया हुआ – हस्तगत
- हवन की वस्तु – हवि
- कोई वस्तु जो किसी दूसरे को सौंप दी गयी हो – हस्नान्तरित
- हाथ की चतुराई – हस्तलाघव
- जो होने को हो या होकर ही रहे – होनहार
- जिसका उत्साह समाप्त हो चुका हो – हतोत्साहित
- जहां पृथ्वी और आकाश मिले दिखें – क्षितिज
- हाथ से शीघ्र काम करने वाला – क्षिप्रहस्त
- भूख से आकुल – क्षुधातुर
- कृश शरीर वाला – क्षीणकाय
- क्षमा करने वाला – क्षमाशील
- तीनों लोकों का संगम – त्रिलोक
- रात्रि का तीसरा पहर – त्रियामा
- जो जानने योग्य हो – ज्ञातव्य
- जो जाना जा सके – ज्ञेय
- ज्ञान की महत्ता – ज्ञान-गरिमा
- दोनों भौंहों का मध्यवर्ती स्थान – त्रिकुटी
- भूत, भविष्य और वर्तमान को देखने वाला – त्रिकालदर्शी
- छुटकारा दिलाने वाला – त्राता
- जो तीन माह में एक बार हो – त्रैमासिक
- वह वस्तु जिसके आर-पार देखा जा सके – पारदर्शी
- पूर्ण रूप से पका या पचा हुआ – परिपक्व
- जिससे बहुतों का भला हो – परमार्थ
- जो दूसरों का भला चाहता हो – परार्थी
- पुस्तक की हाथ से लिखी हुई प्रति – पांडुलिपि
- जो तौला या मापा जा सके – परिमेय
- कठिनाइयों से भागने की प्रवृत्ति – पलायनवृत्ति
- पत्ते की बनी कुटी – पर्णकुटी
- पांच वस्तुओं से निर्मित भगवान के स्नान हेतु बनाया गया – पंचामृत
- पीने की इच्छा वाला – पिपासु
- किसी विषय या क्षेत्र का पूरा ज्ञान रखने वाला – पारंगत
- हास्य रस प्रधान कहानी या लेख – प्रहसन
- जिसका उत्तर खोजना पड़े, ऐसा कथन – प्रहेलिका
- पूछने के योग्य – प्रष्टव्य
- जो प्रतिकूल पक्ष का हो – प्रतिपक्षी
- दूसरे देश में रहने वाला – प्रवासी
- श्वास-प्रश्वास की गति का नियमन – प्राणायाम
- प्राण रक्षा करने वाला – प्राणदा
- पहरा देने वाला – प्रहरी
- वह स्थान जहां लोगों को देखने हेतु अनेक प्रकार की वस्तुएं रखी जाए – प्रदर्शनी
- जाकर लौटा हुआ – प्रत्यागत
- जो प्रमाण से सिद्ध हो सके – प्रमेय
- रात्रि का प्रथम पहर – प्रदोष
- लौटकर आया हुआ – प्रत्यावर्ती
- जिस पर मुकदमा चल रहा हो – प्रतिवादी
- जैसाकि साधारण रूप से मालूम पड़ता है – प्रतीय मानत:
- शीघ्र आग पकड़ने वाला – प्रज्वलन शील
- दोष या पाप मिटाने के लिए शास्त्रानुकूल कर्म या कृत्य – प्रायश्चित
- उत्तर पाने पर दिया हुआ उत्तर – प्रत्युत्तर
- प्रार्थना करने वाला – प्रार्थी
- प्रकृति सम्बन्धी – प्राकृतिक
- फल देने वाला – फलदायी
- शोभा हेतु फूल रखे जाने वाला पात्र – फूलदान
- फल की आकांक्षा से युक्त – फलासक्त
- केवल फल खाकर रहने वाला – फलाहारी
- बहुत-सी भाषाएं जानने वाला – बहुभाषाविद
- जो बुद्धि द्वारा जाना जा सके – बोधगम्य
- बहुत से लोगों की मिलकर एक राय – बहुमत
- बड़े दाम वाला – बहुमूल्य
- प्रत्येक पदार्थ को क्षणिक और नश्वर मानने वाला – अनित्यवादी
- जिसका अंत न हो – अनन्त
- जो प्रमाण देने के योग्य न हो – अप्रामाण्य
- जो जाना न जा सके – अज्ञेय
- सम्पूर्ण लक्ष्य पर लक्षण का न घटित होना – अव्याप्ति
- सबसे पहले गिना जाने वाला – अग्रगण्य
- जो अपने पैरों पर खड़ा हो – आत्मनिर्भर
- जिसका वर्णन न हो सके – वर्णनातीत
- जो समान न हो – विषम
- जिसे बहुत बातें करनी आती हो – वाचाल
- जिस पर विश्वास किया जा सके – विश्वसनीय
- जिसकी पत्नी साथ में न हो – विपत्नीक
- वंश में उत्पन्न व्यक्ति – वंशज
- अनुचित यौन संबंध करने वाला – व्यभिचारी
- जिसके हाथ में वज्र हो – वज्रपाणि
- बहुत पढ़ी-लिखी महिला – विदुषी
- बिजली का चमकना – विद्युतद्युति
- जो मुकदमा चलाये – वादी
- जो किसी विकार से ग्रस्त हो – विकृत
- विदेश से संबंधित – वैदेशिक
- तारों से भरी रात – विभावरी
- जिसे जानकारी बहुत अधिक हो – विज्ञ
- लेन-देन की विधि – विनिमय
- जिसका कोई आकार हो – साकार
- सात दिनों की अवधि – सप्ताह
- जिसे पढ़ना-लिखना आता हो – साक्षर
- किसी काम से दूसरों से आगे बढ़ जाने की इच्छा – स्पर्धा
- जिसका प्रयोजन सिद्ध हो चुका हो – सिद्धकाम
- सिंह का बच्चा – सिंहशावक
- जो संसार का संहार करता हो – संहारक
- एक ही मां से पैदा भाई – सहोदर
- जिसका सम्बन्ध साहित्य से हो – साहित्यिक
- सम्पूर्ण पृथ्वी से सम्बन्धित – सार्वभौम
- जिस पर शासन किया जाये – शासित
- शिव की उपासना करने वाला – शैव
- सौ वस्तुओं का संग्रह – शतक
- सर्व युगानुकूल – शाश्वत
- चांदनी रात – शर्वरी
- जिसके हाथ में शूल हो – शूलपाणी
- शरण में जो आया हो – शरणागत
- ध्वनि सुनकर चलाया जाने वाला बाण – शब्दभेदी
- जो शरण का इच्छुक हो – शरणार्थी
- शत्रु का हनन करने वाला – शत्रुघ्न
- जो झूठ न बोलता हो – सत्यवादी
- जो दोनों हाथों से कार्य करने में समान रूप से कुशल हो – सव्यसाची
- एक समय में रहने वाला अथवा होने वाला – समकालीन
- दो वस्तुयें जो एक प्रकृति की हों – सजातीय
- छूत या संसर्ग से फैलने वाला रोग – संक्रामक
- दो धाराओं या नदियों के बीच का स्थान – संगम
- युग का निर्माण करने वाला – युग-निर्माता
- जहां तक सध सके – यथासाध्य
- जैसा पहले था – यथापूर्व
- शक्ति के अनुसार – यथाशक्ति
- क्रम के अनुसार – यथाक्रम
- यज्ञ करने या कराने वाला – याज्ञिक
- जो कोई वस्तु मांगता है – याचक
- जिसने यश प्राप्त किया हो – यशस्वी
- जो युद्ध में स्थिर रहता है – युधिष्ठिर
- युद्ध करने या लड़ने की इच्छा रखने वाला – युयुत्सु
- युद्ध करने या लड़ने की इच्छा – युयुत्सा
- जहां तक सम्भव हो – यथासम्भव
- हमेशा घूमते रहने वाला – यायावर
- रानी के रहने वाला स्थान – रनिवास
- जिसकी रक्षा करना उचित हो – रक्षणीय
- वह काव्य जिसका अभिनय हो सके – रूपक
- राज्य के प्रति किया गया विद्रोह – राजद्रोह
- राधा का पुत्र – राधेय
- रोंगटो के उभार से मुक्त – रोमांचित
- राष्ट्र का प्रधान – राष्ट्रपति
- लम्बे या बड़े उदर वाला – लम्बोदर
- लुभाया या ललचाया हुआ – लुब्ध
- जो लोक या संसार में न हो – लोकोत्तर
- बच्चों को सुलाने का गीत और थपकी – लोरी
- जो लेखा-जोखा रखता हो – लेखाकार
- जिसने प्रतिष्ठा प्राप्त की हो – लब्धप्रतिष्ठ
- जो खाना मुफ्त में मिलता हो – लंगर
- जिससे विकार उत्पन्न हो – विकारी
- भले-बुरे की पहचान का ज्ञान – विवेक
- जो दूसरों में लीन या मिल गया हो – विलीन
- किसी वस्तु के बदले कोई वस्तु बेचने की क्रिया – वस्तु-विनिमय
- जो एक वर्ष में एक बार हो – वार्षिक
- जिस स्त्री का पति मर गया हो – विधवा
- हिलोरें उत्पन्न करने वाला – बिलोडक
- जो दूसरे की वाणी से देने को कह चुके हो – वाग्दत्त
- जो किसी विषय की विशेष जानकारी रखता हो – विशेषज्ञ
- जो कानून के प्रतिकूल हो – अवैध
- विज्ञान का ज्ञाता – वैज्ञानिक
- बचपन और जवानी के बीच का समय – वय:सन्धि
- जो आवश्यकता से अधिक बोलता हो – वाचाल
- जो कानून के अनुसार हो – वैध
- व्याकरण का ज्ञाता – वैयाकरण
- अंक में सोनेवाला – अंकशायी
- हाथी को हांकने का लोहे का तीखा औजार – अंकुश
- जो हिसाब-किताब की जांच करता हो – अंकेक्षक
- किसी के शरीर की रक्षा करने वाला – अंगरक्षक
- मूलकथा में आनेवाला प्रसंग, लघु कथा – अंत:कथा
- महल का वह भाग जहां रानियां निवास करती हैं – अंत:पुर
- जो जातियों के बीच में हो – अंतर्जातीय
- धरती और स्वर्ग (आकाश) के बीच का स्थान – अंतरिक्ष
- तट का जो भाग जल के भीतर हो – अंतरीप
- मन में होने वाला स्वभाविक ज्ञान – अंतर्ज्ञान
- जिस (नदी) के जल का प्रवाह गुप्त हो – अंतस्सलिला
- वह विद्यार्थी जो आचार्य के पास ही निवास करता हो – अंतेवासी
- जिसका जन्म निम्न वर्ण में हुआ हो – अंत्यज
- जो बिना सोचे-समझे अनुगमन करें – अंधानुगामी
- पानी भरनेवाला – अंबुवाह
- अपने हिस्से या अंश के रूप में कुछ देना – अंशदान
- जिसके पास कुछ भी नहीं हो – अकिंचन
- जिस लड़की का यौवन क्षत नहीं हुआ – अक्षतयौवना
- जो पासे के खेल में कुशल हो – अक्षधूर्त
- जो क्षमा न किया जा सके – अक्षम्य
- जिसका क्षय न हो – अक्षय
- जिसका खंडन न किया जा सके – अखंड/अखंडनीय
- जो खाने योग्य न हो – अखाद्य
- जहां पहुंचा न जा सके – अगम्य
- जिसकी निंदा न की गई हो – अगर्हित
- जो बहुत गहरा हो – अगाध
- जो इंद्रियों द्वारा न जाना जा सके – अगोचर
- समाचार-पत्र का मुख्य लेख – अग्रलेख/सम्पादकीय
- जिसका चिंतन नहीं किया जा सके – अचिंतनीय/अचिंत्य
- किस पर चिंतन न किया गया हो – अचिंतित
- जिसकी चिकित्सा न हो सके – अचिकित्स्य
- जो अपने स्थान या स्थिति से अलग न किया जा सके – अच्युत
- प्रसूता (संतान को जन्म देने वाली) को दिया जाने वाला भोजन – अछवानी
- जो कभी बूढ़ा न हो – अजर
- घर के सबसे ऊपर के खंड के कोठरी – अटारी