- विज्ञान की प्रथम क्रांतिकारी खोज आग का आविष्कार है।
- विश्व में प्रथम उद्योग क्रांति इंग्लैंड में हुई और पावरलूम व भाप इंजन का आविष्कार इसमें विशेष योगदान था।
- आधुनिक आइंस्टीन के नाम से स्टीफन विलियम हॉकिंस को जाना जाता है. इन्होंने मोटर न्यूरॉन बीमारी से पीड़ित होने के बावजूद ब्रह्मांड विज्ञान में अभूतपूर्व योगदान दिया है।
- ब्राह्मण में सर्वाधिक मात्रा में पाया जाने वाला पदार्थ डार्क मैटर है।
- प्रकृति में सबसे मजबूत बल नाभिकीय बल है।
- भाप इंजन उष्मा गतिगतिकी के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- परमाणु भट्टी, नाभिकीय विखंडन के सिद्धांत पर कार्य करती है।
- रेडियो व दूरदर्शन विद्युत चुंबकीय तरंगों के संचरण के सिद्धांत पर कार्य करते हैं।
- कंप्यूटर व आंकिक तर्क विद्युत परिपथ के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- विद्युत जनरेटर विद्युत चुंबकीय प्रेरण के सिद्धांत पर कार्य करता है।
- वायुयान, बरनौली के द्रवगतिकी सिद्धांत पर कार्य करता है।
- रॉकेट के प्रक्षेपण, न्यूटन के गति के सिद्धांत (क्रिया-प्रतिक्रिया) के अनुसार कार्य करता है।
- जल विद्युत का उत्पादन, गुरुत्वीय स्थितिज ऊर्जा व ऊर्जा संरक्षण सिद्धांत के आधार पर विद्युत ऊर्जा में परिवर्तन के सिद्धांत पर होता है।
- अल्बर्ट आइंस्टीन ने क्वांटम सिद्धांत के आधार पर प्रकाश वैद्युत प्रभाव की व्याख्या की थी।
- विज्ञान में अचानक होने वाली खोजों को सिरेनडिपिटी कहते हैं।
- वैज्ञानिक विधि के प्रतिपादक गैलीलियो व फ्रांसिस बेकन थे।
- सर्वप्रथम आर्यभट्ट ने कहा था कि पृथ्वी गोल है, वह अपनी धुरी पर घूमती है, जिससे दिन व रात होते हैं।
- अल्बर्ट आइंस्टीन की सबसे बड़ी खोज सापेक्षता का सिद्धांत थी. मगर उन्हें नोबेल पुरस्कार प्रकाश विद्युत प्रभाव की व्याख्या पर दिया गया. इसका कारण था कि उस समय उनके सापेक्षता के सिद्धांत को कोई समझ नहीं पाया।
- सूर्य की ऊर्जा पृथ्वी तक विद्युत चुंबकीय तरंगों के विकिरण द्वारा पहुंचती है।
- सूर्य की ऊर्जा पर प्रकाश का स्त्रोत हाइड्रोजन परमाणु का नाभिकीय संलयन है। प्रकाश एक प्रकार की ऊर्जा है।
- प्रकाश की चाल 3 लाख किमी प्रति सेकंड होती है।
- ब्राह्मण के अध्ययन को कॉस्मोलॉजी कहते हैं।
- द्रव्यमान संरक्षण का सिद्धांत लेवासिए ने दिया था।
- भारत द्वारा छोड़े गए प्रथम उपग्रह का नाम आर्यभट्ट था।
- सूर्यग्रहण और चंद्रगहण के सिद्धांत तथा ज्या सारणी (किसी समकोण त्रिभुज में लंब व कर्ण का अनुपात) का प्रतिपादन आर्यभट्ट ने किया था।
- प्रकाश व ध्वनि के गमन में अंतर यह है कि प्रकाश बिना माध्यम के गति कर सकता है, जबकि ध्वनि को माध्यम की आवश्यकता होती है।
- सर्वप्रथम कणाद ने परमाणु सिद्धांत प्रस्तुत किया था।
- क्वांटम मकैनिक्स में अतिसूक्ष्म कणों की गति तथा उनके अंतर्संबंधों का अध्ययन किया जाता है।
- एपीग्राफी में शिलालेखों का अध्ययन किया जाता है।
- समय मापन का अध्ययन करने वाले विज्ञान को होरोलॉजी कहते हैं।
- कृषि का प्रारंभ अर्थात कृषि कला की खोज नवपाषाण कालीन मानव द्वारा की गई थी।
- भारत में लेखन कला का प्रारंभिक साक्ष्य ईसा से लगभग 2000 वर्ष पूर्व सिंधु सभ्यता से प्राप्त हुआ है।
- आग की खोज मध्य पाषाण कालीन मानव द्वारा की गई थी।
- वस्त्र निर्माण कला की खोज भी नवपाषाण कालीन मानव द्वारा की गई थी।
- तांबा सर्वप्रथम खोजी गई धातु है, जो नवपाषाण कालीन मानव द्वारा खोजी गई थी।
- दाब का नियम पास्कल ने प्रतिपादित किया था।
- गति व गुरुत्वाकर्षण का नियम न्यूटन ने अपनी पुस्तक प्रिंसिपिया में प्रतिपादित किया।
- ब्लैक होल का सिद्धांत एस. चंद्रशेखर द्वारा खोजा गया था।
- गैलीलियो एक खगोल वैज्ञानिक थे, जिन्होंने दूरदर्शन का आविष्कार तथा जड़त्व का नियम प्रतिपादित किया।
- डॉ राजार मन्ना नाभिकीय भौतिकी से संबंधित है।
- किसी वृत्त की परिधि व व्यास के अनुपात को पाई कहते हैं।
- प्रथम परमाणु परीक्षण 18 मई, 1974 को पोखरण, राजस्थान में किया गया था।
- शून्य के कार्य करने का नियम ब्रह्मगुप्त ने दिया था।
- शून्य का आविष्कार भास्कराचार्य ने किया।
- भारत में परमाणु ऊर्जा के जनक डॉ होमी जहांगीर भाभा को कहा जाता है. इन्होंने नाभिकीय उर्जा में विशेष योगदान दिया है।
- महत्वपूर्ण खोजें
- प्लावन का सिद्धांत – आर्कमिडीज
- रेडियो धर्मिता – हेनरी बैकुरल,
- कोस्मिक किरणें – हैस व एफ विक्टर
- न्यूट्रॉन – जैम्स चैडविक
- इलेक्ट्रोन – जे जे थामसन
- प्रोटोन – रदरफोर्ड
- जड़त्व नियम – गैलीलियो
- अतिचालकता – एच. के. ओनेस
- पोजीट्रान – एण्डरसन
- एक्स किरणें – रोंजन
- यूरेनियम का विखण्डन – ओटोहोन
- प्रकाश का विद्युत चुम्बकीय सिद्धांत – मैक्स वेल
- क्वांटम का सिद्धांत – मैक्स प्लांक
- परमाणु – जान डाल्टन
- सौरमंडल – कोपर निक्स (पौलेण्ड)
- ग्रह – कैपलर (जर्मनी)
- तारों की उत्पत्ति एवं संरचना – एस चंद्रशेखर (अमेरिका)
- विज्ञान से संबंधित दिवस
- राष्ट्रीय विज्ञान दिवस – 28 फरवरी
- विश्व मौसम विज्ञान दिवस – 23 मार्च
- पृथ्वी दिवस – 22 अप्रैल
- राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी दिवस – 11 मई
- विश्व दूरसंचार दिवस – 17 मई
- ओजोन परत रक्षण दिवस – 16 सितम्बर
- विश्व टेलीविजन दिवस – 21 नवंबर
- राष्ट्रीय ऊर्जा संरक्षण दिवस – 14 दिसंबर
- मात्रक :
- 1 बैरल = 158.9871 (159) लीटर
- 1 गैलन = 3.785 लीटर
- 1 बार – 1 इकाई वायुमंडलीय दाब या 10 की घात 5 न्यूटन/वर्गमी.
- 1 कोस्मिक वर्ष – 25 करोड़ वर्ष
- 1° = 60′ (60 मिनट)
- 1° (रेडियन) = 57.27°
- π° = 180°
- 1 ऋजुकोण = 180°
- 0° सेल्सियस = 273 केल्विन या 32° फारेनहाइट
- 37° सेल्सियस = 98.6° फारेनहाइट
- दूध का आपेक्षिक घनत्व लैक्टोमीटर से मापा जाता है।
- द्रव क्रिस्टल का प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक में किया जाता है।
- टेप रिकॉर्डर की टेप पर फेरोमैग्नेटिक चूर्ण का लेप किया जाता है।
- घड़ी में स्फटिक क्रिस्टल का कार्य दाब विद्युत प्रभाव पर आधारित है।
- विद्युत बैटरी में ऊर्जा का संचय रासायनिक ऊर्जा के रूप में होता है।
- विद्युत मोटर में विद्युत चुंबकीय बल कार्य करता है।
- सिनेमैटोग्राफ दृष्टि बंधन सिद्धांत पर कार्य करता है।
- ध्वनि की प्रबलता का मात्रक डेसीबल है।
- सोने की शुद्धता का मात्रक कैरेट है।
- परम ताप केल्विन पैमाने पर मापा गया ताप है।
- -40° सेल्सियस = -40° फारेनहाइट ताप पर दोनों का मान बराबर होता है।
- मानव शरीर का सामान्य तापमान 98.4° फारेनहाइट या 36.9° सेल्सियस होता है।
- 1 किलोग्राम भार को पृथ्वी से 1/10 मीटर की ऊंचाई तक उठाने के लिए 1 जूल ऊर्जा की आवश्यकता होती है।
- शक्ति या सामर्थ्य का मात्रक जूल प्रति सेकेंड या वाट हता है।
- किलोवाट घंटा ऊर्जा राशि का मात्रक है।
- बहते जल की गति को प्रकट करने के लिए क्यूसेक मात्रक का प्रयोग किया जाता है।
- ओजोन परत की मोटाई को डाबसन में मापा जाता है।
- मूल एवं राशियां
- लंबाई का मात्रक – मीटर
- समय का मात्रक – सेकंड
- द्रव्यमान का मात्रक – किलोग्राम
- ताप का मात्रक – केल्विन
- विद्युत धारा का मात्रक – एम्पियर
- ज्योति तीव्रता का मात्रक – कैण्डेला
- पदार्थ की मात्रा का मात्रक – मोल
- समकोण का मात्रक – रेडियन
- घनकोण का मात्रक – स्टेडियन
- MKS पद्धति में मात्रक – मीटर, किलोग्राम, सेकेण्ड
- CGS पद्धति में मात्रक सेंटीमीटर, ग्राम, सेकंड
- FPS पद्धति में फुट, पौंड, सेकंड
- SI पद्धति – इसे अंतर्राष्ट्रीय पद्धति भी कहते हैं। आजकल सर्वाधिक प्रचलन इसी पद्धति का है, जिसे पूरी दुनिया में मान्यता प्राप्त है। यह MKS पद्धति का विस्तृत रूप है।
- माप तोल के अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय का मुख्यालय फ्रांस में स्थित है।
- श्यानता की SI इकाई प्वाइज कहलाती है।
- प्राथमिक रंग – लाल, हरा और नीला।
- द्वितीयक रंग – पीला, मैजेंडा और सियान।
- लाल + नीला = मैजेंडा
- हरा + नीला = सियान
- लाल + हरा = पीला
- लाल + सियान = सफेद
- नीला + पीला = सफेद
- एक सामान्य व्यक्ति में स्पष्ट देखने की न्यूनतम दूरी 25 सेमी है।
- रंगीन टेलीविजन में केवल प्राथमिक रंग लाल, हरा, नीला का उपयोग किया जाता है।
- उत्तोलक के 3 प्रकार :
- प्रथम श्रेणी के उत्तोलक : कैंची, प्लास, साईकिल के ब्रेक तथा डंडी तराजू
- द्वितीय श्रेणी के उत्तोलक : सरौता, नीबू निचोड़ने की मशीन, तम्बाकू काटने की मशीन, पहिया तथा कब्जे पर घूमने वाला दरवाजा.
- तृतीय श्रेणी के उत्तोलक : चिमटा, मनुष्य का हाथ तथा किसान का हल.
- नदी के प्रवाह को मापने के लिए क्यूमेक का प्रयोग किया जाता है।
- किसी परिपथ या सर्किट में विद्युत की उपस्थिति का पता लगाने के लिए एमीटर, गैल्वेनोमीटर तथा वोल्टमीटर का उपयोग किया जा सकता है। वोल्टमीटर एक उच्च प्रतिरोध वाला गैल्वेनोमीटर है, जबकि एमीटर एक निम्न प्रतिरोध वाला गैल्वेनोमीटर है।
- 1 वोल्ट, 1 जूल प्रति कूलाम के बराबर होता है।
- फैदोमीटर नामक यंत्र का उपयोग सागर की गहराई मापने हेतु किया जाता है।
- सामान्य वायुमंडलीय दाब का मान 760 मिमी पारा स्तंभ होता है।
- पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण g का मान पृथ्वी तल पर विभिन्न स्थानों पर भिन्न-भिन्न होता है। पृथ्वी तल से ऊपर अथवा नीचे जाने पर g के मान में परिवर्तन होता है। विषुवत रेखा पर g का सबसे कम तथा ध्रुवों पर सबसे अधिक होता है।
- नीले प्रकाश में सबसे अधिक ऊर्जा होती है।
- बैंगनी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे कम होती है।
- नारंगी रंग के प्रकाश की तरंगदैर्ध्य सबसे अधिक होती है।
- ओप्टिकल फाइबर के काम करने के पीछे प्रकाश का कुल आंतरिक परिवर्तन वैज्ञानिक सिद्धांत काम करता है।
- सूर्य के प्रकाश को पृथ्वी तक पहुंचने में 8 मिनट, 18 सेकेंड या 500 सेकेंड का समय लगता है।
- पानी के अंदर ध्वनि सुनने का यंत्र हाइड्रोफोन कहलाता है।
- ब्लैक होल सिद्धांत की खोज एस चंद्रशेखर द्वारा की गई थी।
- नोबेल पुरस्कार अल्फ्रेड नोबेल के नाम पर शुरू हुए, जिन्होंने डायनामाइट की खोज की थी।
- समुद्र की गहराई सामान्यतया फैदोमीटर से मापी जाती है।
- क्रोनोलॉजी में सूर्य की अवधि का अध्ययन किया जाता है।
- बहुत छोटे समय को मापने के लिए आणविक घड़ी का इस्तेमाल किया जाता है।
- परमाणु घड़ी सीजियम संक्रमण पर आधारित होती है।
- बादलों की दिशा एवं गति को मापने के लिए नेफोस्कोप यंत्र का इस्तेमाल किया जाता है।
- जल का बहाव मापने के लिए क्यूसेक का इस्तेमाल किया जाता है।
- सापेक्षिक आर्द्रता हाइग्रोमीटर से मापी जाती है।
- रक्तदाब या ब्लड प्रेशर को नापने के लिए स्फिग्नोमैनोमीटर का प्रयोग किया जाता है।