गुलाम वंश :
यह मध्यकालीन भारत का एक वंश था। जिसका निर्माण मोहम्मद गौरी के गुलाम कुतुबुद्दीन ऐबक ने किया था। ऐबक ने अपनी राजधानी लाहौर को बनाया था। इसे लाल बख्स और हातिमताई की संज्ञा दी गई। इसने अपने गुरु बख्तियार की याद में कुतुबमीनार की नींव रखी, मगर यह पूरी न हो सकी। अजमेर का ढाई दिन का झोपड़ा भी इसी ने बनवाया था। चौगान खेलते समय घोड़े से गिरकर इसकी मृत्यु हो गई।
इसकी मृत्यु के बाद इसका दामाद इल्तुतमिश गद्दी पर बैठा, जो वास्तविक गुलाम वंश का संस्थापक था। इसे गुलामो का गुलाम कहा जाता था। इसने इक्ता-प्रथा चलाई तथा तुर्क-ए-चिहलगानी का निर्माण किया। यह 40 गुलामों का एक समूह था। इसकी मृत्यु 1236 ईसवी में हो गई।
इसके बाद इसकी बेटी रजिया सुल्तान जो भारत की पहली महिला सुल्तान थी, गद्दी पर बैठी। क्योंकि उसका पुत्र महमूद मारा गया था। रजिया ने पर्दा प्रथा को त्यागकर शासन किया। 1240 ईसवी में कैथल में रजिया की हत्या कर दी गई। रजिया के बाद बहराम शाह, बहराम शाह के बाद मसूदशाह, और अंत में बलबन दिल्ली का सुल्तान 1266 ईस्वी में बना। बलवन, इल्तुतमिश का दास था। जिसने चालीसा को समाप्त किया। बलवान का असली नाम बहाउद्दीन था। बलवन ने सिजदा और पैबोस प्रथा की शुरुआत की। इसने जिल्ले-ए-इलाही की उपाधि धारण की।
खिलजी वंश
जलालुद्दीन फिरोज खिलजी ने इसकी स्थापना की थी। अलाउद्दीन अपने चाचा/ससुर की हत्या करके सिंहासन पर बैठा और 22 अक्टूबर, 1296 में यह दिल्ली का सुल्तान बना। इसने सेना को नगद वेतन देना शुरू किया तथा घोड़ा दागने की प्रथा भी शुरू की।
- इसने मूल्य नियंत्रण प्रणाली शुरू की।
- मलिक काफूर इसका गुलाम एवं नजदीकी सैनिक था जिसको इसने दक्षिण की ओर भेजा। इसने अलाई दरवाजा का निर्माण कराया।
तुगलक वंश :
गाजी मलिक ग्यासुद्दीन के नाम से दिल्ली के सिंहासन पर बैठा। इसने 29 बार मंगोल आक्रमण को विफल किया तथा सिंचाई के लिए नहरें एवं कुओं का निर्माण कराया। दिल्ली के पास तुगलकाबाद की स्थापना की। ग्यासुद्दीन तुगलक का अंतिम सैन्य अभियान बंगाल के विद्रोह का था। वहां से वापस लौटते समय दिल्ली के पास पुत्र द्वारा निर्मित महल के गिर जाने से उसकी मृत्यु हो गई।
फिर उसका पुत्र जूना खां, मोहम्मद बिन तुगलक के नाम से गद्दी पर बैठा। इसने दिल्ली से दौलताबाद को अपनी राजधानी बनाया। बाद में उसका बेटा फिरोज तुगलक दिल्ली की गद्दी पर बैठा। जिसने हिसार, फिरोजा, जौनपुर, फिरोजाबाद नगर की स्थापना की। तुगलक वंश के अंतिम शासक नसीरुद्दीन महमूद तुगलक के शासनकाल में तैमूर लंग ने दिल्ली पर आक्रमण किया।