E-Governance | ई-शासन

ई-शासन का अर्थ – शासन से तात्पर्य किसी सामाजिक या राजनीतिक इकाई जैसे – नगर निगम तथा राज्य सरकारों को इस प्रकार चलाना कि वह अच्छे परिणाम दे। सुशासन के अंदर बहुत सी चीजें आती हैं, जिनमें बजट, सही प्रबंधन, कानून का शासन, कानून का जनता के प्रति व्यवहार, कृषि से संबंधित कार्य, ग्रामीणों को सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं की जानकारी देना तथा ग्रामीण विकास आदि कार्य शासन के अंतर्गत आते हैं। जब यही कार्य सरकार सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी के माध्यम से चलाएं तो इसे इलेक्ट्रॉनिक्स शासन या ई-गवर्नेंस कहा जाता है।

भारत में ई-शासन लाने का मुख्य कारण यह था कि प्रशासन को सुधारा जा सके। इसके अंतर्गत केंद्र एवं राज्य सरकारें विभिन्न विभागों, नागरिकों, व्यापारियों तथा सामाजिक संगठनों आदि को सूचना एवं प्रौद्योगिकी के माध्यम से विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहीं हैं। भारत में जब से सभी दफ्तरों को कंप्यूटर से जोड़ा गया है तभी से ई-शासन का प्रारंभ हुआ। क्योंकि ई-शासन को चलाने के लिए इंटरनेट का होना बहुत जरूरी है।  ई-शासन (In English) ने भ्रष्टाचार को कम करके सरकार के कार्यों में पारदर्शिता लाने का प्रयास किया है।           

  • ई-शासन की शुरुआत 2006 में CSC (Common Service Center) यानी जन सेवा केंद्र के माध्यम से की गई थी। पूरे देश में लगभग 100000 से भी ज्यादा जन सेवा केंद्र अपने अलग-अलग नाम से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाओं को आम जनता तक पहुंचाने का काम कर रही है।

ई-गवर्नेंस एक ऐसी व्यवस्था है, जिससे सरकारी कामकाज में पारदर्शिता के साथ-साथ सभी सेवाओं को आम लोगों तक तुरंत पहुंचाया जाता है। तथा जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर भी नहीं लगाने पड़ते। वर्तमान समय में ई-गवर्नेंस के माध्यम से अधिकारियों एवं कर्मचारियों को अपने ऑफिस समय पर पहुंचना होता है। क्योंकि देरी से जाने पर उन्हें अनुपस्थित मान लिया जाता है।

ई-गवर्नेंस में आम जनता के लिए बहुत से कामों को आसान बना दिया है। जैसे आप ऑनलाइन अपना रिजल्ट, सरकारी नौकरी के लिए आवेदन, आय प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, पासपोर्ट, बिजली-पानी, फोन आदि का बिल तथा आप घर बैठे ही बैंकिंग सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। ई-गवर्नेंस के माध्यम से सरकार ने न्यायालय को भी ऑनलाइन कर दिया है, ताकि आपको बार-बार कोर्ट के चक्कर नहीं लगाने पड़े।  जमीन की रजिस्ट्री, मकान का नक्शा या जमीन पंजीकृत है या नहीं इसका पता भी आप इंटरनेट के माध्यम से लगा सकते हैं।

ई-गवर्नेंस यानी इंटरनेट के माध्यम से आप घर बैठे निम्नलिखित कार्य कर सकते हैं। जैसे –
  1. किसी भी विभाग की ऑनलाइन शिकायत करना 
  2. अपनी शिक्षा को पूरा करने के लिए ऑनलाइन पढ़ाई करना
  3. वोट डालने से पहले अपनी मतदाता सूची देखना
  4. मनरेगा से संबंधित आवेदन तथा योजनाओं की पूरी जानकारी लेना
  5. किसी प्रकार का रेल, हवाई जहाज, बस के टिकट बुक करना
  6. किसी भी प्रकार के प्रमाण पत्र जैसे राशन, पैन, कार्ड, आधार कार्ड, जाति एवं आय प्रमाण पत्र से संबंधित के लिए आवेदन करना
  7. कृषि से संबंधित किसी प्रकार की सूचना जैसे नए बीज, नए कीटनाशक, मंडी भाव, एमएसपी, जमीन के कागज (खसरा खतौनी), आदि की जानकारी
  8. ऑनलाइन पुलिस रिपोर्ट करना
  9. आयकर भरना, LIC किस्त भरना, ड्राइविंग लाइसेंस बनवाना एवं वर्तमान समय में सूचना प्रौद्योगिकी ने इतनी प्रगति कर ली है कि सारे व्यापार आज इसी के माध्यम से चल रहे हैं।

इसके साथ-साथ सरकार ने अपने देश की रक्षा करने के लिए अंतरिक्ष में सेटेलाइटों का निर्माण किया है, जिसके माध्यम से सरकार देश में किसी भी प्रकार की असुरक्षा होने या खतरा होने पर सरकार को सूचना मिल जाती है। विभिन्न कंपनियों के ऑडिट करने में पहले बहुत समय बीत जाता था। मगर जब से ऑनलाइन की सुविधा आयी है तो ई-गवर्नेंस की सहायता से यह काम बहुत आसान तथा कम समय में हो जाता है एवं सरकार द्वारा दी गई सूचना को विभिन्न कंपनियों एवं संस्थाओं में बहुत कम समय में ही पहुंचा दी जाती है। 

2021 का बजट इस बार ऑनलाइन प्रस्तुत किया गया। इस प्रकार कह सकते हैं कि ई-गवर्नेंस के बढ़ते प्रचार-प्रसार से न केवल पारदर्शिता आयी है बल्कि उसी काम को तकनीकी सहायता से बहुत कम समय में ही पूरा कर दिया जाता है।

ई-गवर्नेंस की सहायता से सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं एवं कार्यक्रमों को आम जनता तक पहुंचाने के लिए सरकार ने विभिन्न प्रकार के प्लेटफार्मों का निर्माण किया है। जैसे – 

ई-वाणिज्य, ई-मेल, ई-शिक्षा, ई-मैडिसिन, ई-चौपाल 

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