अर्थशास्त्र की कुछ महत्वपूर्ण शब्दाबली

  • संपत्ति कर (Wealth Tax) :  किसी व्यक्ति द्वारा संचित संपत्ति के अधिकार पर लगने वाला कर को संपत्ति अधिकार कहते हैं। यह एक प्रत्यक्ष कर है।
  • अधिविकर्ष (Overdraft) :  बैंकों से जमाकर्ता द्वारा अपनी जमा रकम के अतिरिक्त धन निकालना अधिविकर्ष या ओवरड्राफ्ट कहलाता है।
  • तालाबंदी (Lock Out) :  जब सेवा नियोजकों द्वारा किसी फैक्ट्री में तालाबंदी कर दी जाए, ताकि कर्मचारियों से उनके द्वारा निर्धारित शर्तों को मनवाया जा सके, तो इसे लोक आउट कहते हैं।
  • ड्राफ्ट (Draft) :  यह एक ऐसा साख प्रपत्र है, जिसमें किसी बैंक द्वारा अपनी किसी अन्य शाखा को पावक (Payee) के आदेश अनुसार ड्राफ्ट में उल्लेखित धनराशि मांग पर भुगतान करने का आदेश देता है।
  • म्यूचुअल फंड (Mutual fund) :  म्यूचुअल फंड के अंतर्गत जनसाधारण के निवेश योग्य धन को ऐच्छिक आधार पर एकत्रित करके विनियोग के बेहतर अवसरों में प्रयोग किया जाता है। इसकी स्थापना प्रायः निवेश संबंधी निर्णय लेने वाली दक्ष वित्तीय संस्थाओं द्वारा की जाती है। भारत में UTI, SBI, कैनरा बैंक, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन बैंक तथा जीवन बीमा निगम (LIC) आदि ने इस प्रकार के म्यूचुअल फंड स्थापित किए।
  • स्मार्ट कार्ड (Smart Card) :  डाक विभाग द्वारा चुनिंदा शहरों में प्रारंभ की गई प्रीमियम बचत बैंक सेवा के अंतर्गत प्रत्येक खातेदार को एक स्मार्ट कार्ड जारी किया गया। जिससे वर्तमान कागज की पासबुक व्यवस्था समाप्त हो जाएगी। स्मार्ट कार्ड के माध्यम से खातेदार किसी एक डाकघर के स्थान पर विभिन्न डाकघरों से अपने खाते में धनराशि जमा तथा निकाल सकता है।
  • व्यक्तिगत ऋण (Personal Loan) :  व्यक्तिगत ऋणों को उपभोक्ता ऋण भी कहा जाता है। यह ग्राहकों को कार, रेडियो, रेफ्रिजरेटर आदि टिकाऊ उपभोक्ता वस्तुओं के लिए दिए जाते हैं। यह ऋण किस्तों में वापस चुकाये जाते हैं। तथा समान्यत ऐसे व्यक्तियों को दिए जाते हैं, जिनकी आय का कोई निश्चित स्रोत होता है।
  • साख पत्र (Letter of credit) :  साख पत्र समान्यत: एक बैंक द्वारा किसी अन्य व्यक्ति या व्यक्तियों के नाम लिखा गया एक पत्र होता है। जिसमें पत्र में निर्दिष्ट व्यक्ति द्वारा जारी किए गए  चैकों या उसके द्वारा स्वीकार किए गए विनिमय बिलों के भुगतान की गारंटी प्रदान की जाती है। इस प्रकार के साख पत्र निर्यात-आयात व्यापार में बहुत उपयोगी सिद्ध होते हैं।
  • लाफर वक्र (Laffer Curve) :  आर्ट लाफर द्वारा प्रतिपादित तथा अमेरिकी जर्नलिस्ट जुड़ वैन्निस्कि द्वारा बहु प्रचारित लाफर वक्र उस स्थिति की व्याख्या करता है, जब यह मान कर चला जाता है कि यदि करारोपण की दरों को कम कर दिया जाए तो सरकार को प्राप्त होने वाले राजस्व में वृद्धि होगी, लेकिन यह वृद्धि एक सीमा तक ही होगी।
  • आउटकम बजट (Outcome budget) :  आउटकम बजट के अंतर्गत एक वित्तीय वर्ष के लिए किसी मंत्रालय अथवा विभाग को आवंटित किए गए बजट में अनुश्रवण तथा मूल्यांकन किए जा सकने वाले भौतिक लक्ष्यों का निर्धारण इस उद्देश्य से किया जाता है कि बजट के क्रियान्वयन की गुणवत्ता को परखा जाना संभव हो सके।
  • डिमैट एकाउंट (Demat Account) :  शेयर बाजार में कारोबार करने के लिए डीमैट खाता खुलवाना पड़ता है। इसके लिए निवास पता और परमानेंट अकाउंट नंबर यानी पैन कार्ड की जरूरत होती है। यह खाता मान्यता प्राप्त ब्रोकरेज फॉर्म या बैंक से खुलवाया जा सकता है। डीमैट खाता धारक को सालाना फीस देनी पड़ती है।
  • हरियाली योजना :  जनवरी 2003 में केंद्र सरकार ने 2000 करोड़ रुपए की लागत वाली जल संग्रहण से संबंधित विकास योजनाओं की महत्वकांक्षी बहुआयामी योजना की शुरुआत की थी, जिसे हरियाली योजना के नाम से जाना जाता है।
  • वंदे मातरम योजना :  भारत सरकार ने निजी क्षेत्र की भागीदारी से 9 फरवरी, 2004 को प्रारंभ की गई योजना के तहत प्रसूति एवं स्त्री रोग विशेषज्ञों के संगठन के चिकित्सकों ने प्रत्येक महीने की 9 तारीख को गर्भवती महिलाओं की जांच निशुल्क करने की सहमति स्वैच्छिक तौर पर प्रदान की थी।
  • ब्रेनगेन (Braingain) :  सरकार देश से ब्रेनड्रेन को रोकने के लिए ब्रेनगेन नीति का विकास करेगी, ताकि विश्व भर की प्रतिभाओं को आकृष्ट किया जा सके। इसके तहत विश्वविद्यालय को नवाचार विश्वविद्यालय के रूप में भी स्थापित किया जाएगा।
  • न्यू इकोनॉमिक्स (New Economics) :  प्रोफेसर जेम्स टोबिन ने कीन्स के सिद्धांतों तथा विचारधाराओं पर एक दृष्टिकोण विकसित किया, जिसे न्यू इकोनॉमिक्स कहते हैं।
  • सूचीकरण अथवा कैनेलाइजेशन :  केंद्र सरकार, अधिकृत संस्थाओं द्वारा वस्तुओं के व्यापार किए जाने की व्यवस्था को सूचीकरण कहते है। इसके अंतर्गत सरकारी संस्थाओं तथा राज्य व्यापार निगमों के द्वारा व्यापार किया जाता है।
  • पेटेंट (Patent) :  किसी व्यक्ति या संस्था द्वारा किसी वस्तु या सेवा के संदर्भ में, मौलिक खोज या निर्माण के संदर्भ में उस पर उसके बौद्धिक अधिकार की मान्यता प्रदान करना, पेटेंट कहलाता है।
  • वस्तु पेटेंट :  पेटेंट अधिकार के अंतर्गत उस वस्तु के निर्माण पर पेटेंट प्राप्तकर्ता को अधिकार प्रदान किया जाना। वस्तु पेटेंट की अवधि 20 वर्ष की है। जबकि कॉपीराइट (Copyright) की अवधि 50 वर्ष की है। WTO (World Trade organization) प्रावधानों के अंतर्गत जनवरी 2005 से वस्तु पेटेंट प्रावधान लागू किया जा चुका है।
  • पेटेंट की प्रक्रिया (Process of patent) :  इसके अंतर्गत पेटेंटशुदा वस्तुओं की संरचनाओं में फेर बदल कर एक वस्तु के विकल्प में दूसरी वस्तु का उत्पादन करना। औषधि क्षेत्र में इसका व्यापक प्रयोग किया जाता है। यह व्यवस्था अब समाप्त हो चुकी है।
  • कृषि निर्यात क्षेत्र :  कृषि वस्तुओं के निर्यात को प्रोत्साहन देने के अंतर्गत इसे वर्ष 2002 में लाया गया। इसे कई प्रकार की राजकोषीय सुविधाएं प्रदान की जाती हैं। Read more about Brain Drain
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