पौधे लगाना प्रकृति के लिए हमेशा से अच्छा माना जाता रहा है। वन विभाग की रिपोर्ट के अनुसार, पृथ्वी पर 33% वनों का होना अति आवश्यक है। मगर भारत के संदर्भ में वर्तमान में लगभग 24% वन ही उपलब्ध है।
भारत में वनों की विभिन्न प्रकार की प्रजातियां पाई जाती है। यहां पर रेगिस्तान से लेकर बर्फीली क्षेत्रों में विभिन्न प्रजातियां देखने को मिल जाती हैं। बहुत से पौधे ऐसे होते हैं, जिन्हें घर में लगाने से कई तरह का लाभ होता है। ये न सिर्फ घर की खूबसूरती बढ़ाते हैं बल्कि सेहत के लिए बेहद फायदेमंद होते हैं। इन्हीं पौधों में से एक है, स्नेक प्लांट जो दिखने में तो अच्छा लगता ही है, साथ ही हवा की गुणवत्ता को सुधारने के लिए भी जाना जाता है। यह वायु में फैले विभिन्न प्रकार के टॉक्सिन को समाप्त कर देता है तथा हमें शुद्ध हवा उपलब्ध कराता है।
स्नेक प्लांट एक सामान्य इंडोर प्लांट है अर्थात घर के अंदर लगने वाला पौधा है। मगर इसे घर के बाहर भी लगाया जा सकता है। जिसे संसेविया ट्रिफसिआटा भी कहा जाता है। इस पौधे की दुनिया भर में लगभग 70 प्रजातियां हैं जो सभी सदाबहार हैं। यह मुख्य रूप से एशिया और अफ्रीका में पाया जाता है। इसके मोटे, नुकीले, तलवार के आकार के 18 इंच तक के पत्ते हो सकते हैं।
स्नेक प्लांट अधिकतर रेतीले क्षेत्रों में ही पैदा होता है। यह बड़े-बड़े बागानों में बाढ़ या बॉर्डर के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसकी विभिन्न प्रकार की प्रजातियां होती हैं। कुछ स्नेक प्लांट कांटेदार होते हैं। कुछ बहुत बड़े एवं बहुत छोटे होते हैं। कांटेदार स्नेक प्लांटों का प्रयोग ही बागानों की चारदीवारी करने में प्रयोग किया जाता है। ताकि कांटो के कारण किसी प्रकार के जीव बागान के अंदर प्रवेश न कर पाए।
वास्तु शास्त्र के अनुसार, स्नेक प्लांट घर में लगाने से घर में सांपों का आना वर्जित हो जाएगा अर्थात अगर आपके घर में सांप आते हैं या आपका घर जंगल में है, तो आप स्नेक प्लांट अपने घर में जरूर लगाएं। ऐसा कहा जाता है कि नागफनी का पौधा सांपों से आपके घर की रक्षा करता है। विश्व में नागफनी की विभिन्न प्रकार की प्रजातियां पाई जाती हैं। इसलिए नागफनी या स्नेक प्लांट को लगाते समय किसी जानकार वास्तु शास्त्री से राय अवश्य लें।
अगर स्नेक प्लांट को आप प्रत्यक्ष रूप से जमीन में लगाते है, तो यह समय के अनुसार बहुत तेजी से बढ़ता है। मगर अगर आप इस पौधे को गमले में लगाते हैं तो यह ज्यादा ऊंचा नहीं हो पाता। स्नेक प्लांट को ज्यादा पानी की आवश्यकता नहीं होती। यह कम पानी का पौधा है अर्थात यह रेगिस्तान जैसे क्षेत्रों में भी आराम से पैदा हो जाता है।