भूत प्रेत को घर से दूर रखें | शमी पौधे के लाभ | शमी का पौधा

लिखित साक्ष्यों के अनुसार, शमी का पौधा कीकर या बबूल के पौधे के समान होता है। यह उन क्षेत्रों में पाया जाता है, जहां पर पानी की मात्रा कम होती है अर्थात रेगिस्तान या मरुस्थलीय एवं पठारी क्षेत्रों में यह सबसे ज्यादा देखने को मिलता है। इसका कारण यह है कि यह कम पानी वाली मृदा में अर्थात मरुस्थलीय य रेतीली मृदा में आसानी से उग आता है। यह बर्फीली जमीन पर नहीं उगता अर्थात उच्च अक्षांशो में यह बहुत कम देखने को मिलता है। क्योंकि यह एक मरुस्थलीय तथा उष्णकटिबंधीय पौधा है। पहाड़ी एवं तराई क्षेत्रों में भी यह बहुत कम देखने को मिलता है। उष्णकटिबंधीय एवं मरुस्थलीय क्षेत्रों को छोड़कर इस पौधे का प्रयोग अगर घर में किया जाता है तो यह एक वास्तु शास्त्र के रूप में प्रयोग किया जाता है।



शमी का पौधा (प्रोसोपिस सिनेरेरिया) देखने में बिल्कुल कीकर या बबूल के समान होता है। मगर बबूल के पौधे से छोटा होता है। इसके पत्ते छोटे-छोटे होते हैं तथा गुलाबी एवं पीले रंग का फूल आता है। शमी के पौधे पर कांटे होते हैं। वह बहुत नुकीले एवं मजबूत होते हैं। 

आपने अक्सर देखा होगा कि बड़े-बड़े मकानों पर गमलों में अधिकतर शमी के पौधे देखने को मिलते हैं। यह कोई साधारण पौधा नहीं है, जो हर जगह पाया जाता है, बल्कि यह वास्तु शास्त्र के अनुसार, बहुत ही विशिष्ट पौधा है, जो विशिष्ट परिस्थितियों में लगाया जाता है। इस पौधे का उद्देश्य यह होता है कि जिस घर में यह पौधा लगाया जाता है, उस घर में किसी भी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा यानी भूत-प्रेत का साया नहीं पड़ता अर्थात यह सभी प्रकार की नकारात्मक ऊर्जा को दूर रखता है।



शमी का पौधा घर में लगाते वक्त किसी अच्छे वास्तु शास्त्र से जरूर राय लें। यह किस दिशा में लगाया जाना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार, शमी के पौधे को लगाने के लिए दिशाओं का अपना एक महत्व होता है।

 

पुरानी मान्यताओं के अनुसार, हिंदू धर्म में शमी के पौधे का विशेष महत्व है और इसे घर में लगाना बेहद ही शुभ माना जाता है। ​कहा जाता है कि शमी का पौधा भगवान शिव का प्रिय है और भगवान शिव पर जल अर्पित करते समय जल में शमी का फूल या पत्ती डालने से भोलेनाथ प्रसन्न होते हैं।



शमी का पौधा घर के लिए बहुत ही शुभ है। इसमें कोई संदेह नहीं है। अगर आपके पास शमी का पौधा नहीं है या घर में पौधा लगाने की व्यवस्था नहीं है तो आप शमी के पौधे की लकड़ी अपने घर में रख सकते हैं। बशर्ते की आप किसी वास्तु शास्त्र से जरूर जानकारी लें।

 

शमी का अन्य नाम खेजड़ी भी है, जो थार के मरुस्थल एवं अन्य स्थानों में पाया जाता है। इसे विभिन्न क्षेत्रों में भिन्न-भिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे : 

  • घफ़ – संयुक्त अरब अमीरात,
  • खेजड़ी, जांटी, सांगरी – राजस्थान,
  • छोंकरा – उत्तर प्रदेश ,
  • कांडी – सिंध ,
  • वण्णि – तमिलनाडु ,
  • शमी, सुमरी – गुजरात इत्यादि।

इस प्रकार शमी का पौधा घर में लगाते समय वास्तु शास्त्र से एक बार जरूर जानकारी लें तथा घर में इसका पौधारोपण अवश्य करें।

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