जैसेकि सब जानते हैं कि भारत को ब्रिटिश सरकार से आजाद कराने के लिए देश के प्रत्येक क्षेत्र के लोगों ने अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया है, चाहे वह किसी भी धर्म, जाति, लिंग या समुदाय का क्यों न हो। देश के लिए लड़ रही महिला स्वतंत्रता सेनानियों में स्त्री-पुरुष का मतभेद नहीं किया जाता था, बल्कि उन्हें एक स्वतंत्रता सेनानी के रूप में स्वीकार किया जाता था।
जब भारत देश अंग्रेजों के चंगुल में था। उस समय मणिपुर की महिलाओं ने देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का बलिदान दिया। उनके इसी बलिदान को याद करने के लिए 12 दिसंबर को नुपी लाल दिवस के रुप में मनाया जाता है। इस दिवस को मणिपुर की महिला समूह, स्वयं सहायता समूह तथा एनजीओ उन स्वतंत्रता सेनानी महिलाओं की याद में प्रत्येक साल इसे एक पर्व के रूप में मनाते आ रहे हैं।
यह न केवल महिलाओं की याद में मनाया जाने वाला दिवस है, बल्कि आने वाली महिला पीढ़ियों के लिए भी एक संदेश भी है, जो महिला सशक्तिकरण को प्रदर्शित करता है।