सोलर हमाम एक ग्रामीण अविष्कार है, जिसके माध्यम से पहाड़ी क्षेत्र में पानी को गर्म किया जाता है, जिसके लिए महिलाओं को लकड़ी की आवश्यकता नहीं होती। सोलर हमाम के द्वारा सूर्य की धूप से इस प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। पहाड़ी क्षेत्र के लोग मुख्य रूप से प्रकृति पर निर्भर करते हैं, जैसे पशुओं के लिए चारा, कृषि, इंधन तथा रोजगार पाने के लिए प्राकृतिक संसाधनों पर निर्भर है। यहां पर खाना बनाने के लिए अधिकतर महिलाएं लकड़ियों का प्रयोग करती हैं। जिसके कारण पहाड़ी क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ रहा है। लकड़ियों की निर्भरता को कम करने के लिए सोलर हमाम हीटिंग सिस्टम को शुरू किया गया, जो लद्दाख, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड राज्यों में काफी लोकप्रिय हो रहा है। इसे सन् 2008 में निर्मित किया गया था।
सोलर हमाम को 2016-17 में हिमाचल प्रदेश स्टेट इनोवेशन अवार्ड से भी नवाजा गया है। यह पानी गरम करने के साथ-साथ लोगों को रोजगार भी दे रहा है। जिसके माध्यम से 15 से 20 लीटर पानी आधे घंटे में गर्म हो जाता है। सोलर हमाम की मुख्य विशेषता यह है कि यह पूर्णतः सूर्य की धूप पर निर्भर है। इसके लिए बाहर से ईंधन की आवश्यकता नहीं होती है। जिसके कारण यह कम खर्चीला है।
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