लगभग 200 साल की गुलामी के बाद 15 अगस्त, 1947 को भारत ब्रिटिश सरकार से आजाद हुआ था। मगर यह कानूनी रूप से स्वतंत्र नहीं था। डॉ बाबा भीमराव अंबेडकर के कठिन प्रयासों से 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन के बाद संविधान बनकर तैयार हुआ। देश को गणतंत्र बनाने तथा देश में कानून का राज स्थापित करने के लिए संविधान को 26 नवंबर, 1949 को भारतीय संविधान सभा द्वारा अपनाया गया तथा भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ श्री राजेंद्र प्रसाद ने 26 जनवरी, 1950 को ध्वजारोहण करते हुए देश को पूर्ण गणतंत्र घोषित किया था। इस प्रकार 26 जनवरी को प्रत्येक वर्ष गणतंत्र दिवस के रूप में मनाया जाता है और यह भारत का एक पर्व भी कहलाता है। इसी दिन देश का प्रथम गणतंत्र दिवस मनाया गया।
भारत के राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस के अवसर पर दिल्ली में आयोजित समारोह में ध्वजारोहण करते हैं अर्थात भारत के राष्ट्रपति ध्वज फहराते हैं। राज्य एवं केंद्र शासित प्रदेशों के संदर्भ में राज्यपाल ध्वजारोहण करते है। मगर स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर दिल्ली में भारत के प्रधानमंत्री ध्वजारोहण करते हैं। 26 जनवरी भारत के 3 राष्ट्रीय अवकाशों में से एक हैं, जिनमें स्वतंत्रता दिवस (15 अगस्त) और गांधी जयंती (2 अक्टूबर) भी शामिल है।
26 जनवरी, 1930 को भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने भारत को स्वराज्य घोषित किया था। और इसी दिन से भारतीयों एवं स्वतंत्रता सेनानियों द्वारा 26 जनवरी को ही स्वतंत्रता दिवस मनाया जाता था। इसी प्रकार 26 जनवरी को ही भारतीय संविधान को लागू करने का निर्णय लिया गया। इसी दिन 1950 को भारत सरकार अधिनियम 1935 को हटाकर भारत का संविधान लागू किया गया।
देश के प्रत्येक क्षेत्र में 26 जनवरी को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है। स्कूल तथा कालेजों में कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए जाते हैं। स्कूलों में मिठाइयां बांटी जाती है। इस दिन देश की तीनों सेनाएं अपना वर्चस्व प्रस्तुत करती हैं।
गणतंत्रता दिवस के अवसर पर हम उन शहीदों को याद करते हैं, जिन्होंने देश को आजाद करने के लिए अपने प्राण न्योछावर कर दिए। उनमें प्रमुख है सुभाष चंद्र बोस, भगत सिंह, चंद्रशेखर आजाद, लाला लाजपत राय, लाला हरदयाल, सुखदेव, बाल गंगाधर तिलक एवं लाखों ऐसे भाई-बहन जिन्होंने अपने देश की आजादी के लिए संघर्ष किए। यही देश के वास्तविक नेता थे।
कोरोना की तीसरी लहर और आतंकी हमलों का खतरा देखते हुए, इस बार राजपथ पर होने वाले 26 जनवरी के कार्यक्रम में कुछ बदलाव किए गए हैं। जैसे साल 2022 के गणतंत्र दिवस के अवसर पर कोई मुख्य अतिथि नहीं होगा। ऐसा दूसरी बार हुआ है जब भारत के गणतंत्र दिवस के अवसर पर किसी देश के मुख्य अतिथि को शामिल नहीं किया गया।
2025 में 76वां गणतंत्र दिवस मनाया जाएगा।