पीली क्रांति से क्या तात्पर्य है?

खाद्य तेलों तथा तिलहन फसलों के उत्पादन हेतु अनुसंधान तथा विकास की रणनीति को पीली क्रांति की संज्ञा प्रदान की गई। इस क्रांति की शुरुआत 1986 में हुई थी। तिलहन उत्पादन में आत्मनिर्भरता प्राप्त करने की दृष्टि से उत्पादन, प्रसंस्करण और प्रबंध प्रौद्योगिक का सर्वोत्तम उपयोग करने के उद्देश्य से तिलहन प्रौद्योगिकी मिशन 1986 में प्रारंभ किया गया था। पीली क्रांति को लाने का श्रेय राजीव गांधी को है।

इस मिशन के अधीन 23 राज्यों से 337 जिले शामिल थे। जिसके परिणामस्वरूप हमारा देश खाद्य तेलों और तिलहन उत्पादन में महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल कर सका। लेकिन कंपनियों द्वारा बनाये गये कुछ अशुद्ध तेलों में बदलाव करने के लिए अभी कुछ प्रयास करने होंगे।

2021-22 में संपूर्ण तिलहन का उत्पादन 33.2 मिलीयन टन रहा है।

भारत में खाद्य तेलों की प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष खपत लगभग 8.5 किग्रा है, जो अंतरराष्ट्रीय पोषक मान 10.5 किलोग्राम अर्थात 30 ग्राम प्रति व्यक्ति प्रतिदिन से बहुत कम है। विश्व स्तर पर देखा जाए तो औसत खाद्य तेल खपत लगभग 15 किग्रा प्रति व्यक्ति प्रति वर्ष है।

कुल 9 तिलहनों के उत्पादन में सर्वाधिक योगदान सोयाबीन तथा मूंगफली एवं तीसरे स्थान पर तोरिया एवं सरसों का रहा।

भारत में तिलहन उत्पादक राज्य

  1.  सरसों :   राजस्थान
  2.  मूंगफली :   गुजरात
  3.  सोयाबीन :   मध्य प्रदेश
  4.  सूरजमुखी :   कर्नाटक
  5.  नारियल :   तमिलनाडु, केरल
  6.  कुसुम :   महाराष्ट्र

अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  1. विश्व में सर्वाधिक तिलहन का उत्पादन अमेरिका में होता है।
  2. भारत के संदर्भ में मध्य प्रदेश तिलहन उत्पादन में प्रथम स्थान पर है।
  3. तिलहन की खेती ऐसे क्षेत्रों में की जाती है जहां पर वर्षा कम होती है एवं मिट्टी की उर्वरा शक्ति कमजोर होती है।
  4. सोयाबीन एकमात्र ऐसी फसल है, जिसे तिलहन एवं दलहन दोनों के अंतर्गत रखा जाता है। प्रोटीन के संदर्भ में बात करें तो सोयाबीन में सबसे ज्यादा प्रोटीन पाया जाता है लगभग 42 प्रतिशत। सोयाबीन को खरीफ फसल की श्रेणी में रखा गया है। भारत में  तिलहन फसलों के मामले में सोयाबीन का सबसे ज्यादा पादन किया जाता है।
  5. पीली क्रांति का सबसे ज्यादा असर सरसों की खेती पर हुआ, सरसों रबी की फसल है। जो नवंबर में बोई जाती है एवं मार्च के महीने में काट ली जाती है। सबसे कम समय लगता है फसल तैयार होने में, जिसकी वजह से किसानों को अच्छी आय प्राप्त हो जाती है।
  6. मूंगफली एक तिलहन फसल है, जो खरीफ ऋतु  की श्रेणी में आती है। गुजरात में सबसे ज्यादा मूंगफली का उत्पादन होता है। मूंगफली में प्रोटीन की मात्रा लगभग 30 प्रतिशत होती है।
  7. सरसों के तेल में तीखापन उसमें उपस्थित आइसोथायोसाइनेट के कारण होता है। राजस्थान में भारत की सबसे ज्यादा सरसों का उत्पादन किया जाता है।

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