वैज्ञानिकों के मुताबिक, व्यस्क मनुष्य में हड्डियों की संख्या 206 होती है। तथा शिशु अवस्था में हड्डियों की संख्या लगभग 300 बताई गई है। इस प्रकार जैसे-जैसे मनुष्य के शरीर का विकास होता रहता है। उसी प्रकार हड्डियां भी एक दूसरे को जोड़ने का काम करती हैं।
अस्थि या हड्डी के कार्य
हड्डियों का मुख्य कार्य शरीर की सुरक्षा करना है। यह ह्रदय, फेफड़े तथा दिल की प्रत्यक्ष रूप से सुरक्षा करती हैं। इसके साथ-साथ शरीर को स्थिर अवस्था में रखती है, ताकि मनुष्य सीधा खड़ा हो सके। शरीर में कैल्शियम एवं फास्फोरस का अधिकांश भाग हड्डियों में पाया जाता है। इसके साथ-साथ हड्डियां कैल्शियम एवं फास्फोरस का संग्रहक (Store) भी है।
हड्डियों में कैल्शियम एवं फास्फोरस की भूमिका
जैसे कि हम जानते हैं कि कैल्शियम एवं फास्फोरस का अधिकांश भाग हड्डियों में पाया जाता है। शरीर में कैल्शियम की मात्रा अधिक एवं कम होने पर हड्डी टूटने के आसार ज्यादा हो जाते हैं। अर्थात मनुष्य के शरीर में कैल्शियम अधिक या कम है, उस अवस्था में हड्डी जल्दी (थोड़ी चोट लगने पर) टूट जाती है। इसलिए शरीर में कैल्शियम की मात्रा संतुलित होनी चाहिए।
अस्थियों का वर्गीकरण
जैसे कि ऊपर बताया जा चुका है कि मानव शरीर में 206 हड्डियां होती है। जब मनुष्य की आयु 30 वर्ष होती है, उस समय उसकी हड्डियों का घनत्व सबसे अधिक होता है। धीरे-धीरे उम्र के साथ हड्डियों का घनत्व कम होने लगता है। अर्थात हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। अंगों के आधार पर हड्डियों को वर्गीकृत किया गया है, जैसे :
हड्डियों की संख्या
- कपाल में – 8 हड्डियां
- चेहरे में – 14 हड्डियां
- कान में – 6 हड्डियां
- रीढ़ में – 26 हड्डियां
- पसली में – 24 हड्डियां
- दोनों हाथों में – 60 हड्डियां
- दोनों पैरों में – 60 हड्डियां
- गले में – 1 हड्डी
- अक्षक हड्डियों की संख्या – 2
- स्कंध हड्डियों की संख्या – 2
- नितम्ब हड्डियों की संख्या – 2
- छाती में हड्डियों की संख्या – 1
शरीर में सबसे बड़ी हड्डी टांग में होती है, जिसे फीमर कहते हैं। तथा सबसे छोटी हड्डी कान की होती है, जिसे स्टेपिस कहते हैं।