रोने का संबंध सिर्फ दुख से माना गया है। जब कोई जानवर या प्राणी रोता है तो यह समझा जाता है कि वह परेशान है। इसके पीछे विभिन्न कारण हो सकते हैं जैसे दर्द, अशुभ संकेत होना, असफलता प्राप्त करना, सफलता प्राप्त करना, ज्यादा ख़ुशी मिलना तथा अन्य कई कारण हो सकते हैं। इस प्रकार रोने को भी दो भागों में बांटा गया।
सुख के साथ रोना
जब कोई व्यक्ति किसी लक्ष्य को प्राप्त कर लेता है तो उस व्यक्ति को बहुत प्रसन्नता होती है, लेकिन जब खुशी अपनी इच्छाओं से ज्यादा हो, तो उस दशा में भी आंसू निकल आते हैं।
दुख के साथ रोना
इस रोने को सभी जानते हैं। जब किसी प्राणी को असहनीय पीड़ा होती है तो वह रोने लगता है। मगर सवाल इस बात का है कि कुत्ते रात के वक्त क्यों रोते हैं। इसके पीछे वैज्ञानिक एवं धार्मिक कारण दोनों है।
धार्मिक कारण
- जब कुत्ता दिन अथवा रात में रोता है तो प्राचीन मान्यताओं के अनुसार, ऐसा माना जाता है कि उसे आत्मा दिखाई देती है।
- यह भी मान्यता प्राचीन समय से चली आ रही है कि जब कुत्ता किसी के घर के पास रोता है तो ऐसा माना जाता है कि उस घर में कोई अनहोनी होने वाली है। इसलिए कुत्ते को उस जगह से भगा दिया जाता है।
वैज्ञानिक कारण
- कुत्ते रोने के पीछे यह मुख्य कारण है कि कुत्ता दर्द से पीड़ित हो, इसलिए रोता है।
- कुत्ता भूखा भी हो सकता है। इसलिए रो रहा हो।
- विज्ञान के अनुसार 20 डेसिबल से कम एवं 20000 डेसीबल से अधिक ध्वनि को कुत्ते, बिल्ली एवं अन्य जीव-जंतु आसानी से सुन लेते हैं। इसलिए यह भी हो सकता है कि वह किसी नकारात्मक सूचना को बताना चाह रहा हो।
- कुत्ते, बिल्ली एवं अन्य जीव-जंतुओं की इंद्रियां इतनी तीक्ष्ण होती है कि वह व्यक्ति की तुलना में अधिक क्रियाओं की अनुभूति कर सकते हैं। इस प्रकार ज्वालामुखी, भूकंप एवं अन्य प्राकृतिक घटनाएं को कुत्ते एवं बिल्ली आसानी से समझ लेते हैं। इसलिए प्राकृतिक आपदाओं के कारण होने वाली अनहोनी को वह सूचित करना चाहता हो।
साधारण भाषा में हम सिर्फ यह कह सकते है कि कुत्ता किसी भी रूप में रोए, इसका मतलब सिर्फ अशुभ ही होता है।