लकवा क्यों पड़ता है?

लकवे को हिंदी भाषा में पक्षाघात भी कहते हैं। एवं मेडिकल भाषा में पैरालाइसिस के नाम से जाना जाता है। यह एक वायु रोग है, जिसके प्रभाव से शरीर के निम्न अंग प्रभावित हो सकते हैं जैसे मुंह, हाथ, पैर तथा जीभ आदि। इस बीमारी का सबसे ज्यादा प्रभाव जीभ एवं मुंह पर देखने को मिलता है। इस बीमारी के कारण जिस अंग पर यह रोग प्रभावित होता है। वह अंग अपना काम करना बंद कर देता है या कम कर देता है।

लकवा आमतौर पर मांसपेशियों की समस्या के कारण नहीं होता है, बल्कि मस्तिष्क द्वारा मांसपेशियों को नियंत्रित करने के लिए इस्तेमाल की जाने वाली नसों या रीढ़ की हड्डी में समस्याओं के कारण होता है। जिसका सबसे ज्यादा प्रभाव तंत्रिका तंत्र पर होता है। यह बीमारी किसी भी व्यक्ति को प्रभावित कर सकती है, चाहे व्यक्ति स्वस्थ हो या अस्वास्थ्य। स्वस्थ व्यक्ति अगर लगातार किसी मानसिक तनाव से ग्रस्त रहता है, उस दशा में भी यह बीमारी हो सकती है।

अगर कोई व्यक्ति लंबे समय से बीमार है एवं लगातार मेडिकल सलाह के संरक्षण में है तो उस दशा में यह बीमारी कम प्रभाव डालती है। यह अचानक होने वाली बीमारी है।

लकवा के कारण

  1. धूम्रपान एवं मदिरा करने के कारण
  2. अधिक मानसिक तनाव के कारण
  3. अधिक नशीले पदार्थो के सेवन से
  4. सिर में चोट लगने के कारण
  5. रीढ़ की हड्डी में चोट लगने के कारण
  6. अधिक कोलेस्ट्रॉल के कारण
  7. अधिक मोटापे के कारण
  8. कुछ उदाहरण ऐसे देखे गए हैं कि अधिक खुशी एवं गम के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।

लकवा से निदान पाने के उपाय

  1. लकवा प्रभावित व्यक्ति को ठंडी वस्तुओं से दूर रहना चाहिए।
  2. वर्तमान समय में बहुत से ऐसे अस्पताल है, जहां पर इसका इलाज किया जाता है।
  3. ग्रामीण क्षेत्रों में भी लकवे को ठीक करने वाले बहुत से आयुर्वेदिक डॉक्टर हैं, जिन्होंने इस बीमारी को ठीक करने में काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  4. फिजियोथेरेपी के माध्यम से भी इस बीमारी से निजात पाया जा सकता है।
  5. इस बीमारी के कारण या तो ब्लड प्रेशर बहुत ज्यादा बढ़ जाता है या बहुत कम हो जाता है। उस दशा में डॉक्टर बीपी को कंट्रोल कर इस रोग पर नियंत्रण कर लेते हैं।
  6. चाय, फास्ट फूड एवं बाजार से बनी हुई वस्तु का प्रयोग कम से कम करना चाहिए।
  7. पीने में गर्म पानी का प्रयोग अधिक से अधिक करें। यह कोलेस्ट्रोल को कम करता है।
  8. इस बीमारी से दूर रहने का सबसे अच्छा उपाय, सुबह उठकर योगासन करना है। न कि शारीरिक कार्य, जो आप दिनभर करते हो। बहुत उदाहरण ऐसे देखे गए हैं, जहां पर दिनभर खेत में काम करने वाले व्यक्ति को भी पैरालाइसिस हो सकता है। [ Affordable Care Act क्या है? ]
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