हीराकुंड परियोजना उड़ीसा में महानदी पर बनाई गई है। जिसका मुख्य उद्देश्य बाढ़ नियंत्रण, सिंचाई, जल विद्युत एवं मत्स्य उत्पादन है। इसका निर्माण 1948 से 1957 के बीच किया गया।
यहां 3 बांध बनाए गए हैं।
हीराकुंड बांध
- यह विश्व का सबसे लंबा बांध है। जिसकी लंबाई 4.8 किलोमीटर है। यह संबलपुर जिले में हीराकुंड स्थान पर बनाई गई है।
तिकापारा बांध
नराज बांध
- तीनों बांधों से नहरें निकाली गई हैं।
- 2 जल विद्युत शक्ति गृह स्थित हैं।
हीराकुंड बांध के पास 123 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है, जबकि चिपलीमा में 72 मेगावाट जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है।