अमेरिका की टेनसी घाटी योजना के आधार पर 1948 में दामोदर घाटी निगम की स्थापना की गई थी। यह दामोदर एवं सहायक नदियों पर बनाई गई योजना है। भारत की प्रथम बहुउद्देशीय परियोजना भी है। यह केन्द्र सरकार के अंतर्गत आती है। दामोदर घाटी का सर्वागीण विकास इस योजना का मुख्य उद्देश्य है। इसके अलावा आर्थिक विकास एवं लोगों का जीवन स्तर ऊंचा करना है।
मुख्य उद्देश्य
- बाढ़ नियंत्रण
- सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन
- जल परिवहन
- मत्स्य उत्पादन
- वनीकरण एवं मृदा संरक्षण
परियोजना के मुख्य तत्व
8 बांधों का निर्माण –
- बराकर नदी : मैथान (धन्यवाद), बालपहाड़ी एवं तिलैया बांध (कोडरमा)
- दामोदर नदी : पंचेत पहाड़ी (धन्यवाद एवं पुरुलिया की सीमा पर), अय्यर तथा बरमो
- बोकारो नदी : बोकारो बांध
- कोनार नदी : कोनार बांध (हजारी बाग)
इन 8 बांधों पर जल विद्युत केंद्र स्थापित है।
दुर्गापुर अवरोधक बांध बराकर नदी पर स्थित है। यहां से 2 नहरें निकाली गई है।
ताप विद्युत केंद्र
- बोकारो ताप विद्युत केंद्र
- चंद्रपुरा ताप विद्युत केंद्र
- दुर्गापुर ताप विद्युत केंद्र