पक्षी आकाश में कैसे उड़ जाते हैं?

न्यूटन के नियम के अनुसार प्रत्येक वस्तु जमीन पर आकर रूकती है। जिसका एकमात्र कारण गुरुत्वाकर्षण बल है। मगर इसी बल के विपरीत अगर कोई बल लगाया जाए तो उसे पृथ्वी पर आने से रोका जा सकता है। कोई भी वस्तु जो पृथ्वी से ऊपर चलायमान है। वह गुरुत्वाकर्षण के विपरीत कार्य करती है। जैसे हवाई जहाज, पतंग एवं पक्षी इत्यादि।

जो कोई वस्तु एवं पक्षी आसमान में उड़ता है या चलायमान होता है तो वह अपने पंखों की सहायता से अपने वजन से ज्यादा वायु को हटा देता है। अर्थात अपने पंखों की सहायता से गुरुत्वाकर्षण शक्ति के विपरीत अधिक बल उत्पन्न करता है तभी वह आकाश में स्वतंत्र अवस्था में रह सकता है। जैसे ही पक्षी द्वारा लगाया गया बल गुरुत्वाकर्षण बल से कम होने लगता है, वैसे ही वह वस्तु पृथ्वी की ओर आने लगती है अर्थात पृथ्वी पर आकर गिर जाती है।

दोस्तों आपने देखा होगा कि दूर आकाश में जब पक्षी अपने पंखों को सीधा कर लेता है तो वह धीरे-धीरे पृथ्वी की ओर आने लगता है अर्थात कुछ समय बाद वह पृथ्वी पर आ जाता है। वैसा ही हवाई जहाज के केस में भी होता है।

दोस्तों, अब आप यह सोच रहे होंगे कि बत्तख के भी पंख होते हैं, लेकिन वह नहीं उड़ पाती। उसका कारण यह है कि बत्तख अपने पंखों को इतनी तेज गति से नहीं चला पाती कि वह अपने वजन से अधिक वायु को हटा सके, इसलिए उसका भार अधिक एवं पंखों द्वारा उत्पन्न किया गया बल कम होता है। जिसके कारण वह नहीं उड़ सकती।

यह भी सच है कि मानव भी उड़ सकता है। उदाहरण के तौर पर जब व्यक्ति अपने भार से अधिक पानी को हटाकर नदी में तैर सकता है, तो व्यक्ति अपने भार से अधिक वायु को हटाकर हवा में उड़ भी सकता है।

इस प्रकार व्यक्ति को उड़ने एवं तैरने के लिए उसे गुरुत्वाकर्षण के विपरीत कार्य करना ही होगा।

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