विटामिन भोजन का एक भाग है, जिसकी आवश्यकता प्रत्येक जीव को होती है। रासायनिक रूप से ये कार्बनिक यौगिक होते हैं। विटामिन हमारे शरीर में स्वयं नहीं बनता, बल्कि इसको हम भोजन के रूप में प्राप्त करते हैं। कुछ विटामिन जो हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक है। जैसे विटामिन-A, विटामिन-B, विटामिन-C, विटामिन-D, विटामिन-E तथा विटामिन-K इत्यादि।
विटामिन की कमी से हमारे शरीर में बहुत सी बीमारियां हो जाती हैं। जैसे :
- विटामिन-ए की कमी के कारण रतौंधी
- विटामिन-बी की कमी के कारण शारीरिक विकास का रुक जाना
- विटामिन-सी के कारण स्कर्वी
- विटामिन-डी के कमी के कारण सूखा रोग या रिकेट्स
- विटामिन-ई की कमी के कारण जनन शक्ति का कम होना
- विटामिन-के की कमी के कारण रुधिर का थक्का न जमना।
विटामिन-C
विटामिन-C हमारे शरीर के लिए अति आवश्यक है। यह हमारे शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। विटामिन-सी को एस्कोरबिक एसिड के नाम से भी जाना जाता है। विटामिन-सी की मात्रा पूरी न मिलने के कारण हमारे शरीर में स्कर्वी नामक रोग उत्पन्न हो जाता है तथा दांतो से संबंधित बहुत-सी बीमारियां जन्म ले लेती हैं। जैसे पायरिया।
गुर्दा एवं विटामिन-C का संबंध
जैसे कि सभी जानते हैं कि अगर हमारे पेट में पथरी हो जाती है तो डॉक्टर या हमारे संबंधी हमें नींबू का ज्यादा से ज्यादा सेवन करना बताते हैं। नींबू पेट में बनने वाली पथरी को गला देता है। नींबू का लगातार सेवन करने से हमारे पेट से संबंधित एवं त्वचा से संबंधित सभी प्रकार की बीमारियां खत्म हो जाती हैं। नींबू प्रत्यक्ष रूप से गुर्दे को स्वच्छ करने का काम करता है।
विटामिन-C के स्रोत
विटामिन-सी सबसे ज्यादा आंवले में पाया जाता है। इसके अलावा संतरा एवं नींबू में भी विटामिन सी काफी मात्रा में पाया जाता है। मनुष्य को औसत रूप से लगभग 60-80 मिलीग्राम विटामिन-सी का सेवन करना चाहिए।