नील नदी अफ्रीका में प्रवाहित होने वाली सबसे लंबी नदी है। इसे दुनिया की सबसे लंबी नदियों में जाना जाता है। यह भूमध्य रेखा के दक्षिण से निकलकर उत्तर-पूर्वी अफ्रीका से होकर भूमध्य सागर में अपना जल गिराती है। जहां यह चापाकार डेल्टा का निर्माण करती है।
- गंगा नदी, राइन नदी, सिंधु नदी, मेकांग नदी आदि भी चापाकार डेल्टा का निर्माण करते हैं।
नील नदी लगभग 6650 किमी लंबी है। यह नील नदी बेसिन में तंजानिया, युगांडा, बुरुंडी, रवांडा, कांगो गणराज्य, केन्या, दक्षिण सूडान, इथियोपिया, सूडान और मिस्र से होकर प्रवाहित होती है।
यह सफेद नील (White Nile) और नीली नील (Blue Nile) नदी से मिलकर बनती है। अर्थात ये दोनों नदियां नील नदी की सहायक नदियां है। व्हाइट नील (White Nile) अर्थात सफेद नील नदी का उद्गम मध्य अफ्रीका की महान अफ्रीकी झील (विक्टोरिया झील) क्षेत्र के समीप से होता है। जबकि ब्लू नील का निर्माण इथियोपिया की झील टाना से होता है। सफेद नील को ही नील का प्रमुख और प्राथमिक जल स्रोत माना जाता है।
नील नदी कुछ समय से कई देशों को लेकर विवाद के केंद्र में रही है, उसका कारण नील नदी का जल है। इस विवाद में सबसे अग्रणी देश इथियोपिया, मिस्र और सूडान है।