‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना’ क्या है और इससे किसानों को कैसे फायदा हो सकता है?

हाल ही में, राजस्थान सरकार ने रासायनिक खेती के दुष्प्रभाव को कम करने और किसानों को जैविक खेती की ओर बढ़ावा देने के उद्देश्य से एक बड़ी पहल की शुरुआत की है। इसके साथ-साथ पशुओं के गोबर से, जैविक खाद उत्पादन को प्रेरित करने के लिये राजस्थान कृषि विभाग की ओर से प्रदेश के किसानों के लिए गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना शुरू की है। इसमें गोवंश धारी किसानों को 50% या अधिकतम 10,000 रुपये गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के तहत वर्मी कम्पोस्ट यूनिट लगाने होंगे। इस योजना द्वारा पर्यावरण, जीव एवं वनस्पति पर रसायन के दुष्प्रभाव को कम किया जा सकेगा, वहीं दूसरी ओर मृदा के स्वास्थ्य और उर्वरा शक्ति को बढाकर टिकाऊ खेती की जा सकेगी।

ऑनलाइन आवेदन की प्रक्रिया

मुख्यमंत्री बजट घोषणा वर्ष 2024-25 के अनुसरण में गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना के तहत राजकिसान साथी पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन शुरू हो गए हैं। ‘गोवर्धन जैविक उर्वरक योजना‘ के तहत किसान नजदीकी ई-मित्र कियोस्क में जाकर या खुद राजकिसान साथी पोर्टल पर जाकर किसान/नागरिक लॉग इन में एसएसओ आई.डी./जनआधार आई.टी. का उपयोग करके आवेदन कर सकते हैं।

इस कार्यक्रम में आवेदनों का चयन ‘पहले आओ-पहले पाओ‘ के आधार पर किया जाएगा। पात्र किसानों व पशुपालकों के पास भू-स्वामित्व के साथ ही पर्याप्त पशुधन, पानी और कार्बनिक पदार्थ की उपलब्धता होनी चाहिए।

नियम एवं शर्तें

किसान के पास कम से कम 5 गौवंश होना अनिवार्य है। इस योजना के तहत विभागीय दिशा-निर्देशानुसार इकाई निर्माण पर लागत का 50 फीसदी या अधिकतम 10 हजार रुपये प्रति इकाई आकार अनुसार किसानों को अनुदान मिलेगा।

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