क्या भारतीय संविधान पूर्ण संघीय संविधान है?

भारतीय संविधान को एक पूर्ण संघीय संविधान नहीं कहा जा सकता, बल्कि यह संघीय-एकात्मक (federal-unitary) तत्वों का मिश्रण है। भारतीय संविधान में संघीय व्यवस्था की विशेषताएँ हैं, लेकिन यह एकात्मक तत्वों से भी लैस है, जो इसे विशेष बनाता है।

संघीय तत्व:

  • संघ और राज्य सरकारों का बंटवारा: संविधान में शक्ति का वितरण केंद्र (संघ) और राज्यों के बीच किया गया है। संघीय प्रणाली के तहत दोनों के पास अपनी-अपनी शक्तियाँ होती हैं, जो संविधान में उल्लिखित हैं।
  • संघीय न्यायालय: उच्चतम न्यायालय को संघीय संरचना के अंतर्गत संघ और राज्यों के बीच विवादों का निपटारा करने की जिम्मेदारी दी गई है।

एकात्मक तत्व:

  • केंद्र सरकार का अधिनायकत्व: संविधान में कई प्रावधान हैं जो केंद्र सरकार को अधिक शक्ति प्रदान करते हैं, जैसे कि आपातकाल की स्थिति में केंद्र सरकार को राज्यों पर अधिकार प्राप्त होता है।
  • राज्यों की शक्तियाँ: संविधान में राज्य विधानसभाओं और राज्यों के अधिकार सीमित हैं, खासकर आपातकाल की स्थिति में।
  • केंद्र द्वारा नियुक्ति: राज्यपालों की नियुक्ति केंद्र सरकार द्वारा की जाती है, जो राज्य के शासन में एकात्मक नियंत्रण की ओर संकेत करता है।

इस प्रकार, भारतीय संविधान को संघीय और एकात्मक दोनों तत्वों का समावेश माना जाता है। इसे कभी-कभी संघीय व्यवस्था में एकात्मक तत्व भी कहा जाता है, जो समय और परिस्थिति के अनुसार परिवर्तित हो सकते हैं।

 

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