कन्या सुमंगला योजना | Kanya sumangala Yojana kya hai..

कन्या सुमंगला योजना उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य बेटियों को शिक्षित, सशक्त और आत्मनिर्भर बनाना है। यह योजना बेटियों के जन्म से लेकर उनकी शिक्षा तक के विभिन्न चरणों में वित्तीय सहायता प्रदान करती है।

योजना की मुख्य विशेषताएं:

लक्ष्य: बेटियों को आर्थिक रूप से सहायता देकर उनके विकास और शिक्षा को बढ़ावा देना।

लाभार्थी:

  1. उत्तर प्रदेश के निवासी।
  2. वह परिवार जिनकी वार्षिक आय 3 लाख या उससे कम है। 

वित्तीय सहायता:  बेटियों को जन्म से लेकर उनकी स्नातक तक की पढ़ाई के लिए विभिन्न चरणों में कुल 15,000\- की सहायता राशि दी जाती है।

सहायता राशि का विभाजन:

  1. बेटी के जन्म पर: 2,000/-
  2. टीकाकरण के बाद (1 वर्ष की उम्र): 1,000/-
  3. प्रथम कक्षा में प्रवेश: 2,000/-
  4. छठवीं कक्षा में प्रवेश: 2,000/-
  5. नवीं कक्षा में प्रवेश: 3,000/-
  6. स्नातक या समकक्ष पाठ्यक्रम में प्रवेश: 5,000/-

ऑनलाइन आवेदन:

महिला एवं बाल विकास विभाग, उत्तर प्रदेश की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

योजना के तहत पंजीकरण करें और आवश्यक दस्तावेज अपलोड करें।

आवश्यक दस्तावेज:

  1. आधार कार्ड
  2. आय प्रमाण पत्र
  3. निवास प्रमाण पत्र
  4. बेटी का जन्म प्रमाण पत्र
  5. बैंक खाता विवरण

महत्व:

यह योजना बेटियों के प्रति समाज में सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करती है।

शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में बेटियों को प्रोत्साहित करती है।

अगर आपको योजना से संबंधित अधिक जानकारी या सहायता चाहिए, तो उत्तर प्रदेश सरकार की वेबसाइट पर संपर्क कर सकते हैं।

कन्या सुमंगला योजना ( Kanya Sumangala Yojana) बेटियों के समग्र विकास और समाज में उनके लिए समान अवसर सुनिश्चित करने की दिशा में उत्तर प्रदेश सरकार का एक बड़ा कदम है। यह योजना बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और आर्थिक स्थिति को सुधारने पर केंद्रित है।

योजना के उद्देश्‍य:

  • लिंग असमानता कम करना: बेटियों के जन्म को प्रोत्साहन देना और उनके प्रति सकारात्मक सोच विकसित करना।
  • शिक्षा में सुधार: बालिकाओं को पढ़ाई के लिए प्रोत्साहित करना।
  • स्वास्थ्य एवं पोषण: बेटियों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं प्रदान करना।
  • आर्थिक सहायता: परिवारों पर बेटियों की शिक्षा और पालन-पोषण का बोझ कम करना।

योग्यता के नियम:

  1. परिवार की वार्षिक आय 3 लाख से अधिक नहीं होनी चाहिए।
  2. योजना का लाभ केवल दो बेटियों तक सीमित है।
  3. आवेदक परिवार को उत्तर प्रदेश का स्थायी निवासी होना चाहिए।
  4. बेटी का आधार कार्ड और बैंक खाता होना आवश्यक है।

लाभार्थियों के लिए प्रमुख चरण:

1. बेटी के जन्म पर (2,000/-)

  • बेटी के जन्म के बाद परिवार को प्रोत्साहन राशि दी जाती है।

2. पहली बार टीकाकरण (1,000/-)

  • 1 वर्ष की आयु तक बेटी के पूर्ण टीकाकरण के बाद।

3. पहली कक्षा में प्रवेश (2,000/-)

  • बेटी के स्कूल में प्रवेश पर आर्थिक सहायता।

4. छठवीं कक्षा में प्रवेश (2,000/-)

  • बेटी की उच्च प्राथमिक शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए।

5. नौंवी कक्षा में प्रवेश (3,000/-)

  • बालिका शिक्षा को माध्यमिक स्तर तक बढ़ाने के लिए।

6. स्नातक या डिप्लोमा में प्रवेश (5,000/-)

  • बेटी की उच्च शिक्षा को प्रोत्साहित करने के लिए।

दस्तावेज़ की सूची:

  1. माता-पिता या अभिभावक का आधार कार्ड।
  2. बेटी का जन्म प्रमाण पत्र।
  3. उत्तर प्रदेश का निवास प्रमाण पत्र।
  4. आय प्रमाण पत्र (न्यायालय या प्राधिकृत अधिकारी द्वारा)।
  5. बैंक पासबुक (अभिभावक या बेटी के नाम पर)।
  6. स्कूल प्रमाण पत्र (कक्षा की पुष्टि के लिए)।

आवेदन प्रक्रिया:

योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।

नए उपयोगकर्ता के रूप में पंजीकरण करें।

आवश्यक जानकारी भरें और दस्तावेज़ अपलोड करें।

आवेदन जमा करें और पावती संख्या प्राप्त करें।

आवेदन की स्थिति वेबसाइट पर ट्रैक की जा सकती है।

महत्वपूर्ण जानकारी:

यह योजना बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ अभियान को भी मजबूत करती है।

धनराशि सीधा बैंक खाते में भेजी जाती है।

आवेदन मुफ्त है और इसे किसी भी साइबर कैफे या लोकवाणी केंद्र से किया जा सकता है।

 

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