मखाने की खेती के लिए मखाना बोर्ड क्यों जरूरी है?

मखाना (Makhana) एक ऐसी फसल है, जिसके लिए बिहार को दुनिया भर में पहचान मिली है। वर्तमान समय में, इसको उपजाने वाले लोग अति पिछड़े समाज के सहनी, मलाह उसी कम्युनिटी के लोग इस व्यवसाय से जुड़े हुए हैं। लेकिन उनको वो मूल्य नहीं मिल पाता था जिस हिसाब से उनकी लागत लगती थी। मखाना बोर्ड बनने से उसकी पैकेजिंग, उसकी मार्केटिंग, ये सारे काम की सुविधा हो जाएगी। मखाना पॉपिंग और मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए कई उपकरण/मशीनें विकसित की गई हैं और व्यावसायीकरण जैसे मखाना बीज वॉशर, मखाना बीज ग्रेडर, मखाना बीज प्राथमिक भूनने की मशीन, मखाना बीज पॉपिंग मशीन, के लिए निर्माताओं को लाइसेंस दिया गया है। पिछले कुछ वर्षों में, विभिन्न राज्यों के किसानों, कृषि विज्ञान केंद्रों और संगठनों को 15,824.1 किलोग्राम उच्च उपज वाले मखाना के बीज वितरित किए गए हैं। महत्वपूर्ण लाभार्थियों में नाबार्ड, मत्स्य विभाग, बिहार बागवानी विकास सोसायटी जैसी संस्थाएँ और बिहार, उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ जैसे क्षेत्रों के किसान शामिल हैं। 2012 से 2023 के बीच, NRCM ने 3,000 से ज़्यादा किसानों को मखाना की उन्नत खेती, प्रसंस्करण और विपणन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया, जिसमें जल-कुशल प्रथाओं, फसल प्रणालियों और पोषक तत्व प्रबंधन पर ध्यान केंद्रित किया गया।

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