प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना क्या है एवं इससे होने वाले लाभों के बारें में बताएं।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत केंद्र सरकार (पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय) द्वारा 1 मई, 2016 को उत्तर प्रदेश के बलिया से की गई थी। इस योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों (BPL) की महिला सदस्यों को मुफ्त में रसोई गैस कनेक्शन (Rs. 1600) उपलब्ध किए गए। जिसके लिए केंद्र सरकार ने 8000 करोड रुपए की योजना को मंजूरी दी थी। इस योजना का मुख्य उद्देश्य अशुद्ध ईंधन को छोड़कर शुद्ध LPG ईंधन को बढ़ावा देना, महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना एवं उनके स्वास्थ्य की रक्षा करते हुए इस योजना की शुरुआत की गई। इस योजना के आने से प्रत्यक्ष रूप से पर्यावरण प्रदूषण को भी नियंत्रण करने का प्रयास किया जा रहा है। इस योजना में महत्वपूर्ण कंपनियां योगदान दे रही हैं, जैसे इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम तथा हिंदुस्तान पैट्रोलियम।

जैसे कि हम जानते हैं कि भारत गांवों का देश है। यहां की अधिकांश जनसंख्या गांव में निवास करती है। गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि एवं पशुपालन हैं। ईंधन के रूप में गांव के लोग गोबर के उपले एवं लकड़ी का प्रयोग करते हैं। जो सबसे ज्यादा कार्बन उत्सर्जन करते हैं। इस प्रकार के ईंधन से निकलने वाले धुंए से हमारी माताएं एवं बहनों की सबसे ज्यादा आंखें खराब होती है। इसके साथ-साथ यह फेफड़ों को भी काफी नुकसान पहुंचाता है। बस इसी समस्या को खत्म करने के लिए मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना की शुरुआत की थी और इसके परिणाम भी सकारात्मक आए।

ऐसा नहीं है कि मोदी सरकार से पहले गैस के सिलेंडर गांव में नहीं थे, मगर सिर्फ 5 प्रतिशत लोग ही खाना बनाने के लिए गैस का प्रयोग करते थे। किसी शादी, त्योहार, जन्मदिन एवं उत्सवों के अवसर पर लकड़ी के ईंधन से ही खाना बनाया जाता था, जिसमें कार्बन उत्सर्जन के साथ-साथ समय भी काफी व्यतीत होता था। मगर वर्तमान समय में 90 प्रतिशत लोगों के पास गैस के कनेक्शन है। तथा 50 प्रतिशत लोग गैस पर ही खाना बनाना पसंद करते हैं।

उज्जवला योजना के आने से पहले गैस सिलेंडर लेने के लिए काफी लंबी लाइन लगते थी, जिसमें घंटों इंतजार करना पड़ता था, मगर वर्तमान समय में ऑनलाइन बुकिंग के बाद सिलेंडर आपके घर आ जाता है। गैस डिलीवरी से संबंधित किसी प्रकार की कोई समस्या नहीं है। इस योजना के अंतर्गत देश की वित्त मंत्री ने 2021-22 के बजट में एक करोड़ और नए कनेक्शन वितरित करने की घोषणा की है। इस योजना के अंतर्गत पिछले 4 सालों में 8,97,98,302 कनेक्शन (26 जनवरी 2022 तक) वितरित किए जा चुके हैं।

प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना से होने वाले लाभ

देश में कोई भी योजना आ जाए, उस योजना के लाभ और हानियां जरूर होती हैं। मगर उज्जवला योजना से ग्रामीण महिलाओं को सबसे ज्यादा लाभ हुए हैं।

  1. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए इस योजना ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
  2. इस योजना की सहायता से जंगलों के कटान को कम किया जा सका।
  3. पर्यावरण को साफ रखने में उज्जवला योजना का महत्वपूर्ण योगदान है।
  4. पारंपरिक ईंधन से निकलने वाले धुएं के कारण होने वाली मृत्यु दर को कम किया जा सका।
  5. धुएं के कारण खराब होने वाली आंखों को इस योजना ने नई ज्योति दी है।
  6. जैविक ईंधन के जलने से निकलने वाले कार्बन के कारण विभिन्न प्रकार के प्रत्यक्ष नुकसान होते थे, जैसे कपड़े काले हो जाना, पेड़ पौधों की पत्तियों पर कार्बन जम जाना, पानी गंदा हो जाना, कार्बन के कारण मकान के रंग खराब हो जाना एवं ईंधन जलने के बाद निकलने वाली राख के कारण खेत एवं कूड़े में आग लग जाती थी।

इस प्रकार उज्जवला योजना के निम्नलिखित लाभ थे, मगर इसकी कुछ हानियां भी है जैसे :

  1. पारंपरिक तरीके से खाना बनाने वाली महिलाओं को गैस पर खाना बनाने में परेशानी आती है।
  2. गैस सिलेंडर के फटने से दुर्घटना होने की संभावना रहती है।
  3. हमारे देश की अधिकतर महिलाएं अशिक्षित हैं जिसके कारण वह ऑनलाइन बुकिंग नहीं कर सकती।
  4. गांव के बहुत से लोग आज भी ऐसे हैं जो चूल्हे पर बनी हुई रोटी ही पसंद करते हैं।
  5. गांव के लोगों की आर्थिक स्थिति मजबूत न होने के कारण वे आज भी पारंपरिक तरीके से खाना बनाते हैं।
  6. उज्जवल योजना का लाभ आज भी बहुत से गरीब महिलाओं को नहीं मिल पाया है। जिसका कारण गांव के मुखिया एवं अधिकारी हैं।

महत्वपूर्ण तथ्य

  1. प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना में आवेदन करने के लिए
  2. आवश्यक दस्तावेज
  3.  ऑनलाइन बुकिंग
  4.  पात्रता मापदंड
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