ई-शिक्षा

ई-शिक्षा से तात्पर्य है कि विद्यार्थी अपने स्थान घर से ही इंटरनेट एवं अन्य संचार साधनों के माध्यम से शिक्षा ग्रहण कर सकता है। अर्थात विद्यार्थी को स्कूल या किसी कोचिंग संस्थान में जाने की कोई जरूरत नहीं है। वह मोबाइल या अन्य उपकरण द्वारा क्लास ले सकता है। ई-शिक्षा के अनुप्रयोगों और प्रक्रियाओं में वेब आधारित शिक्षा, कंप्यूटर आधारित शिक्षा, आभासी शिक्षा और डिजिटल शिक्षा आदि प्रयोगों के द्वारा शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं। विद्यार्थी का पाठ्यक्रम भी इंटरनेट, सी.डी., ऑडियो एवं वीडियो उपकरण के माध्यम से बाजार से प्राप्त किया जा सकता है। 

अगर हम देखें तो कोरोनावायरस से पहले ही शिक्षा का इतना प्रचार-प्रसार नहीं था। यह अधिकतर हायर एजुकेशन, प्रतियोगिता परीक्षा एवं दूरस्थ प्रशिक्षण के लिए ई-शिक्षा का इस्तेमाल किया जाता था। मगर आजकल ई-शिक्षा का इस्तेमाल शिक्षा के निम्न स्तर से लेकर उच्च स्तर तक सभी कर रहे हैं।

कोरोना महामारी के कारण स्कूल एवं कॉलेज बंद होने के कारण बच्चों के लिए ऑनलाइन शिक्षा की व्यवस्था की गई। ताकि बच्चों के शैक्षिक स्तर में गिरावट न आए। ई-शिक्षा का अधिकतर प्रयोग दूरस्थ शिक्षा एवं नम्य शिक्षा के लिए अनुकूल होता है। लेकिन प्रत्यक्ष अध्यापन के साथ भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है। इस प्रकार से मिश्रित शिक्षा भी कह सकते हैं।

ई-शिक्षा के साधनों में वीडियो, ऑडियो एवं ब्लॉग के माध्यम से शिक्षा ग्रहण की जा सकती है। 

ई-शिक्षा के लाभ

ई-शिक्षा के निम्नलिखित लाभ हैं :

  1. ई-शिक्षा से समय की बचत होती है।
  2. इसके द्वारा आप एक ही अध्याय को कितनी भी बार पढ़ सकते हैं।
  3. इसके लिए आपको कहीं जाने की जरूरत नहीं, बल्कि आप यह अनुभव करते हैं कि क्लास हमारे घर पर ही चल रही है।
  4. आप अपनी आरामदायक अवस्था में शिक्षा ग्रहण कर सकते हैं।
  5. ई-शिक्षा में खर्चा भी कमाता है। जैसे किताबें, पेंसिल और बैग आदि कम मात्रा में खरीदने होते हैं।
  6. ई-शिक्षा के माध्यम से स्त्री शिक्षा को बढ़ावा मिलता है इस प्रकार कह सकते हैं कि ई-शिक्षा महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
  7. सबसे बड़ा लाभ यह है कि बच्चे को किसी प्रकार का खतरा नहीं होता।
ई-शिक्षा ज्ञान प्राप्त करने का एक अच्छा साधन है। लेकिन इसके साथ-साथ इसमें कुछ कमियां भी हैं। जो इस प्रकार हैं –

ई-शिक्षा (E-Education) से हानियां

  1. प्रत्येक बच्चे के पास इतना पैसा नहीं है कि वह संचार उपकरण खरीद सके एवं अपनी पढ़ाई को जारी रख सकें। इस प्रकार अधिकतर बच्चे शिक्षा से वंचित रह जाते हैं।
  2. देश में शिक्षा की कमी के कारण प्रत्येक बच्चे इसे नहीं चला सकते।
  3. निजी स्कूलों में शिक्षा की व्यवस्था है। मगर सरकारी स्कूलों में नहीं। इसलिए शिक्षा का स्तर कमजोर हो जाता है।
  4. बच्चे ऑनलाइन शिक्षा के रूप में मां-बाप एवं शिक्षकों को धोखा देते हैं तथा पढ़ाई की जगह, वह गेम एवं फिल्म ज्यादा देखते हैं।
  5. ई-शिक्षा से बच्चे घर से निकलना पसंद नहीं करते, जिससे उनका स्वास्थ्य भी खराब हो जाता है।

अंततः यह निष्कर्ष निकलता है कि ऑनलाइन शिक्षा पढ़ाई का एक अच्छा माध्यम हो सकता है, लेकिन इससे शिक्षा ग्रहण नही की जा सकती अर्थात इससे बच्चों का भविष्य नहीं संवारा जा सकता। इस माध्यम से विद्यार्थी अपने डाउट क्लियर कर सकता है न कि अपनी शिक्षा। इसके लिए आपको शारीरिक रूप से विद्यालय में उपस्थित होना आवश्यक है। यही प्रथा भारत में चली आ रही है और इसी के माध्यम से दुनिया में जितने भी बुद्धिमान हुए हैं। वे सभी विद्यालय जाया करते थे।

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