टेली-मेडिसिन (Tele-Medicine) को हम हिंदी में दूर-चिकित्सा सेवा भी कहते है। दूसरे शब्दों में, टेली-मेडिसिन का मतलब किसी भी तरह के संचार माध्यम जैसे फोन या वीडियो कॉल पर डॉक्टर से संपर्क कर अपना इलाज करवाना है। टेली-मेडिसिन मुख्य रूप से ऐसे मरीज के लिए बहुत ही लाभकारी है, जो हॉस्पिटल में भर्ती न होकर अपनें घरो में भर्ती है। इस सुविधा के माध्यम से घर बैठे सामान्य बीमारियों के संबंध में डॉक्टरों से परामर्श लेकर अपना ईलाज करवा सकते हैं। जैसे- लॉकडाउन के दौरान हुआ।
ई-मेडिसन या टेली-मेडिसन
स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय के राष्ट्रीय टेली-मेडिसिन सेवा, ई-संजीवनी वर्चुअल तरीके से ओपीडी सेवा उपलब्ध करा रहा है। इस साधन ने मेडिकल की दुनिया में मानो एक क्रांति सी ला दी है। प्रतिदिन हजारों की संख्या में लोग अपने मोबाइल या कंप्यूटर के माध्यम से मेडिकल सेवा ले रहे हैं।
ई-संजीवनी ने छोटे शहरों एवं ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सेवाएं देनी प्रारंभ कर दी है। पिछले 2 सालों से यानी जब से करोना महामारी आई है, इसका स्कोप ज्यादा हो गया है। इसके कारण इंटरनेट की दुनिया में मानो क्रांति सी आ गई है। बीमारी होने पर मरीज डॉक्टर के पास नहीं जा सकता, इसके लिए डॉक्टरों ने इंटरनेट पर सेवाएं देनी प्रारंभ कर दी है। ऐसा नहीं है कि टेली-मेडिसिन एक नई तकनीक है। यह काफी पुरानी है। क्योंकि टेली-मेडिसिन के जरिए एक डॉक्टर दूसरे डॉक्टर से सलाह लेकर ऑपरेशन आदि भी कर रहे हैं। टेली- मेडिसन के द्वारा मरीज तथा डॉ दोनों को काफी सुविधाएं हो गई हैं। क्योंकि मरीज मोबाइल पर ही डॉक्टर की सलाह ले सकता है तथा डॉ. की फीस भी ऑनलाइन जमा कर सकता है।
डॉक्टर द्वारा बताई गई दवाई आप ऑनलाइन भी मंगवा सकते हैं, जिससे आपका समय तथा लाइन में लगने की समस्या दोनों समाप्त हो जाएंगी। यह विशेष रूप से बड़े भौगोलिक क्षेत्र वाले राज्यों को उनके मानव संसाधनों के बेहतर प्रबंधन के लिए सक्षम बनाता है। प्रत्येक ऑनलाइन ओपीडी परामर्श एक ई-पर्चा जारी करती है, जिसका उपयोग दवाओं को खरीदने या जांच के लिए किया जाता है।
केरल एवं तमिलनाडु देश के सबसे ज्यादा शिक्षित राज्य हैं। वहां की सरकार ने यह आदेश जारी किया है कि ऑनलाइन द्वारा जारी किया गया ई-पर्चे को मान्यता दी जाए।
सेंटर फॉर डेवलपमेंट आफ एडवांस्ड कंप्यूटिंग के साथ मिलकर स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय राज्य प्रशासन के परामर्श से लगातार ई-संजीवनी की क्षमताओं को बढ़ा रही है और नई कार्य क्षमता विकसित कर रही है।
टेली-मेडिसिन के द्वारा 2 प्रकार की सेवाएं प्रदान की जाती हैं :
- डॉक्टर से डॉक्टर
- डॉक्टर से मरीज
पहले प्रकार की सेवा की शुरुआत नवंबर 2019 में तथा दूसरे प्रकार की सेवा की शुरुआत तब हुई थी जब पहला लॉकडाउन लगा।
ई-संजीवनी एक मुफ्त सेवा प्रदान करने वाली ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जबकि टेली-मेडिसन के अंतर्गत विभिन्न ऐप तथा संस्थाएं आती है, जो ऑनलाइन मेडिकल सर्विस प्रदान करते हैं। इसके लिए मरीज को पैसे देने पड़ते हैं।
ई-मेडिसिन के लाभ
इसके निम्नलिखित हैं :
- समय एवं पैसे की बचत
- लाइन में लगने की समस्या से मुक्ति
- किसी भी समय डॉक्टर से मुलाकात
- एक ही स्थान पर सभी सुविधाएं
टेली-मेडिसिन के नुकसान
- सोनोग्राफी एवं जांच आदि की समस्या
- तुरंत आराम न होने की समस्या
- ऑपरेशन की समस्या
- अस्पताल में भर्ती होने की समस्या
- भारतीयों का अशिक्षित होना
- ग्रामीण क्षेत्र में इंटरनेट की समस्या
- डॉक्टर द्वारा मरीज की देखभाल का अभाव
अगर देखा जाए तो टेली-मेडिसिन या ई-मेडिसिन एक समस्या का समाधान हो सकता है, लेकिन यह स्थायु रूप से समाधान नहीं है। मगर देश में बढ़ रहे मरीजों की समस्याओं को कम करने के लिए या उन्हें ट्रीटमेंट देने के लिए टेलीमेडिसिन एक अच्छा तरीका है।
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