Online Shopping | ओनलाइन खरीददारी

आज से करीब 30 साल पहले ई-शोपिंग का नाम लेना बहुत आश्चर्यजनक लगता था। बिना देखे, बिना मोलभाव के, इंटरनेट के माध्यम से यह वर्तमान समय में बहुत ही आसान हो गया है। विज्ञान और प्रौद्योगिकी के इस युग में आज मानव ने हर प्रकार की सुविधाएँ प्राप्त कर ली है। इंफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी की बढती पहुंच ने मानव जीवन को सुगम बना दिया है। इंटरनेट के माध्यम से आज हम घर बैठे न सिर्फ दुनियाभर की जानकारी जुटा सकते है, बल्कि ई-शॉपिंग का आनन्द भी उठा सकते है।

ई-शॉपिंग का अर्थ

इन्टरनेट के माध्यम से अपनी मनपसंद वस्तुओं की खरीदारी करना है। भारत में ई-शॉपिंग की शुरूआत 21वीं सदी के आगमन के पश्चात् हुई, किन्तु कुछ ही वर्षों में यह देशभर में इस कदर छा गई, जिसकी कल्पना नहीं की जा सकती।

आज एक ओर भारत के सभी छोटे-बड़े शहरों में घर से बाहर निकलते ही विभिन्न उत्पादों से सजी दुकानें दिख जाती हैं, तो दूसरी ओर घरों के अन्दर भी कम्प्यूटर और स्मार्टफोन में एक समृद्ध बाजार मौजूद है। जब हम घर से बाहर जाकर अपनी जरूरत के मुताबिक चीजों की खरीदारी करते है, वह ऑफलाइन शॉपिंग कहलाती है। जो एक पुराना तरीका है।

एसोचैम के अनुसार, ऑनलाइन शॉपिंग बढने के पीछे मुख्य कारण हैं । इसके माध्यम से सामान का सीधे घर पर पहुँचाया जाना व बेहतर सर्विस प्रदान करना। हाल ही में जारी की गई रिपोर्ट कहती है – ऑनलाइन खरीदारी में मुम्बई, अहमदाबाद और दिल्ली प्रथम स्थान पर है।

देश में बड़ी संख्या में इंटरनेट का उपयोग करने वालों में आधे लोग ऑनलाइन खरीदारी का विकल्प चुनते हैं। जिनमें युवा वर्ग सबसे अधिक सक्रिय है। इस समय देश में कारोबार करने वाली प्रमुख ई-कॉमर्स कम्पनियों के विभिन्न ऑनलाइन वेबसाइटों के माध्यम से विभिन्न प्रकार की वस्तुएँ एक ही क्लिक पर मंगाई जा सकती हैं। बहुत ही आश्चर्यजनक बात है कि अब तो ई-शॉपिंग के द्वारा गाय, भैंस, बकरे जैसे पशुओं को भी खरीदा जा रहा है ।

ई- शॉपिंग से होने वाले लाभ

  1. समय एवं पैसे की बचत : आज की व्यस्त जीवन-शैली में लोगों के पास इतना समय नहीं होता कि वे रोजमर्रा की वस्तुओं को खरीदने के लिए एक दुकान से दूसरी दुकान पर न जाना पड़े और भीड़ से बचने के लिए ओनलाइन शोपिंग करना पसंद करते हैं। जिससे समय की बचत के साथ-साथ ट्रैफिक समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है एवं मार्केट से कम मूल्य पर भी उसी प्रकार की वस्तु मिल जाती है।
  2. सस्ती एवं इच्छुक खरीदारी : ऑनलाइन खरीदारी करने पर हमें विभिन्न प्रकार के डिजाइन एवं सस्ती कीमत पर समान मिल जाते हैं। इसका कारण यह है कि यहां किसी भी दुकानदार को विभिन्न प्रकार के खर्चों से मुक्ति मिल जाती है। जैसे – बिजली, पानी, लेबर एवं किराए का खर्चा। जिसके कारण ऑनलाइन सामान खरीदना सस्ता हो जाता है। ऑनलाइन स्टोर खरीदारों को पारम्परिक दुकानों की अपेक्षा अधिक छूट देते है। विशेष अवसरों एवं पर्व-त्योहारों पर ई-कॉमर्स कम्पनियों की ओर से विशेष स्कीमें एवं ऑफर्स दिए जाते है जो खरीदारों को पारम्परिक दुकानदारों द्वारा दी गई सुविधाओं की तुलना में अधिक भाते है। इन्हीं कारणों से ऐसे अवसरों पर ई-कॉमर्स का कारोबार खुदरा बाजार के कारोबार से ज्यादा चल पड़ता है।
  3. वस्तु की अधिक किस्में तथा मापें : दुकानों में जगह सीमित होती है जिससे वहाँ ढेर सारे सामान तो मिल जाते हैं पर उनकी अनेक किस्में नहीं मिल पातीं, किन्तु ऑनलाइन वेबसाइट के द्वारा घर बैठे-बैठे विभिन्न उत्पादों की कई किस्मों को देखा जा सकता है और फिर अपनी मनपसंद चीजों की खरीदारी की जा सकती है।
  4. खरीदी गई वस्तु बदलने की छूट : ऑनलाइन शॉपिंग करने के दौरान ऑर्डर देकर मंगाई गई वस्तुओं के पसन्द न आने पर ई-कॉमर्स कम्पनियाँ खरीदारों को खरीदी गई वस्तुओं की जगह दूसरी वस्तुएँ खरीदने के अतिरिक्त उन्हें वापस लेने की सुविधा भी प्रदान करती है फलस्वरूप खरीदारों को अपेक्षाकृत अधिक सन्तुष्टि प्राप्त होती है।
  5. पुरानी वस्तु को बेचने एवं खरीदने की सुविधा : अक्सर घर में पड़ी पुरानी चीजों के प्रयोग में न लाए जाने अथवा कम उपयोग किए जाने पर उन्हें घर में रखना एक समस्या बन जाती है। व्यक्ति चाहकर भी ऐसी चीजों का खरीदार नहीं खोज पाता किन्तु आज OLX, क्विकर आदि फ्री क्लासीफाइड साइट के द्वारा न सिर्फ पुराने वाहन, इलेक्ट्रॉनिक सामान एवं फर्नीचर, बल्कि एक-दो बार प्रयोग किए जाने वाले कीमती वस्त्र भी, जो अच्छी स्थिति में हो, आसानी से बेचे एवं खरीदे जा सकते हैं।

इन सारी सुविधाओं के बावजूद ऑनलाइन खरीदारी करते समय कुछ बातों का विशेष ध्यान रखा जाना चाहिए। जैसेकि जो वस्तु खरीदी जा रही है। वह चोरी की न हो। कभी-कभी ऐसा होता है कि वस्तु का वास्तविक मूल्य आधे से भी कम करके ऑनलाइन के द्वारा वस्तु को बेच दिया जाता है। इस प्रकार की खरीदारी करते समय विशेष ध्यान रखें। वस्तु की खरीदारी करते समय यह बात भी यह बात भी ध्यान रखें की वस्तु में किसी प्रकार की कमी ना हो तथा उसके वारंटी या गारंटी को ध्यान पूर्वक पढ़ ले ताकि खराब होने पर उसे वापस किया जा सके।
बावजूद इसके तमाम सुविधाओं और बेहतर सर्विस के कारण आज ई-शॉपिंग भारत के युवा वर्ग की पहली पसन्द बनती जा रही है। वहीं दूसरी ओर ऑनलाइन मार्केटिंग का व्यापक विस्तार होने के कारण इस क्षेत्र में बड़ी संख्या में रोजगार पैदा होने के अवसर भी खुले हैं।

-खरीदारी के कारण होने वाली परेशानियां

वर्तमान युग तकनीकी का युग माना जाता है। इसमें मानव में इतना विकास कर लिया है कि वह इंटरनेट के माध्यम से कोई भी समान एवं सेवा यहां तक कि खाने के लिए भोजन भी अपने पास मंगवा सकता है, मगर इतने विकास होने के बावजूद भी डिजिटल तकनीक में कुछ कमियां भी हैं। जो निम्नलिखित हैं।

  1. ई-शॉपिंग करने के लिए व्यक्ति का शिक्षित होना जरूरी है।
  2. भारत एक गांवों का देश है तथा गांवों में रहने वाले अधिकतर लोग तकनीकी दुनिया से दूर होते हैं, इसलिए ऑनलाइन द्वारा की गई शॉपिंग गांव क्षेत्र में अभी विकसित नहीं हुई है।
  3. ऑनलाइन शॉपिंग से कभी-कभी खराब वस्तुएं भी आ जाती है।
  4. ऑनलाइन शॉपिंग करने से जो डिलीवरी करने आता है। इसके कारण भी धीरे-धीरे अपराध बढ़ रहे हैं।
  5. ऑनलाइन शॉपिंग करने की डिलीवरी के लिए आपको अलग से पैसे देने पड़ते हैं, जिसे ट्रांसपोर्ट किराया (सर्विस चार्ज) कहा जाता है।
  6. ऑनलाइन शॉपिंग में सबसे बड़ी कमी यह है कि हम किसी भी वस्तु को खरीदने से पहले उसे छूकर नहीं देख सकते। 
  7. ऑनलाइन शॉपिंग का पेमेंट करते समय आप अपने सभी गुप्त कोड ऑनलाइन कंपनियों को दे देते हैं, जिसके कारण आपका पैसा चोरी हो सकता है।
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