झील भूतल के वे विस्तृत गड्ढे हैं, जिनमें जल भरा होता है। सामान्यतः हम जल के छोटे गड्ढों को पोखर या तलैया, कुछ बड़े रूप को ताल या तालाब, विशेष बड़े रूप को झील या सरोवर और विशाल रूप को सागर कहते हैं, परंतु ये सब अवास्तविक है। वास्तव में, वे सभी जलराशियां जो स्थल पर बने किसी बेसिन को घेरे रहती हैं, झीलें कहलाती है।
दूसरे शब्दों में हम कह सकते हैं कि झीलें भू-पटल के वे आंतरिक जलाशय हैं जो विभिन्न आकार, विस्तार एवं गहराई के चट्टानी बेसिन में बन जाते हैं।
झीलों का वर्गीकरण
हिमानी द्वारा बनी झील
हिमानी के मोड़ के निक्षेप से कभी-कभी हिमानी तथा कभी-कभी नदियों के मार्ग में अवरोध उत्पन्न हो जाता है जिससे सामान्य झीलों का निर्माण होता है। जैसे उत्तरी अमेरिका की झीलें सुपीरियर, मिशीगन, हयूरिन तथा ओंटेरियो झील इसके उदाहरण हैं।
नदी द्वारा बनी झीलें
(A) अपरदन द्वारा बनी झीलें :
- अवनमन कुण्ड झील : जलप्रपातों की तलहटी में नदियां अपने क्षेदक यंत्र द्वारा जलगर्तिका का निर्माण करती है। जहां कहीं जलप्रपात तीव्रता से पीछे हटते हैं, तो अवनमन कुण्ड झील बन जाती है। वाशिंगटन में ग्रांड कूली झील इसका एकमात्र उदाहरण है।
- संरचनात्मक झील : जब नदियां अपने मार्ग की घुलनशील चट्टानों को धीरे-धीरे घुलाकर बहा देती हैं तो वहां जल भर जाता है। जैसे आयरलैंड में लीने और डर्ग झील।
- गोखुर झील : जब नदियां मैदानी भाग में विषसर्पण बनाती हुई बहती है 1तो नदी विसर्पण छोड़कर सीधा मार्ग ग्रहण कर लेती है, तो विसर्पण का छूटा हुआ भाग झील बन जाता है, जिसे गोखुर झील कहते हैं।
(B) निक्षेप द्वारा निर्मित झीलें
- जलोढ़ पंख झील : इस प्रकार की झील का निर्माण उस समय होता है, जब कोई नदी पहाड़ी भाग से उतरकर मैदानी भाग में प्रवेश करती है। जैसे कैलिफोर्निया की ओवेन्स झील।
- डेल्टा झील : डेल्टा प्रदेश में नदियों का मार्ग बड़ा अनियमित होता है जिसके कारण मिट्टी के निक्षेप से धारा का मुंह अवरुद्ध हो जाता है और नदी को नया मार्ग अपनाना पड़ता है। इस प्रकार नदी की छुटी हुई, पूर्व धारा झील बन जाती है। जैसे मिसिसिपी नदी के डेल्टा की पोचास्ट्रियन झील।
- बाढ़ के मैदान की झील : बाढ़ के मैदान में मिट्टी के निक्षेप के कारण तश्तरीनुमा उथले खड्डे बन जाते हैं। जब इन खंडों में पानी भर जाता है तो यह झील बन जाती है जैसे ऑस्ट्रेलिया में मुर्रे नदी द्वारा निर्मित बिलीबांग झील।
- रैफ्ट झील : जब नदी की घाटी के आर-पार पेड़ पौधे के गिर जाने पर उनके सहारे बालू व मिट्टी आदि जमा हो जाती है और धीरे-धीरे यह अवरोध बांध का रूप ले लेती है जिसके पीछे झील बन जाती है जैसे अफ्रीका की श्वेत नदी की घाटी में बनी झील।
पवन द्वारा बनी झीलें
- वायु अपरदन द्वारा बनी झील
- बालू का स्तूप झील : मरुस्थलों में हवा के बने बालू के टीलों के बीच यत्र-तत्र खड्डे बन जाते हैं, जिनमें पानी भर जाने पर उथली झीलें बन जाती है, जैसे सूडान की चाड झील।
समुद्री लहरों और धाराओं द्वारा बनी झीलें
जब कभी रोधिकाएं खाड़ियों के मुंह के विरुद्ध बन जाती हैं, तो वह झीलों में बदल जाती है। इस प्रकार की झीलें समुद्र के किनारे पाई जाती है।
ज्वालामुखी द्वारा निर्मित झीलें
- लावा बांध झील
- लावा प्रदेश की झील : जब ज्वालामुखी से लावा बाहर निकलता है तो कहीं पर अधिक तथा कहीं पर कम लावा जमने के उपरांत, प्रदेश का धरातल असमान हो जाता है। अतः इस लावा प्रदेश में निम्न स्थानों व गड्डों में जल भर जाने से झीलों का निर्माण होता है।
- क्रेटर झील : ज्वालामुखी के शांत होने पर उसके मुख में वर्षा का जल भर जाने से जो झील बनती है, उसे क्रेटर झील कहते हैं। जैसे अमेरिका में ओरेगन राज्य की क्रेटर झील।
भू-स्खलन एवं विलयन द्वारा बनी झीलें
- भूस्खलन द्वारा बनी झील : गंगा नदी की गोहाना झील इस प्रकार की झील का उदाहरण है।
- विलयन द्वारा बनी झील : इस प्रकार की झीलें फ्लोरिडा, युक्टान एवं युगोस्लाविया के कार्स्ट प्रदेश में मिलती हैं।
जैविक साधनों द्वारा बनी झीलें
- जीव जंतुओं द्वारा बनी झील
- वनस्पति द्वारा बनी झील
- मानव द्वारा निर्मित झील : जैसे भारत में गोविंद सागर, कृष्णा राजा सागर एवं गांधी सागर बांध मानव द्वारा निर्मित है।
एशिया की झीलें/Lakes of Asia
- बैकाल झील : यह एशिया की विशालतम मीठे पानी की झील है। यह दक्षिण साइबेरिया में स्थित विश्व की सर्वाधिक गहरी झील है। यहां से लेना नदी निकलती है।
- बालखस झील : कजाकिस्तान में स्थित उथली एवं लवणीय झील है। इसका आकार कम होता जा रहा है।
- लोपनोर झील : चीन के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित यह झील है जो हिमालय के चाप का केंद्र माना जाता है।
- कोकोनार झील : यह मध्य उत्तरी चीन में स्थित है।
- सनमून झील : यह ताइवान में स्थित झील एवं रिसोर्ट के लिए प्रसिद्ध है।
- वान झील : टर्की में स्थित विश्व की सर्वाधिक खारे पानी की झील है। इसकी लवणता 330% है।
- अरल सागर : कजाकिस्तान एवं उज्बेकिस्तान के मध्य स्थित झील है, जिसमें सर दरिया एवं आमू दरिया नदी गिरती हैं।
महत्वपूर्ण झीलें (घटते क्रम में)
- कैस्पियन सागर : अज़रबैजान, रूस, कजाकिस्तान, तुर्कमेनिस्तान और ईरान
- सुपीरियर झील : कनाडा तथा सं. रा. अमेरिका
- विक्टोरिया झील : युगांडा, तंजानिया तथा केन्या
- अरल सागर : कजाकिस्तान तथा उज्बेकिस्तान
- हयूरन झील : कनाडा तथा सं. रा. अमेरिका
- मिशिगन झील : संयुक्त राज्य अमेरिका
- टंगानिका झील : जेरे, तंजानिया, जांबिया तथा बुरुंडी
- ग्रेट बियर झील : कनाडा
- बैकाल झील : रूस
- मलावी/न्यासा झील : तंजानिया, मलावी तथा मोजांबिक
अन्य महत्वपूर्ण झीलें
- ग्रेट स्लेव – कनाडा
- विनिपेग – कनाडा
- अथावास्का – कनाडा
- ईरी – संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा
- ओण्टेरियो – संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा
- लैडोगा – रूस
- वाल्खश – कजाकिस्तान
- आयर – ऑस्ट्रेलिया
- चाड – नाइजर, नाइजीरिया, चाड, कैमरून
- टिटिकाका – बोलिविया पेरू
महत्वपूर्ण झीलें
- सर्वाधिक ऊंची झील : टिसो सिकुरू (6085 मी) (तिब्बत का पठार)
- सर्वाधिक नीची झील : मृत सागर (386 भी समुद्र तल से) (इजराइल)
- सर्वाधिक गहरी झील : बैकाल झील (1940 मी) (रूस)
- सर्वाधिक खारी झील : वान झील (330% लगभग) (टर्की)
- सर्वाधिक मीठे पानी की झील : चाड झील (अफ्रीका)
- सर्वाधिक बड़ी मीठे पानी की झील : सुपीरियर (USA)
- सर्वाधिक विस्तृत झील : कैस्पियन सागर (एशिया)
भारत की झीलें/Lake of India
- वूलर झील – कश्मीर में स्थित एक विवर्तनिकी झील है जो भारत के सबसे बड़े ताजे पानी (मीठा पानी) की झीलों में से एक है। कुछ भूगोलवेत्ता इसे झेलम नदी की गोखुर झील भी मानते हैं झेलम नदी इसमें अपना स्थाई डेल्टा बनाती है। इसका क्षेत्रफल तेजी से घट रहा है।
- डल झील – कश्मीर में स्थित भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झीलों में से एक है। श्रीनगर इसके किनारे स्थित है। इस झील में चार चिनार नामक द्वीप है। प्रदूषण की समस्या से इसका क्षेत्रफल तेजी से घट रहा है।
- जानसर झील – जम्मू-कटरा मार्ग पर स्थित ताजे पानी की झील है। मत्स्य योग्य यह एक प्राकृतिक झील है। पर्यटकों की सुविधा के लिए इसके किनारे होटल तथा डाक बंगला एवं रेस्टोरेंट बनाए गए हैं।
- सांभर झील – राजस्थान में स्थित भारत की वृहद खारे पानी की झील है। इस झील से नमक उत्पादन हेतु सांभर नामक परियोजना चलाई जा रही है।
- पचपद्रा झील – यह राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित खारे पानी की झीले है। वर्षा की कमी के कारण इस जल से नमक निकालने के काम में बाध्य होती है। प्रदूषण के कारण इसका क्षेत्रफल घट रहा है।
- पुष्कर झील – यह राजस्थान के अजमेर जिले में स्थित ताजे पानी की झील है। यह झील अपने धार्मिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। पुष्कर झील पर हर वर्ष मेला लगता है, जहां लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आते हैं।
- नेकी झील या नक्की झील – यह झील राजस्थान में सर्वाधिक ऊंचाई पर स्थित है। यह झील कटोरेनुमा है, जो संभवत कभी ज्वालामुखी का मुख था। यह माउंट आबू में स्थित है।
- नल सरोवर – यह गुजरात राज्य में स्थित एक ताजे पानी की झील है। इसके चारों ओर सैलानियों के लिए सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। प्रदूषण की समस्या से इसके जल की गुणवत्ता घट रही है।
- राजसमंद झील – यह राजस्थान के उदयपुर जिले में स्थित मीठे पानी की झील है। इस झील में एक द्वीप है, जिस पर खेती की जाती है। बांध बनाकर इस झील का पानी जलाशय के रूप में संचय किया जाता है। उदयपुर जाने वाले पर्यटकों के लिए यह एक सुंदर स्थान है।
- देवर झील – यह राजस्थान में स्थित एक खारे पानी की झील है। इस झील से कम मात्रा में नमक का उत्पादन भी किया जाता है।
- लोनार झील – महाराष्ट्र में स्थित एक ज्वालामुखी झील या क्रेटर झील है। अपने प्राकृतिक सौंदर्य के कारण लाखों पर्यटक हर साल यहां घूमने के लिए आते हैं। क्रेटर के चारों ओर वृक्षारोपण करके इसके पर्यावरण को और भी सुंदर बनाया गया है।
- वेर्बानद झील – अपने प्राकृतिक सौंदर्य के लिए विख्यात यह झील केरल में स्थित एक लैगून झील है। यहां पर नावें चलाई जाती है तथा भाग लेने के लिए दूर-दूर से प्रतियोगी आते हैं।
- पुलिकट झील – आंध्रप्रदेश के तट पर स्थित एक खारे पानी की लैगून झील है जो श्रीहरिकोटा द्वीप द्वारा समुद्र से अलग होती है।
- कोलेरू झील – आंध्र प्रदेश में यह झील गोदावरी और कृष्णा के डेल्टा के बीच स्थित है। यह एक ताजे पानी की झील है।
- चिल्का झील – उड़ीसा में स्थित एक खारे पानी की लैगून झीले है। यह भारत के सबसे बड़ी झीलों में से एक है। शरद ऋतु में साइबेरिया से पक्षी यहां आते हैं तथा पर्यटकों के लिए भी एक सुंदर स्थान है।
- लोकतक झील – मणिपुर में स्थित पूर्वोत्तर भारत की सबसे बड़ी ताजे पानी की झील है। इस झील में जल विद्युत का उत्पादन किया जाता है। चारों ओर से छोटी-छोटी नदियां अपना पानी लोकटक में गिराती हैं, जिसके कारण इसकी गहराई तथा क्षेत्रफल कम हो रहा है।
- तारगताल झील – उत्तराखंड राज्य के छिपे हुए गहनों में से एक है
- मानस बल झील – मानसबल झील या मनसबल झील जम्मू व कश्मीर राज्य में श्रीनगर से उत्तर में स्थित एक पर्वतीय झील है। इसके चारो तरफ तीन बस्तियाँ हैं। जरोकबल, कोंडाबल और गान्दरबल
- पिछोला झील – पिछोला झील का निर्माण राणा लखा के काल में छीतरमल बनजारे ने करवाया था। यह उदयपुर के पश्चिम में पिछोली गांव के निकट स्थित है।
- सातताल झील – यह उत्तराखंड की नैनीताल झील के पास स्थित है।
- नैनीताल झील – यह उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है।
- रासकताल झील – राक्षसताल झील तिब्बत में है, जो मानसरोवर और कैलाश पर्वत के पास, पश्चिम में स्थित है। सतलुज नदी राक्षसतल के उत्तरी छोर से शुरु होती है।
- हुसैन सागर झील – हुसैन सागर, तेलंगाना (हैदराबाद) में एक कृत्रिम झील है। यह हैदराबाद को अपने जुड़वां नगर सिकंदराबाद से अलग करती है।
- लोकटक झील – यह झील भारत के उत्तर-पूर्व भाग में स्थित मणिपुर राज्य की एक झील है। यह अपनी सतह पर तैरते हुए वनस्पति और मिट्टी से बने द्वीपों के लिये प्रसिद्ध है, जिन्हें ‘कुंदी’ कहा जाता है।
- नागिन झील – यह जम्मू-कश्मीर के श्रीनगर शहर की डल झील के पास स्थित है। यह झील आसपास के क्षेत्र में ‘ज्वैल इन द रिंग’ के नाम से काफ़ी विख्यात है, जो चारों तरफ से पेड़ों से घिरी हुई है।
- शेष नाग झील – शेषनाग झील एक अल्पाइन ऊँचाई वाली ओलिगोट्रोफ़िक झील है, जो जम्मू-कश्मीर के भारतीय केंद्र शासित प्रदेश में कश्मीर घाटी के अनंतनाग जिले में पहलगाम से 23 किमी की दूरी पर स्थित अमरनाथ गुफा तक जाती है।
- अनंतनाग झील – यह जम्मू और कश्मीर में स्थित है।
- फतेहसागर झील – यह झील राजस्थान के उदयपुर ज़िले में स्थित एक झील है। जिसका पुनर्निर्माण महाराणा फतेहसिंह द्वारा करावाया गया था। यह झील पिछोला झील से जुड़ी हुई है।
- गोविन्द सागर झील – गोविंद सागर झील एक कृत्रिम झील है, यह हिमाचल प्रदेश के बिलासपुर जिले में स्थित है।
- बेम्बानड झील – वेम्बनाड झील केरल में स्थित एक रामसर स्थल है। यह पहले एक खूबसूरत झील थी परन्तु मानव की गतिविधियों के कारणों से केरल की सबसे गंभीर सुभेद्य पारिस्थितिकी तंत्र बन चुकी है।
- खुरपाताल झील – खुर्पाताल भारत के उत्तराखंड राज्य के प्रसिद्ध पर्यटन स्थल नैनीताल से 12 किमी आगे स्थित एक झील है। खुर्पाताल का नाम खुर्पाताल इसलिए पड़ा क्योंकि इसकी आकृति खुर (घोड़े के तलवे) के समान दिखती है।
- नोकुछियाताल झील – यह झील उत्तराखंड में भीमताल झील के पास है।
- देवताल झील – यह झील उत्तराखंड में स्थित है।
- डीडवाना झील – यह झील राजस्थान के नागौर जिले में डीडवाना नगर के निकट स्थित है, यहाँ के नमक में फ्लोराइड की मात्रा अधिक होने के कारण यह खाने योग्य नहीं है।
- वासुकी ताल या वासुकी ताल – उत्तराखंड के केदारनाथ धाम में समुद्र तल से 14,200 फीट की प्रभावशाली ऊंचाई पर स्थित एक उच्च हिमनद झील है।
- तामरी कुंड या थमरी ताल – उत्तराखंड के मुनस्यारी क्षेत्र के जंगलों में स्थित एक छोटा तालाब है।
- टिहरी झील – यह एक कृत्रिम बांध जलाशय है जो टिहरी बांध के निर्माण के दौरान अस्तित्व में आया।
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