बाजरे का वैज्ञानिक नाम ‘पेनिसिटम टाईफाॅइडिस‘ है। यह एक प्रमुख खाद्य फसल है। यह एक प्रकार की बड़ी घास जिसकी बालियों में हरे रंग के छोटे-छोटे दाने लगते हैं। इन दानों की गिनती मोटे अनाजों में होती है। प्रायः सारे उत्तरी, पश्चिमी और दक्षिणी भारत में लोग इसे खाते हैं। बाजरा मोटे अनाजों में सबसे अधिक उगाया जाने वाला अनाज है। इसे अफ्रीका और भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागेतिहासिक काल से उगाया जाता रहा है, यद्यपि इसका मूल अफ्रीका में माना गया है। भारत में इसे बाद में प्रस्तुत किया गया था। भारत में इसे ईसा पूर्व 2000 वर्ष से उगाए जाने के प्रमाण मिलते है। इसका मतलब है कि यह अफ्रीका में इससे पहले ही उगाया जाने लगा था। यह पश्चिमी अफ्रीका के साहेल क्षेत्र से निकलकर फैला है। वैसे तो बाजरे की काफी किस्में पाई जाती है, लेकिन उत्तरी भारत में दो किस्में ही सबसे ज्यादा उगाई जाती है।
जिसमें देसी बाजरा जो अप्रैल और मई महीने बोया जाता है तथा 2 महीने के बाद इसे पशु चारे के रूप में प्रयोग किया जा सकता है। इसके पकने की अवधि 3 माह होती है। पकने के बाद इसे खाद्यान्न के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस किस्म के लिए ज्यादा खाद और पानी की आवश्यकता नहीं होती है।
मगर हाइब्रिड किस्म के लिए सप्ताह में एक बार पानी तथा 15 दिन में एक बार खाद की आवश्यकता होती है क्योंकि इसे सिर्फ पशु चारे में ही इस्तेमाल किया जाता है और इसका समय काल 2 से 3 वर्ष तक होता है। इस किस्म की बुआई गन्ने की तरह की जाती है। इस फसल को पश्चिम उत्तर प्रदेश, पंजाब तथा हरियाणा में विशेष रूप से उगाया जाता है। सर्दियों के मौसम में इसमें विकास नहीं हो पाता, क्योंकि ज्यादा सर्दी और पाला इसके लिए हानिकारक है। बरसात और तेज धूप का मौसम इसके लिए लाभदायक होता है।
पूरे भारत के बाजरा उत्पादन का 87 प्रतिशत क्षेत्र राजस्थान, महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश एवं हरियाणा राज्यों में है। देश के शुष्क एवं अर्ध-शुष्क क्षेत्रों में यह प्रमुख खाद्य है तथा साथ ही पशुओं के पौष्टिक चारा उत्पादन के लिए भी बाजरे की खेती की जाती है। बाजरा भारत में सर्वाधिक राजस्थान राज्य में उगाया जाता हैं।
- तापमान : 25 से 30 डिग्री सेल्सियस,
- वर्षा : 100 सेंमी – 200 सेंमी (हाइब्रिड),
- जलवायु : उष्णकटिबंधीय मानसूनी (हाइब्रिड)
महत्वपूर्ण तथ्य
- बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP-Minimum Support Price) चालू वर्ष के लिए पिछले वर्ष (2020-21) के 2150 रुपए प्रति कुंतल से बढ़ाकर 2021-22 में 2250 रुपए प्रति कुंतल कर दिया है।
- बाजरे में खाद का प्रयोग : भूमि की तैयारी करते समय बाजरे की फसल के लिए 5 टन अच्छी सड़ी हुई गोबर की खाद या कम्पोस्ट खाद प्रयोग करनी चाहिए। इसके बाद बाजरे की वर्षा आधारित फसल में 40 किग्रा. नाइट्रोजन व 40 किग्रा. फास्फोरस प्रति हैक्टेयर की आवश्यकता होती है।
- भारत में राजस्थान ऐसा प्रदेश हैं, जहां सबसे अधिक बाजरा पैदा होता है। हरियाणा के भी कई जिलों में बाजरा खरीफ की प्रमुख फसल है क्योकि यहाँ पानी की एक बड़ी समस्या है।
- बाजरे की फसल को बोने एवं काटने का समय सामान्यतः बाजरे की फसल को जून-जुलाई में बोया जाता है और सितंबर – अक्टूबर में इसे काट लिया जाता है।
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