Antarctica Continent | अंटार्कटिका महाद्वीप | बर्फ की दुनिया

विश्व का 5वा महाद्वीप अंटार्कटिका है, जो दक्षिणी गोलार्ध में 9.6 प्रतिशत क्षेत्रफल पर विस्तृत है। ब्रिटिश नाविक जेम्स कुक ने विश्व भ्रमण के दौरान 1772-75 में अंटार्कटिका की खोज की थी। अंटार्कटिका की भूमि पर पहला कदम रखने वाला नॉर्वे का A.J. Wull था, जो दक्षिणी ध्रुव के लिए नार्वे का ही एक अन्य अभियान रोल्ड एमडसन के नेतृत्व में 14 दिसंबर, 1911 को रवाना हुआ था। रॉबर्ट फैकन ने 17 जनवरी, 1912 को अंटार्कटिका पर ब्रिटिश ध्वज फहराया था।

अंटार्कटिका एकमात्र महाद्वीप है, जिसका 98 प्रतिशत भाग 2-5 किमी मोटी बर्फ की परत से सदैव ढका रहता है। इसलिए अंटार्कटिका को श्वेत महाद्वीप भी कहते हैं। अंटार्कटिका का केवल 2 प्रतिशत भाग गर्मी में बर्फहीन होता है। महाद्वीप का ग्रीष्म और शीत ऋतु में अलग-अलग आकार होने के कारण ही अंटार्कटिका को गतिशील महाद्वीप कहा जाता है।

इस महाद्वीप में शायद मात्र 2,000 वर्ग किमी खुली जमीन है। साल में केवल 20 ही दिन तापमान शून्य से ऊपर रहता है। पृथ्वी की सतह पर मापा गया सबसे कम तापमान भी अंटार्कटिका में ही मापा गया है। सोवियत रूस द्वारा स्थापित वोस्टोक नामक शोधशाला में 24 अगस्त 1960 को तापमान -88.3 डिग्री सेल्सियस मापा गया. 17 मार्च 1912 को ब्रिटेन के रॉबर्ट फ़ाल्कन स्कॉट 60 खोजकर्ताओं की टीम के साथ दक्षिणी ध्रुव पर रिसर्च के लिए पहुंचे। 

डॉ जी एस सिरोही प्रथम भारतीय थे जो अंटार्कटिका पहुंचे थे। महाद्वीप के उस स्थान को सिरोही स्थल कहते हैं। भारत 1981 से हर वर्ष अंटार्कटिका अभियान दल भेज रहा है। भारत ने अंटार्कटिका के लिए 40वाँ वैज्ञानिक अभियान शुरू किया। यह भारतीय अभियान दक्षिणी सफेद महाद्वीप में देश के वैज्ञानिकों के चार दशकों के प्रयास का प्रतीक है। 40वें अभियान को 5 जनवरी 2021 को गोवा से रवाना किया गया, जिसमें 43 सदस्य जहाज पर सवार थे।

भारत में दिसंबर 1983 ईस्वी में इस महाद्वीप पर भू-रचना, मौसम, पर्यावरण, जीवाश्म तथा जीव वनस्पति, खनिज आदि के वैज्ञानिक परीक्षणों हेतु एक स्थायी मानव युक्त केंद्र दक्षिण गंगोत्री को स्थापित किया। दिसंबर, 1993 में भारतीय शोध केंद्र मैत्री की स्थापना की गई। इसका मुख्य उद्देश्य वातावरण, विज्ञान, भौतिक विज्ञान, जीव विज्ञान, समुद्र विज्ञान, भूगर्भ विज्ञान व पर्यावरण आदि के क्षेत्र में शोध करना था।

महत्वपूर्ण तथ्य :

  1. अंटार्कटिका दुनिया का एकमात्र ऐसा महाद्वीप है, जिसमें एक भी देश नहीं है। 
  2. लार्समन हिल्स में 2006 में भारती, अंटार्कटिका में भारत द्वारा स्थापित अनुसन्धान केंद्र का नाम है। यह अंटार्कटिका में भारत द्वारा स्थापित तीसरा अनुसन्धान केंद्र है। इसके पूर्व दक्षिण गंगोत्री और मैत्री अनुसन्धान केंद्र स्थापित किये जा चुके हैं। वर्तमान बर्फ में दव जाने के कारण दक्षिण गंगोत्री को सप्लाई बेस के रूप में प्रयुक्त हो रहा है।
  3. उत्तरी ध्रुव में भारत के अनुसंधान केंद्र का नाम हिमाद्रि है। 
  4. अंटार्कटिका में अनुसंधान कार्यों के लिए भारत का 26वां अभियान दल समुद्री पोत सीएम एल्ड द्वारा गोवा से 9 जनवरी, 2007 को रवाना हुआ।
  5. उत्तरी सीमावर्ती क्षेत्र की स्थापना 1911 में हुई थी, जब इसे दक्षिणी ऑस्ट्रेलिया से अलग किया गया। 
  6. अंटार्कटिका महाद्वीप पर पहुँचने वाली प्रथम महिला मेहर मूसा थी। प्रीतिशु गुप्ता उत्तरी ध्रुव तक पहुंचने वाली पहली भारतीय महिला थी।
  7. विदा नामक अधिक खारी झील मिलती है, क्वीन मोड पर्वत श्रेणी इस महाद्वीप को दो बराबर भागो में बांटती है  
  8. वेडेल सागर और रॉस सागर अटलांटिक सागर के ही भाग है 
  9. ओज़ोन क्षरण की प्रिक्रिया की खोज सबसे पहले अंटलांटिक में 1985 हुई थी
  10. लाइकेन और मॉस यहाँ की एकमात्र वनस्पति है 
  11. अंटार्कटिका भूमि पर किसी भी देश का कब्जा नहीं है। 1959 में संपन्न ट्रीटी के तहत अंटार्कटिका क्षेत्र का प्रयोग केवल वैज्ञानिक एवं शांतिपूर्वक उद्देश्य के लिए किया जा सकता है और यह संधि इस क्षेत्र में सभी प्रकार के क्षेत्रीय दावों को नकारती है।

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