किसान क्रेडिट कार्ड अर्थात Kisan Credit Card योजना किसानों के लिए (सीमांत एवं लघु को भी) अगस्त 1998 में वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा द्वारा शुरू की गई केंद्र सरकार की योजना है। इसके माध्यम से किसानों को उनकी जमीन के आधार पर पर्याप्त एवं आसानी से लोन मिल जाता है, ताकि किसान कृषि से संबंधित आवश्यक वस्तुएं जैसे – खाद, बीज, कीटनाशक दवा एवं उपकरण (ट्रैक्टर) आदि खरीद सकता है, ताकि किसानों को फसल बोने के समय किसी साहूकार या महाजन के पास न जाना पड़े। वैसे अगर देखा जाए तो इस योजना का मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र में साहूकार तथा महाजन जैसे असंगठित निजी संस्थानों को समाप्त करना था ताकि किसान साहूकार के ऋण के नीचे दब न सके।
किसान इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए किसी भी को-ऑपरेटिव बैंक, क्षेत्रीय बैंक (सिंडिकेट तथा प्रथमा बैंक) या पब्लिक सेक्टर (Punjab National Bank तथा State Bank of India) के किसी भी बैंक से इस योजना को प्राप्त कर सकता है। ऋण प्राप्त करने के बाद किसान इसका भुगतान आसान बैंक दर के साथ कर सकता है। इस प्रकार किसान को ऋण का अधिभार वाहन नहीं करना पड़ेगा।
अगर हम ऋण की बात करें तो ₹100000 के ऋण से ज्यादा लेने पर किसान को अपनी जमीन के कागज बैंक के पास गिरवी रखने होते हैं, तभी बैंक आपको ऋण उपलब्ध करा पाएगा। किसान अगर चाहे तो उस पैसे को शादी, प्रॉपर्टी या अन्य किसी जगह भी निवेश कर सकता है। बैंक द्वारा इस तरह की कोई भी पाबंदी नहीं है कि बैंक द्वारा लिया गया ऋण सिर्फ कृषि साधनों के लिए ही मान्य है।
एक बार किसान क्रेडिट कार्ड बन जाने पर इसकी वैधता 5 वर्ष तक होती है। जब किसान की फसल तैयार होकर बिक जाती है तो किसान उस ऋण को चुका सकता है। अगर किसान लिए गए ऋण का भुगतान 1 साल के अंदर कर देता है, तो उसे ब्याज दर में 3 प्रतिशत की छूट मिलती है और इस योजना का एक ओर लाभ यह है कि अगर किसान चाहे तो 5 साल में वह ₹300000 तक की धनराशि निकाल सकता है।
अगर किसी कारण बस प्राकृतिक आपदा के कारण किसान की फसल बर्बाद हो जाती है, तो सरकार या बैंक उस केस में किसान को कुछ राहत भी उपलब्ध कराती है।
किसान क्रेडिट कार्ड की साधारण ब्याज दर 9 प्रतिशत है। मगर सरकार इस योजना का लाभ पाने वाले को 2 प्रतिशत की सब्सिडी देती है। तथा अगर ऋण समय पर जमा हो जाता है तो 3 प्रतिशत की छूट बैंक द्वारा दी जाती है। इस प्रकार सिर्फ 4 प्रतिशत ब्याज पर ही बैंक आपको ऋण देती है। यह ब्याज दर प्रतिवर्ष के हिसाब से मापी जाती है, न कि प्रतिमाह के हिसाब से।
इस प्रकार अगर देखा जाए तो यह ब्याज दर प्रतिमाह बहुत कम बैठता है। इस योजना का लाभ प्राप्त करने वाले व्यक्ति की आयु 18 – 75 वर्ष होनी चाहिए। अगर किसी वजह से KCC प्राप्तकर्ता की मृत्यु हो जाती है, तो उसके लिए बैंक द्वारा ₹50000 की धनराशि तक का मुआवजा दिया जाता है तथा विकलांगता के केस में ₹25000 तक की बीमा धनराशि दी जाती है। जो ऋणी की 70 वर्ष की आयु होने तक ही मान्य होगी। अगर ऋणी की आयु 70 वर्ष से ऊपर हो जाती है तो वह इस बीमा योजना का लाभ नहीं उठा सकता। Pashu Credit Card
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