प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण :
यह भारत सरकार द्वारा चलाई गई योजना है। जिसके अंतर्गत नगरों में रहने वाले निर्धन लोगों को उनकी क्रय शक्ति के अनुसार घर प्रदान किए जाएंगे। सरकार ने यह योजना 9 राज्यों के अंतर्गत 305 नगरों एवं कस्बों को चुना है, जिसके अंतर्गत यह योजना लागू की जाएगी। प्रधानमंत्री नगरीय आवास योजना शहरी विकास मंत्रालय के अधीन आती है।
केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना ग्रामीण क्षेत्र के लिए संचालित की गई है। इस योजना की शुरुआत 25 जून, 2015 को हुई थी तथा इसका उद्देश्य 2024 (change in december, 2021) तक सभी निर्धन परिवारों को जिनके पास घर नहीं है, घर उपलब्ध कराना है। इस योजना के लिए सरकार 20 लाख नए घरों का निर्माण कराएगी।
सरकार द्वारा इस योजना को तीन भागों में विभाजित किया गया है –
- पहला फेज (2015-2017) के अंतर्गत 100 से भी अधिक घरों का निर्माण किया गया।
- दूसरे फेस (2017-2019) के अंतर्गत सरकार ने 200 से ज्यादा शहरों में मकान बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया।
- तीसरे फेस (2019-2022) के अंतर्गत बच्चे हुए अभाव को पूरा किया गया।
- इस योजना के अंतर्गत उम्मीदवार को मिलने वाली राशि सीधे उसके खाते में ट्रांसफर की जाएगी।
- प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत उम्मीदवार को मिलने वाले मकान की लंबाई चौड़ाई लगभग 270 वर्ग फीट की होगी।
- इस योजना के अंतर्गत मकान बनाने में जो खर्चा वाहन किया जाएगा उसका भार केंद्र सरकार एवं राज्य सरकार 60 : 40 के अनुपात में विभाजित करेगी तथा पहाड़ी राज्य जैसे जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश एवं उत्तराखंड में यह अनुपात 90 : 10 का होगा।
- प्रधानमंत्री आवास योजना को स्वच्छ भारत योजना से भी जोड़ा गया है जिसके अंतर्गत शौचालय बनवाने के लिए उम्मीदवार के खाते में ₹12000 आवंटित किए जाएंगे। जिसके अंतर्गत 2 गड्ढे वाले शौचालय का निर्माण किया जाएगा।
प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना:
प्रधानमंत्री आवास योजना का नाम 2016 में इंदिरा गांधी आवास योजना से बदलकर प्रधानमंत्री आवास योजना कर दिया गया। इंदिरा गांधी आवास योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों को मिलने वाली आर्थिक मदद ₹45000 से बढ़ाकर प्रधानमंत्री आवास योजना में ₹70000 कर दिया गया है। इंदिरा गांधी आवास योजना की तरह प्रधानमंत्री ग्रामीण आवास योजना भी भारत सरकार की एक योजना है। जिसके अंतर्गत केंद्र एवं राज्यों के अनुपात में 75 : 25 का अनुपात से धनराशि को रखा गया है। इस योजना के अंतर्गत गांव में गरीबों के लिए मुफ्त में मकान का निर्माण करना है।
इस योजना में महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देने के लिए मिलने वाली राशि सिर्फ महिला के खाते में ही ट्रांसफर की जाएगी, जिससे समाज में महिला को एक महत्वपूर्ण स्थान मिल सके तथा प्राचीन काल से चली आ रही कुप्रथाओं का विनाश हो सके। इस योजना का मकसद महिला को समाज में एक उच्च दर्जा प्राप्त कराना है। इसके लिए सरकार ने लगभग सभी योजनाओं को महिलाओं के नाम पर ही आवंटित किया है। जैसे आवास योजना, गैस सिलेंडर योजना, उज्जवला योजना एवं स्वच्छ भारत मिशन आदि।
‘बेघरों को मिले घर’ स्लोगन के अंतर्गत सरकार ने आवाज से संबंधित निम्नलिखित योजनाओं को संचालित किया है जैसे –
- प्रधानमंत्री आवास योजना में 40 लाख से अधिक आवासों का निर्माण।
- मुख्यमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) में 90,255 आवासों का निर्माण।
- मुसहर वर्ग, वनटांगिया वर्ग व कुष्ठ रोग से प्रभावित परिवारों को मुफ्त।
- वनटांगिया गांवों को राजस्व ग्राम का दर्जा बुनियादी सुविधाओं का विकास।
- हर घर नल योजना के अंतर्गत 30000 ग्राम पंचायतों में शुद्ध पेयजल की योजना क्रियान्वित।
- वरासत अभियान के अंतर्गत जमीन से जुड़े 9 लाख से अधिक मामलों का निस्तारण।