केसर-ए-हिंद एक प्रकार की तितली है। भारत में विभिन्न प्रकार की तितलियां पाई जाती हैं, जो अपनी सुंदरता एवं अपने रंगों के लिए जानी जाती हैं। मगर के केसर-ए-हिंद चीन में पाई जाने वाली एक तितली है जो अरूणाचल प्रदेश में भी पाई जाती है। केसर-ए-हिंद तितली का वैज्ञानिक नाम टीनोपालपस इम्पीरियलिस है। अगर हम इसका हिंदी उच्चारण करते हैं तो इसे भारत का सम्राट कहते हैं। केसर-ए-हिंद के पंखों की लंबाई लगभग 90 से 120 एमएम तक होती है।
यह उत्तर पूर्वी भारत के (6000 से 10000 फीट की ऊंचाई पर) क्षेत्र में पाई जाती है। तथा भारत से लगे देश भूटान, नेपाल, चीन, वियतनाम, लाओस तथा म्यांमार में मुख्यतः देखने को मिलती है।
भारत सरकार की तरफ से तितली को संरक्षित करने के लिए केसर-ए-हिंद वन्य जीव संरक्षण अधिनियम 1972 अनुसूचित-2 में इसका वर्णन किया गया है। तथा आईयूसीएन के द्वारा इसे रेट लिस्ट में भी शामिल किया गया।
तितली को संरक्षण देने के लिए भारत के पहले तितली उद्यान को बंनेर्घट्टा राष्ट्रीय उद्यान कर्नाटक में विकसित किया गया है।
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Kesar-e-Hind is a type of butterfly. Various types of butterflies are found in India, which are known for their beauty and their colors. Magar’s Kesar-e-Hind is a butterfly found in China which is also found in Arunachal Pradesh. The scientific name of Kesar-e-Hind butterfly is Tinopalpus imperialis. If we pronounce it in Hindi, then it is called the Emperor of India. The length of the wings of Kesar-e-Hind is about 90 to 120 mm.
It is found in the region of North Eastern India (at an altitude of 6000 to 10000 feet). And the countries adjacent to India are mainly seen in Bhutan, Nepal, China, Vietnam, Laos and Myanmar.
It has been described in the Kesar-e-Hind Wildlife Protection Act 1972 Schedule-2 to preserve the butterfly on behalf of the Government of India. And it was also included in the rate list by IUCN.
India’s first butterfly garden has been developed at Bannerghatta National Park, Karnataka to conserve the butterfly.