ग्राम उजाला योजना के अंतर्गत केंद्र सरकार ने पुराने पीले बल्ब (100/200 वाट) को हटाकर नए LED बल्ब लगाए, ताकि बिजली का बिल कम आये तथा कोयला एवं गैस पर निर्भरता को कम किया जा सके। पीले बल्ब अर्थात 100-200 वाट के बल्ब, LED के अनुपात में बहुत अधिक बिजली खर्च करते हैं। इसलिए सरकार पीले बल्ब को हटाकर LED बल्ब लगाए, जिसकी रोशनी सफेद होती है।
ग्राम उजाला योजना से लाभान्वित राज्य
ग्राम उजाला योजना बिहार, उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, तेलंगाना तथा आंध्र प्रदेश में चल रही है। इस योजना की शुरुआत 19 मार्च 2021 को हुई तथा यह योजना 31 मार्च, 2022 तक चली। जिसके माध्यम से 12 वाट का बल्ब मात्र ₹10 में दिए गए। इस योजना का लाभ सिर्फ ग्रामीणों को ही दिया गया। यह योजना केंद्र सरकार द्वारा चलाई जा रही थी।
CESL अर्थात सरकारी कंपनी कंजर्वेशंस एनर्जी सर्विसेज लिमिटेड ने प्रत्येक परिवार के लिए 5 बल्ब दिए, जो 7-12 वाट तक थे। रिपोर्ट के अनुसार, अब तक 60 लाख LED बल्ब बांटे जा सके हैं।
ग्राम उजाला योजना से लाभ
- बिजली मंत्रालय के अनुसार, इस योजना से सालाना करीब 250 करोड रुपए की बचत होगी।
- ग्राम उजाला योजना से कार्बन उत्सर्जन को कम किया जा सकता है।
- इस योजना से कोयला एवं गैस पर निर्भरता को कम किया जाएगा।
- मात्र ₹10 में बल्ब लेने के लिए ग्राहक को पीले बल्ब को वापस या जमा करना होगा।
- जो बल्ब सरकार द्वारा वितरित किए जाएंगे, वह उच्च क्वालिटी के एवं 3 साल की वारंटी के साथ होंगे।
- एक व्यक्ति जिसके नाम बिजली का कनेक्शन है, वह 5 बल्ब तक ले सकता है।
ग्राम उजाला योजना का उद्देश्य
सरकार ने गांव-गांव एवं घर-घर बिजली पहुंचाकर अपना उद्देश्य पूरा किया था। मगर भारत देश में बहुत से गांव ऐसे हैं, जहां पर बल्ब खरीदने एवं बिजली का बिल भरने के लिए भी पैसे नहीं है। इसलिए सरकार ने सरकारी कंपनी CESL के साथ मिलकर 1.5 करोड़ LED बल्ब वितरित करने का लक्ष्य रखा है। ताकि घर घर बिजली पहुंचाई जा सके।