सकट चौथ व्रत माघ महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थ तिथि को मनाया जाता है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार, यह 29 जनवरी को मनाया जाएगा। इस त्यौहार में संकट हरण गणपति (भगवान गणेश) की पूजा की जाती है। इस दिन विद्या, बुद्धि एवं चन्द्रमा की पूजा भी की जाती है। इस त्यौहार पर शाम के समय ही पूजा की जाती है तथा दान दिया जाता है।
सकट चौथ व्रत का उद्देश्य
इस त्यौहार पर स्त्रियां अपनी सन्तान की लंबी आयु के लिए व्रत रखती हैं। इस व्रत में स्त्रियां किसी प्रकार का भोजन या पेय पदार्थ का सेवन नहीं करती, बल्कि शाम होने के बाद गणेश एवं चंद्रमा की पूजा समाप्त करने के बाद ही अन्न जल ग्रहण करती हैं।
सकट चौथ पर भोजन
इस त्यौहार में स्त्रियां शाम के समय पूरी एवं कचौरी का पकवान बनाती हैं तथा तिल के लड्डू का भोग लगाती हैं। इस त्यौहार के दिन घर में बने हुए पकवान का दान भी किया जाता है। अर्थात गरीब लोगों को भोजन कराया जाता है एवं दान दिया जाता है।
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सकट चतुर्थी का व्रत रखने से व्यक्ति की मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती है तथा सभी सकट दूर हो जाते हैं। यह त्यौहार उत्तर भारत में बहुत प्रसिद्ध है।