NRI का पूरा नाम Non-resident Indian होता है, इसे हिंदी भाषा में क्या कहते हैं?

NRI का पूरा नाम Non-resident Indian होता है, जिसे हिंदी भाषा में प्रवासी भारतीय कहते हैं। अर्थात व्यक्ति भारत का निवासी नहीं है।

भारत में रहने वाला कोई भी व्यक्ति जो भारत की नागरिकता को छोड़कर किसी अन्य देश की नागरिकता ग्रहण कर लेता है, उसे NRI कहते हैं। अर्थात जो व्यक्ति अपने देश को छोड़कर दूसरे देश में कानूनी रूप से रहने लगता है, उसे एन आर आई का दर्जा दिया जाता है। उदाहरण के तौर पर यदि कोई भारतीय व्यक्ति अमेरिका में जाकर रहने लगता है तो वह एन आर आई कहलायेगा। इस तरह का नियम पूरे विश्व में लागू है, कोई भी व्यक्ति किसी भी देश की नागरिकता ग्रहण कर सकता है। इसके लिए कुछ शर्तें एवं नियम लागू होते हैं, जो नागरिकता ग्रहण करने वाले व्यक्ति को पूरे करने होते है।

NRI बनने के नियम

किसी भी व्यक्ति को NRI का दर्जा प्राप्त करने के लिए उसे 180 दिन यानी 6 महीने विदेश में रहना पड़ता है। उसके बाद वह विदेश में रहकर निवेश कर सकता है। मगर सरकार इसे 180 दिन यानी 6 महीने से बढ़ाकर 270 दिन यानी 9 महीने करने जा रही है। इन शर्तों के अनुसार NRI व्यक्ति भारत में 1 महीने में सिर्फ 6-7 दिन भारत में रह सकता है बाकी दिन उसे विदेश में ही गुजारने पड़ेंगे, ऐसा न करने पर वह एन आर आई सूची से निलंबित हो सकता है।

NRI बनने के कारण

प्राचीन काल से ही भारतीय नागरिक विदेशों में रहकर, उस देश के नागरिकता ग्रहण कर लेते थे, और विदेशी भारत की नागरिकता ग्रहण कर लेते थे। उदाहरण के तौर पर मुगल साम्राज्य के संस्थापक बाबर ने अपने देश को छोड़कर भारतीय नागरिकता ग्रहण की। और भारतीय लोग भी अमेरिका, इंग्लैंड तथा कनाडा में जाकर बस गए। इसके पीछे निम्नलिखित कारण थे –

  1.  उच्च शिक्षा के कारण।
  2. नौकरी एवं व्यवसाय आदि के कारण।
  3. उच्च वर्ग के अत्याचारों से बचने के लिए।

विदेशों में या भारत में NRI की स्थिति

भारत की संस्कृति प्राचीन काल से ही अपने मेहमानों को भगवान के रूप में मानती है। चाहे वह किसी देश, धर्म या किसी समुदाय से ही क्यों न हो।

मगर भारतीय लोग जो विदेशों में एन आर आई या स्थाई निवासी बन कर रह रहे हैं पिछले कुछ सालों में उन पर आए दिन अत्याचार हो रहे हैं। पिछले 10 सालों में ऑस्ट्रेलिया में कुछ इस तरह की घटनाएं सामने आई। मगर कुछ भारतीय उच्च पदों पर स्थित है। उदाहरण के तौर पर सुंदर पिचाई, सत्य नडेला, कमला हैरिस तथा बहुत से इंजीनियर, वैज्ञानिक तथा डॉक्टर्स विदेशों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। इस प्रकार अगर देखा जाए तो भारतीय नागरिक विदेशों में उच्च स्तर पर परचम लहरा रहे हैं।

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