यह देश की सबसे बड़ी बहुउद्देशीय परियोजना है। इस परियोजना की शुरुआत 1948 में की गई थी। यह पंजाब, हरियाणा और राजस्थान राज्यों की संयुक्त परियोजना है।
सतलज नदी पर निर्मित बांध
- भाखड़ा बांध : यह बांध पंजाब में रोपड़ जिले के भाखड़ा स्थान पर बनाया गया है। यहां सतलज नदी शिवालिक की नैना देवी श्रेणी को काटकर घाटी बनाती है।
- गोविंद सागर जलाशय : यह भाखड़ा बांध के पीछे बनाया गया है। यह 85 किलोमीटर लंबा एवं 8 किलोमीटर चौड़ा है। यह सीमेंट एवं कंक्रीट से बना है जो अन्य बांधों में सबसे बड़ा है।
- नांगल बांध : यहां सतलज नदी मैदान में नांगल नामक स्थान पर प्रवेश करती है। उसी स्थान पर यह बांध बनाया गया है। यह भाखड़ा का सहायक बांध है। जो भाखड़ा बांध के अतिरिक्त जल को संचित करता है। भाखड़ा से 12 किलोमीटर नीचे एक अवरोधक बांध है।
नांगल जल विद्युत नहर
यह नहर नांगल बांध के बाएं से निकाली गई है, जो रोपड़ के निकट भाखड़ा नहर में मिल जाती है। यहां 3 जल विद्युत केंद्र स्थित है।
- गंगुवाल
- कोटला
- रोपड़
भाखड़ा बांध पर भी दोनों किनारों पर जल विद्युत केंद्र स्थित हैं।
प्रमुख सिंचाई नहरें
- भाखड़ा नहर
- बिस्ट दोआब नहर
- सरहिंद नहर
- रवाना शाखा नहर
सिंचाई के कुल सिंचित भूमि का हरियाणा 46 प्रतिशत, पंजाब 38 प्रतिशत और राजस्थान 16 प्रतिशत है। कुल मिलाकर 15 लाख हेक्टेयर भूमि की सिंचाई होती है। यहां से विद्युत की आपूर्ति पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश एवं दिल्ली को होती है।