माही परियोजना को जमनालाल बजाज सागर परियोजना के नाम से भी जाना जाता है। माही नदी पर बजाज सागर बांध बनाया गया है। इस बांध को बनाने में कनाडा की महत्वपूर्ण भूमिका है। यह गुजरात, राजस्थान तथा मध्यप्रदेश की संयुक्त परियोजना है। इस परियोजना के नियम तत्कालीन वित्त मंत्री मोरारजी देसाई द्वारा रखी गई थी।
माही परियोजना का उद्देश्य
इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य सिंचाई एवं विद्युत उत्पादन करना है। इसके साथ-साथ दामोदर नदी पर आने वाली बाढ़ को भी नियंत्रित करना है।
माही नदी के बारे में
माही नदी, पश्चिमी भारत की एक प्रमुख नदी है। इस नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के धार जिले के समीप विंध्या पर्वत श्रेणी से हुआ है। यह मध्य प्रदेश, राजस्थान व गुजरात में प्रवाहित होते हुए खंभात की खाड़ी में अपना जल गिराती है। इस नदी की लंबाई 576 किमी है। यह नदी जिन क्षेत्रों से गुजरती है, वहां की जलवायु अर्थ शुष्क एवं भूमि पथरीली है। यहां कुओं की खुदाई करना बहुत कठिन काम है, इसलिए इस नहर का निर्माण किया गया। इस नदी पर बजाज सागर बांध एवं कडाणा बांध बनाए गए हैं। यह भारत की एकमात्र ऐसी नदी है, जो कर्क रेखा को दो बार काटती है एवं भारत की पवित्र नदियों में से एक है। इसकी सहायक नदियों में सोम, जाखम, चाप, अनास, मोरेन तथा इरु आदि नदियां हैं। Click for new jobs.