यूरो मानक
मोटर वाहनों से उत्सर्जित होने वाली प्रदूषक गैसों तथा कणिकीय पदार्थों पर नियंत्रण रखने के लिए 27 देशों के यूरोपीय संघ ने जो उत्सर्जन मानक निर्धारित किए थे, उन्हें यूरो मानक कहते हैं। यूरोपीय देश मोटर वाहनों के कारण होने वाले प्रदूषण के प्रति बहुत पहले ही सचेत हो गए थे। अतः उन्होंने अपने देशों में 1992 में यूरो मानक 1 तथा 1997 में यूरो मानक 2 लागू कर दिया था
बीएस (भारत स्टेज)
बीएस (भारत स्टेज) इसका संबंध स्पष्ट रूप से उत्सर्जन मानकों या प्रदूषण को कम करने से है। भारत स्टेज (Bharat Stage) उत्सर्जन मानक आतंरिक दहन और इंजन तथा स्पार्क इग्निशन इंजन के उपकरण से उत्सर्जित वायु प्रदूषण को विनियमित करने के मानक हैं। ये मानक भारत सरकार के पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के अंतर्गत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा तय किये जाते हैं।
यूरोपीय विनियमों पर आधारित इन मानकों को पहली बार 2000 में लागू किया गया था। उसी समय से लगातार मानदंडों को सख्त किया जा रहा है। मानकों के लागू होने के पश्चात निर्मित सभी नए वाहनों के लिए इन विनियमों के अनुरूप होना आवश्यक है। अक्टूबर 2010 से पूरे देश में भारत स्टेज (Bharat Stage) III मानकों को लागू किया गया। 13 प्रमुख शहरों में तो भारत स्टेज IV उत्सर्जन मानक अप्रैल 2010 से लागू हैं, जबकि, अप्रैल 2017 से इन्हें पूरे देश में लागू किया गया है। भारत सरकार ने 2016 में घोषणा की कि, BS-V मानकों को लागू करने के बजाय 2020 तक पूरे देश में सीधे बीएस-VI मानकों को अपनाया जायेगा।
बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए 15 नवंबर, 2017 को भारत के पेट्रोलियम मंत्रालय ने सार्वजनिक तेल विपणन कंपनियों के साथ परामर्श करके यह निर्णय लिया कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली में BS-VI ग्रेड वाहन ईंधनों को 1 अप्रैल, 2020 के बजाय अब 1 अप्रैल, 2018 से ही लाया जायेगा।