नर्मदा घाटी परियोजना, नर्मदा नदी पर गुजरात, मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र की एक संयुक्त परियोजना है। इसमें नर्मदा एवं सहायक नदियों पर 30 बड़े बांध, 135 मध्यम बांध तथा 3,000 छोटे बांधों का निर्माण किया जाना है। यह विश्व की घाटी परियोजनाओं में सबसे विशाल है।
नर्मदा घाटी परियोजना के उद्देश्य
नर्मदा घाटी परियोजना के निम्नलिखित उद्देश्य हैं।
- बाढ़ नियंत्रण इसका मुख्य उद्देश्य है।
- सिंचाई व्यवस्था तथा
- विद्युत उत्पादन
नर्मदा घाटी परियोजना पर 2 बड़े बांधों का निर्माण किया गया है।
- सरदार सरोवर बांध परियोजना : नवगांव के निकट गुजरात के बड़ौच में स्थापित। यह भारत का दूसरा सबसे बड़ा बांध है। इसकी ऊंचाई 138.72 मीटर होगी। वर्तमान में 90 मीटर तक ऊंचाई बढ़ाने की अनुमति उच्च न्यायालय ने दे दी है। नर्मदा नदी पर बनने वाले 30 बांधों में सरदार सरोवर और महेश्वर दो सबसे बड़ी बांध परियोजना है।
- नर्मदा सागर बांध परियोजना : मध्य प्रदेश के खंडवा जिले में इस बांध का निर्माण हो रहा है। नर्मदा घाटी परियोजना मध्य प्रदेश की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक है। यह परियोजना प्रदेश की जीवनदायिनी कहीं जाने वाली नर्मदा नदी पर स्थित है। तथा भारत की एक महत्वपूर्ण परियोजनाओं में शामिल है। नर्मदा नदी का 87 प्रतिशत भाग मध्य प्रदेश में, 2 प्रतिशत महाराष्ट्र में तथा 11 प्रतिशत गुजरात में प्रवाहित होता है। इसे गुजरात की जीवन रेखा भी कहते हैं।
- महेश्वर बांध : यह तीसरा महत्वपूर्ण बांध है इस परियोजना के पूर्ण हो जाने के बाद लगभग 15 लाख हेक्टेयर भूमि पर इस पर योजनाओं की मदद से सिंचाई संभव हो सकेगी। वर्तमान समय में ‘नर्मदा बचाओ आंदोलन’ के अंतर्गत इस परियोजना का विरोध हो रहा है।